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Pratibha Pandey
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Dayaram Methani and Pratibha Pandey are now friends
Jul 18, 2022
C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" commented on Pratibha Pandey's blog post काश हम हवा होते
"'काश हम हवा होते ' कोमल भावनाओं से परिपूर्ण अच्छी रचना | बधाई प्रतिभा पाण्डे जी | "
Nov 15, 2021
Pratibha Pandey posted a blog post

काश हम हवा होते

कुछ तो बात है इन हवाओं में जो तुम्हें छूकर आ रही हैं ,बताती हैं वो कशिश जो तुमसे मिलकर महसूस होती है,तुम्हारी तड़प और बेचैनी का भी हाल बयान करती हैं,अब तो ऐसा हाल है की कुछ जलन सी होने लगी है इन हवाओँ से ,अगर हम हवा होते तो बस कभी भी इन ज़ुल्फों को फहराकर छुप जाते ,इस चेहरे की चमक बन जाते ,इन आँखों की नमी बन कभी कभी छलक जाते ,इन होठों की मुस्कान बन खिल ही जाते,कानों के झुमकों को थोड़ा-सा हिलाकर ख़ूब ख़ुश हो जाते ,हाथों की चूड़ियों को आपस में टकरा देते और उस खनक का आनंद उठाते ,बस हम हवा होते तो हमेशा…See More
Aug 26, 2019
Pratibha Pandey commented on Sushil Sarna's blog post ऐ पवन ! ....
"सुन्दर रचना सर ,हवा(पवन) पर तो हम भी कुछ कहना चाहते है "
Aug 25, 2019
डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव left a comment for Pratibha Pandey
"आई० आपको मित्र के रूप में पाना मेरा सौभाग्य है  i आपकी लेखनी उर्वर बनी रहे i सादर i "
Aug 20, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"जी सर , आप की बात शिरोधार्य , बिना छंद और विधान लिखे बिना भी मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद्  कोशिश करुँगी की छंद का ज्ञान पा  सकूँ "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"होसला अफजाही के लिए शुक्रिया सर , "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
" होसला देने के लिए धन्यवाद्  mam "
Aug 18, 2019
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"जी सर ,मेरी अबोध रचना पर आप गुनी जानो की दृष्टि पड़ी सो आभार  छंद सिखने और प्रस्तुत करने की कोशिश जारी  रखूंगी , धन्यवाद सर "
Aug 18, 2019
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"सुन्दर शब्दों के लिए आभार ,और आपके सानिध्य में छंद सीखने और प्रस्तुत करने का प्रयास करुँगी "
Aug 18, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
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"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"शहर की गलियों में आज जो मैंने देखा है | वर्षा जल से भरा हुआ गली का हर कोना है ||   यूँ तो वर्षा का मोल बहुत है सावन और भादो में | उतना ही अनमोल है वह बच्चों के क्रीड़ा कलापों में ||   सड़कें तो अब दिखती नहीं चारों ओर भरा जो पानी | निचले…"
Aug 17, 2019
Pratibha Pandey replied to Admin's discussion ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 100 in the group चित्र से काव्य तक
"आप सभी महान काव्य छंद रचनाकारों को प्रणाम | आप सभी की उत्तम रचना के बीच मेरी अबोध रचना को एक छोटा सा स्थान  मिल सके इसी आशा में मेरा प्रयास स्वीकार करें "
Aug 17, 2019
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चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Aug 17, 2019

Profile Information

Gender
Female
City State
Delhi
Native Place
Gorakhpur
Profession
none
About me
something to think every time

Pratibha Pandey's Blog

काश हम हवा होते

कुछ तो बात है इन हवाओं में जो तुम्हें छूकर आ रही हैं ,
बताती हैं वो कशिश जो तुमसे मिलकर महसूस होती है,
तुम्हारी तड़प और बेचैनी का भी हाल बयान करती हैं,
अब तो ऐसा हाल है की कुछ जलन सी होने लगी है इन हवाओँ से ,
अगर हम हवा होते तो बस कभी भी इन ज़ुल्फों को फहराकर छुप जाते ,
इस…
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Posted on August 25, 2019 at 7:00am — 1 Comment

वियोग

￰मिले थे हम यूँ किनारे समंदर था पहाड़ थे ,
जीवन शैली के कुछ नए अरमान थे ,
कुछ नए पुराने से आयाम थे,
कुछ तड़प थी कुछ झड़प थी ,…
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Posted on August 15, 2019 at 5:30pm — 2 Comments

चाँद सितारे

दिन ढला तो शाम हुई, शाम ढली तो रात,

रात जो आई तो ख़ुश हुए, चाँद और तारे हज़ार||

तारे बोले ऐ चाँद, 

तरसते रहते दिनभर, हम तेरे दीदार को,

पर सूरज भैया को कैसे धमकाएँ,

राज करते धरती और आसमान पर जो||…

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Posted on August 9, 2019 at 5:01pm — 8 Comments

आगाज़

एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो||

घर गृहथी का कार्य करो , और अपना भी कुछ सम्मान करो ||

पत्नी बनो, माँ बनो और बन जाओ एक लेखिका भी ||

लेखिका बनकर खिलादो वो सारे ज़ज़्बात भी||

मन बुद्धि शब्दों से बुद्धि मन पर प्रहार करो ||

एक तिल से ताड़ करो , आराम नहीं आगाज़ करो

कलम कागज़ को दोस्त बनाओ देकर उन्हें लेखन का न्योता

न्योता देकर पास बुलाओ और फिर करलो एक समझौता

की मेरा साथ निभाओगे और सभी दबे ज़ज़्बात खिलाओगे

एक तिल से…

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Posted on August 3, 2019 at 12:30am — 4 Comments

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At 3:22pm on August 20, 2019, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आई० आपको मित्र के रूप में पाना मेरा सौभाग्य है  i आपकी लेखनी उर्वर बनी रहे i सादर i 

 
 
 

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