For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
  • 71, Male
  • भिलाई , (छत्तीस गढ़ )
  • India
Share on Facebook MySpace

गिरिराज भंडारी's Friends

  • Mayank Kumar Dwivedi
  • Pratibha Pandey
  • Rajesh Jaiswara 'राज जौनपुरी'
  • पंकजोम " प्रेम "
  • बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'
  • आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला'
  • Kalipad Prasad Mandal
  • Arpana Sharma
  • सतविन्द्र कुमार राणा
  • S.S Dipu
  • Govind pandit 'swapnadarshi'
  • Krish mishra 'jaan' gorakhpuri
  • VIRENDER VEER MEHTA
  • maharshi tripathi
  • Hari Prakash Dubey
 

गिरिराज भंडारी's Page

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल कर दी आपका हार्दिक आभार |"
Aug 6

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको पसंद आना , ये और कुछ अच्छा कहने के लिए हिम्मत बढ़ा रहा है , आपका आभार   "
Aug 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह हू~ -  हक़ीक़त पचाना न था इतना आसां हुआ सब पे सच का असर धीरे धीरे   ... उस्तादाना  ज़बाँ की लड़ाई अना  का है क़िस्सा ये समझोगे…"
Aug 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय है.  विशेषकर, निम्नलिखित अश’आर के लिए विशेष बधाइयाँ -  मुझे है यकीं कि वो आयेगा, तो मैं रोशनी में नहाऊंगा कहो आफताब से जा के ये, कि…"
Aug 6

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी प्रस्तुति पर पुन: आता हूँ।  करूँगा मैं चर्चा सबुर आप रक्खें  पुन: आ रहा हूँ मगर धीरे-धीरे "
Jul 25
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Jul 24

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
Jul 18

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
Jul 18

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 18

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Jul 16

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे  धीरेतो फिर क्यूँ न आये हुनर धीरे धीरेचमत्कार पर तुम भरोसा करो मतबदलती  है  दुनिया मगर धीरे धीरेहक़ीक़त पचाना न था इतना आसांहुआ सब पे सच का असर धीरे धीरेज़बाँ की लड़ाई अना  का है क़िस्साये समझोगे तुम भी मगर धीरे धीरेग़मे ज़िंदगी ने यूँ ग़फ़लत में  डालाहुये इल्मो  फन बे असर धीरे  धीरेजिधर रोशनी की झलक मिल रही हैचलो ना, चलें  हम  उधर धीरे धीरेमुहब्बत इनायत शिकायत या नफरतकरेंगे  ये सारे   असर   धीरे  धीरेअँधेरा …See More
Jul 14

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 14
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी सादर अभिवादन। एक जटिल बह्र में खूबसूरत गजल कही है। हार्दिक बधाई।"
Jun 28
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन।उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Jun 27

Profile Information

Gender
Male
City State
bhilai
Native Place
khairagarh
Profession
अवकाश प्राप्त , भिलाई स्टील प्लांट कर्म चारी
About me
I like to express thoughts through geet ,gazal

गिरिराज भंडारी's Photos

  • Add Photos
  • View All

गिरिराज भंडारी's Blog

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे 

१२२    १२२     १२२     १२२   



बढी भी तो थी ये उमर धीरे  धीरे

तो फिर क्यूँ न आये हुनर धीरे धीरे

चमत्कार पर तुम भरोसा करो मत

बदलती  है  दुनिया मगर धीरे धीरे

हक़ीक़त पचाना न था इतना आसां

हुआ सब पे सच का असर धीरे धीरे

ज़बाँ की लड़ाई अना  का है क़िस्सा

ये समझोगे तुम भी मगर धीरे धीरे

ग़मे ज़िंदगी ने यूँ ग़फ़लत में  डाला

हुये इल्मो  फन बे असर…

Continue

Posted on July 14, 2025 at 7:58pm — 8 Comments

ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )

११२१२     ११२१२       ११२१२     ११२१२  

मुझे दूसरी का पता नहीं 

***********************

तुझे है पता तो बता मुझे, मैं ये जान लूँ तो बुरा नहीं

मेरी ज़िन्दगी यही एक है, मुझे दूसरी का पता नहीं

 

मुझे है यकीं कि वो आयेगा, तो मैं रोशनी में नहाऊंगा

कहो आफताब से जा के ये, कि यक़ीन से मैं हटा नहीं

 

