For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रामबली गुप्ता
  • Male
  • Deoria, U.P.
  • India
Share on Facebook MySpace

रामबली गुप्ता's Friends

  • Lalit Nageshwar Maharaj
  • सुरेश कुमार 'कल्याण'
  • सतविन्द्र कुमार राणा
  • Samar kabeer
  • डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव
  • Sushil Sarna
  • SALIM RAZA REWA
  • vijay nikore
  • Shyam Narain Verma
  • मिथिलेश वामनकर
 

रामबली गुप्ता's Page

Latest Activity

रामबली गुप्ता posted a blog post

पिया का पत्र

आज खुशी से झूमूँ सखि री पत्र पिया का आया है भाव भरे अक्षर-अक्षर ने ये तन-मन हर्षाया हैलिखते, प्रिये! तुम्हीं से सब कुछ, सुख-दुख की सहभागी तुम तुमने इस जीवन में खुशियों का सावन बरसाया है रहता था निर्वासित सा मन जीवन के निर्जन वन में पावन प्यार भरा गृह इसको तुमने ही लौटाया हैकहते- पीर भरा यह जीवन जो तपते मरुथल सा था पाकर तेरा स्नेह सलिल अब हरा भरा हो आया हैनीरव हिय का रंगमहल था साज-बाज सब सूने थे तेरी पायल की छम छम ने सुर से इसे सजाया हैसुन सखिया हैं आगे लिखते-- निर्मल मन मन्दिर मेरा प्रभु की…See More
Feb 11
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"हार्दिक धन्यवाद भाई ब्रजेश कुमार जी"
Jan 30
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"हार्दिक आभार आदरणीय समर भाई साहब। कुछ बेहतर की गुंजाइश हो तो जरूर बताइयेगा"
Jan 30
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"आदरणीय गुप्ता जी...अच्छी ग़ज़ल कही है...बधाई"
Jan 30
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है , बधाई स्वीकार करें I "
Jan 29
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"हार्दिक आभार लक्ष्मण भाई जी"
Jan 25
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on रामबली गुप्ता's blog post कृष्ण नहीं दरकार है भइया
"आ. भाई रामबली जी, सादर अभिवादन। सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई."
Jan 25
रामबली गुप्ता posted a blog post

कृष्ण नहीं दरकार है भइया

ग़ज़लयह कैसा संसार है भइया दीप तले अँधियार है भइयाजनता के हिस्से की रोटी खा जाती सरकार है भइयाजाति धरम के बाद यहाँ क्या जनमत का आधार है भइयाअधर अरुण कलियाँ धनु भौहें अंजन हाय कटार है भइयाइस जग में कुछ निश्छल भी है हाँ वह माँ का प्यार है भइयाआज जरूरत है दुर्गा की कृष्ण नहीं दरकार है भइयाकरता चल कुछ काम भले भी जीना दिन दो चार है भइया-रामबली गुप्तामौलिक एवं अप्रकाशितSee More
Jan 25
रामबली गुप्ता is now friends with vijay nikore and SALIM RAZA REWA
Jan 17
रामबली गुप्ता commented on Samar kabeer's blog post तरही ग़ज़ल
"वाह वाह भाई साहब क्या कहने एक एक शेर लाज़वाब हुआ है। दिली मुबारकबाद पेश है।"
Jan 17
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"जनाब रामबली गुप्ता जी आदाब, ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें। सादर। "
Jul 11, 2020
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"धन्यवाद सुरेन्द्र नाथ जी। कर लिया है गौर।"
Jul 11, 2020
नाथ सोनांचली commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"आद0 रामबली जी सादर अभिवादन। हिंदी उर्दू शब्दो से मिश्रित शब्दों से उम्दा ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार कीजिये। आद0 भसीन साहब की टिप्पणियों पर भी गौर कीजिए।"
Jul 11, 2020
रवि भसीन 'शाहिद' commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"आदरणीय रामबली गुप्ता साहिब, नमस्कार। जनाब, मुझे आपकी पहली टिप्पणी से लगा आप नाराज़ हो गए हैं। लेकिन दूसरी टिप्पणी से लगा कि आप वाक़ई चर्चा करना चाहते हैं, इसलिए दोबारा उपस्थित हुआ हूँ। जी 'मधु' शब्द मुझे इसलिए खटका था क्यूँकि उस मिसरे को…"
Jul 8, 2020
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"ऐसी कोई बात नहीं है आदरणीय रवि भसीन जी। आपने कोई दखल नहीं दिया है बल्कि ओ बी ओ की परंपरा का ही निर्वहन किया है और न ही मैंने आपकी टिप्पणी का कोई बुरा नहीं माना है। आप बेबाक टिप्पणी लिखें मैं किंचित विचलित न होऊँगा बल्कि आपकी बातों को गुनूँगा। वास्तव…"
Jul 8, 2020
रवि भसीन 'शाहिद' commented on रामबली गुप्ता's blog post ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता
"आदरणीय रामबली गुप्ता जी, मैं दरअस्ल मिस्रा ये तजवीज़ करना चाहता था: 1222 1222 122 नहीं हैं लब शहद के वो घड़े हैं ग़लती से मूल शेर से लिया हुआ 'मधु' लिखा गया। ठीक है जनाब, आप अपना शे'र वैसे ही रखिये जैसे आपको अच्छा लगता है। दख़ल देने के…"
Jul 8, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
DEORIA
Native Place
KOTHA
Profession
TEACHING
About me
NATIONALIST

