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२१२२ २१२२ २१२
गुफ़्तगू चुप्पी इशारा सब ग़लत
बारहा तुमको पुकारा सब ग़लत
ये समंदर ठीक है, खारा सही
ताल नदिया वो बहारा सब ग़लत
रोज़ डूबे, रोज़ लाया खींच कर
एक दिन क़िस्मत से हारा, सब ग़लत
एक क्यारी को लबालब भर दिये
भोगता जो बाग़ सारा, सब…
ContinuePosted on April 30, 2025 at 11:00am — 2 Comments
एक धरती जो सदा से जल रही है
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२१२२ २१२२ २१२२
'मन के कोने में इक इच्छा पल रही है'
पर वो चुप है, आज तक निश्चल रही है
एक चुप्पी सालती है रोज़ मुझको
एक चुप्पी है जो अब तक खल रही है
बूँद जो बारिश में टपकी सर पे तेरे
सच यही है बूंद कल बादल रही…
ContinuePosted on April 19, 2025 at 5:46pm — 12 Comments
22 22 22 22 22 2
तू पर उगा, मैं आसमाँ तलाश रहा हूँ
हम रह सकें ऐसा जहाँ तलाश रहा हूँ
ज़र्रों में माहताब का हो अक्स नुमाया
पगडंडियों में कहकशाँ तलाश रहा हूँ
खामोशियाँ देतीं है घुटन सच ही कहा है
मैं इसलिये तो हमज़बाँ तलाश रहा हूँ
जलती हुई बस्ती की गुनहगार हवा अब
थम जाये वहीं,.. वो बयाँ तलाश रहा हूँ
मैं खो चुका हूँ शह’र तेरी भीड़ में ऐसे
हालात ये, कि ज़िस्म ओ जाँ तलाश रहा…
ContinuePosted on November 7, 2017 at 8:22am — 35 Comments
22 22 22 22 22 22 22 2
वो जितना गिरता है उतना ही कोई गिर जाये तो
उसकी ही भाषा में उसको सच कोई समझाये तो
सूरज से कहना, मत निकले या बदली में छिप जाये
जुगनू जल के अर्थ उजाले का सबको समझाये तो
मैं मानूँगा ईद, दीवाली, और मना लूँ होली भी
ग़लती करके यार मेरा इक दिन ख़ुद पे शरमाये तो
तेरी ख़ातिर ख़ामोशी की मैं तो क़समें खा लूँ, पर
कोई सियासी ओछी बातों से मुझको उकसाये तो
कहा तुम्हारा मैनें माना,…
ContinuePosted on October 29, 2017 at 6:11pm — 25 Comments
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनायें। ईश्वर सदैव सुख, शाँति और समृद्धि प्रदान करें। स्वस्थ रहें। दीर्घायु बनें।जीवन में हमेशा उन्नति के पथ पर अग्रसर रहें।
नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।
सुशील सरना
आदरणीय
आप को इस मंच पे पाकर सुखद अहसास हुआ |निसन्देह शुरु से आप के मार्गदर्शन के कारण ही मैं f -बुक पे लगतार लिखने और आगे बढ़ने का साहस जुटा सका हूँ |कई दिनों से आप का आशीष न मिलने से मेरे लेखन-कर्म में बिखराव आने लगा है |अभी यहीं से विदित हुआ की आप सम्पूर्ण परिवार समेत वायरल फ़ीवर से जूझ रहे हैं |सम्पूर्ण परिवार के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ |आप की रचनाओं से हमेशा मार्गदर्शन मिलता है |आप को और आप की सुंदर भावपूर्ण रचनाओं को प्रेम |
भंडारी जी ,
आपकी एक से एक उच्च कोटि की रचनाएँ पढ़कर मन आनंद से भर गया....भावों की सहज अभिव्यक्तियों से सजी ....जीवन की सच्चाइयों से सामना कराती ......अपने युग का बोध कराती ..........................................गंगा धर शर्मा 'हिंदुस्तान'
अप का शुक्रिया ..हार्दिक आभार ...नीलम
धन्यवाद
छोटे भाई,
सात दोहे को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" से सम्मानित किया गया है।
यह जानकर प्रसन्नता हुई, हृदय से बधाई
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