कहे इंतिकाम उसे मार…

Continue

Posted on June 26, 2025 at 8:30pm — 4 Comments

ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )

१२२२    १२२२     १२२२      १२२

मेरा घेरा ये बाहों का तेरा बन्धन नहीं है

इसे तू तोड़ के जाये मुझे अड़चन नहीं है

 

समय की धार ने बदला है साँपों को भी शायद

वो लिपटे हैं मेरी बाहों से जो चन्दन नहीं है

 

जिन्हों ने कामनाओं की जकड़ स्वीकार की थी   

उन्हीं की भावनाओं में बची जकड़न नहीं है

 

न लो…

Continue

Posted on May 29, 2025 at 8:00pm — 11 Comments

ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )

२१२२    २१२२      २१२

गुफ़्तगू चुप्पी इशारा सब ग़लत

बारहा तुमको पुकारा सब ग़लत

 

ये समंदर ठीक है, खारा सही

ताल नदिया वो बहारा सब ग़लत

 

रोज़ डूबे, रोज़ लाया खींच कर

एक दिन क़िस्मत से हारा, सब ग़लत

 

एक क्यारी को लबालब भर दिये

भोगता जो बाग़ सारा, सब…

Continue

Posted on April 30, 2025 at 11:00am — 9 Comments

Comment Wall (47 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:15pm on May 18, 2025, Shabla Arora said…

आभार आदरणीय 🙏🙏

At 12:02pm on May 11, 2020, TEJ VEER SINGH said…

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनायें। ईश्वर सदैव सुख, शाँति और समृद्धि प्रदान करें। स्वस्थ रहें। दीर्घायु बनें।जीवन में हमेशा उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें।

 

At 7:03pm on January 3, 2016, Sushil Sarna said…

नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।

सुशील सरना

At 9:17am on May 11, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीय गिरिराज सर,  आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें !

आपके स्वस्थ, शांतिमय, सुखी एवं उज्जवल जीवन की कामना करता हूँ.

At 9:40am on April 21, 2015, Dr. Vijai Shanker said…
आपका ह्रदय से स्वागत है , सादर।
At 11:15am on January 4, 2015, दिनेश कुमार said…
Shukriya sir ji
At 8:17am on October 10, 2014, somesh kumar said…

आदरणीय 

           आप को इस मंच पे पाकर सुखद अहसास हुआ |निसन्देह शुरु से आप के मार्गदर्शन के कारण ही मैं f -बुक पे लगतार लिखने और आगे बढ़ने का साहस जुटा सका हूँ |कई दिनों से आप का आशीष न मिलने से मेरे लेखन-कर्म में बिखराव आने लगा है |अभी यहीं से विदित हुआ की आप सम्पूर्ण परिवार समेत वायरल फ़ीवर से जूझ रहे हैं |सम्पूर्ण परिवार के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ |आप की रचनाओं से हमेशा मार्गदर्शन मिलता है |आप को और आप की सुंदर भावपूर्ण रचनाओं को प्रेम |

At 9:43pm on September 5, 2014, Ganga Dhar Sharma 'Hindustan' said…

भंडारी जी ,

आपकी एक से एक उच्च कोटि की  रचनाएँ पढ़कर मन आनंद से भर गया....भावों की सहज अभिव्यक्तियों से सजी ....जीवन की सच्चाइयों से सामना कराती ......अपने युग का बोध कराती ..........................................गंगा धर शर्मा 'हिंदुस्तान'

At 1:33pm on April 2, 2014, Neelam Madiratta said…

अप का शुक्रिया ..हार्दिक आभार ...नीलम 

At 3:54pm on March 21, 2014, Mukesh Verma "Chiragh" said…

धन्यवाद

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"शुक्रिया आदरणीय चेतन जी इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए तीसरे का सानी स्पष्ट करने की कोशिश जारी है ताज में…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"संवेदनाहीन और क्रूरता का बखान भी कविता हो सकती है, पहली बार जाना !  औचित्य काव्य  / कविता…"
6 hours ago
Chetan Prakash commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"अच्छी ग़ज़ल हुई, भाई  आज़ी तमाम! लेकिन तीसरे शे'र के सानी का भाव  स्पष्ट  नहीं…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेद्र इन्सान जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई।  मतला प्रभावी हुआ है. अलबत्ता,…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Wednesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
Wednesday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
Wednesday
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
Tuesday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service