रामबली गुप्ता's Blog

पिया का पत्र

आज खुशी से झूमूँ सखि री पत्र पिया का आया है

भाव भरे अक्षर-अक्षर ने ये तन-मन हर्षाया है

लिखते, प्रिये! तुम्हीं से सब कुछ, सुख-दुख की सहभागी तुम

तुमने इस जीवन में खुशियों का सावन बरसाया है 

रहता था निर्वासित सा मन जीवन के निर्जन वन में

पावन प्यार भरा गृह इसको तुमने ही लौटाया है

कहते- पीर भरा यह जीवन जो तपते मरुथल सा था

पाकर तेरा स्नेह सलिल अब हरा भरा हो आया है

नीरव हिय का रंगमहल था साज-बाज सब सूने थे

तेरी पायल…

Continue

Posted on February 11, 2023 at 9:30am

कृष्ण नहीं दरकार है भइया

ग़ज़ल

यह कैसा संसार है भइया

दीप तले अँधियार है भइया

जनता के हिस्से की रोटी

खा जाती सरकार है भइया

जाति धरम के बाद यहाँ क्या

जनमत का आधार है भइया

अधर अरुण कलियाँ धनु भौहें

अंजन हाय कटार है भइया

इस जग में कुछ निश्छल भी है

हाँ वह माँ का प्यार है भइया

आज जरूरत है दुर्गा की

कृष्ण नहीं दरकार है भइया

करता चल कुछ काम भले भी

जीना दिन दो चार है…

Continue

Posted on January 25, 2023 at 8:06am — 6 Comments

ग़ज़ल-सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं -रामबली गुप्ता

1222 1222 122

सफलता के शिखर पर वे खड़े हैं

सदा कठिनाइयों से जो लड़े हैं

बताओ नाम तो उन पर्वतों के

हमारे हौसलों से जो बड़े हैं

नहीं हैं नैन ये गर सच कहूँ तो

सुघर चंदा में दो हीरे जड़े हैं

जो प्यासी आत्मा को तृप्त कर दें

नहीं हैं होंठ, वे मधु के घड़े हैं

ये सच है कर्मशीलों के लिए तो

सितारे भूमि पर बिखरे पड़े हैं

ये दिल के घाव अब तक हैं हरे क्यों

यकीनन शूल शब्दों के गड़े…

Continue

Posted on July 6, 2020 at 11:37pm — 12 Comments

दिन को चैन और रातों को नींद नहीं है इक पल-रामबली गुप्ता

गीत

देखा जब से उनको हिय में हुई अजब सी हलचल।

दिन को चैन और रातों को नींद नहीं है इक पल।।

उनके अरुण अधर ज्यों फूलों की हों कोमल कलियाँ।

जिनसे फूटें स्वर मधुरिम तो गूँजें मन की गलियाँ।।

केशों के झुरमुट में उनका मुखमंडल यों भाये।

घन के मध्य झरोखे में ज्यों इंदु मंद मुसकाये।।

दृग पराग के प्याले हों ज्यों करते हर पल छल-छल।

दिन को चैन और रातों को नींद नहीं है इक पल।।

खिलता यौवन-पुष्प सुरभि यों चहुँ दिश बिखराता…

Continue

Posted on April 26, 2020 at 11:03pm — 6 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 11:21am on May 17, 2016, Dr Ashutosh Mishra said…
आदरणीय रामबली जी आपकी इस सफलता पर आपको तहे दिल बधाई ..
At 11:21am on May 17, 2016, Dr Ashutosh Mishra said…
आदरणीय रामबली जी आपकी इस सफलता पर आपको तहे दिल बधाई ..
At 3:10pm on May 16, 2016,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय रामबली गुप्ता जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपका गीत-हृदय का भ्रमर गुनगुनाता चला है को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 10:47am on May 14, 2016, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आ०  रामबली जी

आप जैसा सुन्दर कवि -मित्र पाकर आप्यायित हूँ . आपको सदैव शुभ .  

At 10:17pm on February 25, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका अभिनन्दन है.

ग़ज़ल सीखने एवं जानकारी के लिए

 ग़ज़ल की कक्षा 

 ग़ज़ल की बातें 

 

भारतीय छंद विधान से सम्बंधित जानकारी  यहाँ उपलब्ध है

|

|

|

|

|

|

|

|

आप अपनी मौलिक व अप्रकाशित रचनाएँ यहाँ पोस्ट (क्लिक करें) कर सकते है.

और अधिक जानकारी के लिए कृपया नियम अवश्य देखें.

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतुयहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

 

ओबीओ पर प्रतिमाह आयोजित होने वाले लाइव महोत्सवछंदोत्सवतरही मुशायरा व  लघुकथा गोष्ठी में आप सहभागिता निभाएंगे तो हमें ख़ुशी होगी. इस सन्देश को पढने के लिए आपका धन्यवाद.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
23 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Friday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service