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vijay nikore
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Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. Munish जी, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। अमित जी के सुझाव भी ख़ूब। सादर।"
30 seconds ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय संजय जी ग़ज़ल के लिये बधाई स्वीकार करें 5 वें शेर के उला मिसरे में की को कि करने की ओर…"
2 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. अमीर जी, हमेशा की तरह अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकारें। सादर।"
4 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"ग़ज़ल ------- जाने की जानां वजह ये बतला गई मुझेतेरी शरीर नज़रों से लाज आ गई मुझे सौ साल उम्र में थे…"
4 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आ. संजय जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। गुणीजन की इस्लाह से निखार आएगा। बधाई स्वीकारें। सादर।"
6 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"221 2121 1221 212 नाशाद ज़िंदगी थी, सो ठुकरा गई मुझे फ़ुर्क़त-नसीबी की यूँ घुटन खा गई मुझे मुझको…"
30 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय munish tanha जी आदाबग़ज़ल वक़्त और मश्क़ चाहती है।मिसरों को परिपक्वता से कहने की आवश्यकता…"
46 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदाब, अमित जी, आप आदतन जिस तरह शेर दर शेर समीक्षा करते है, उसी तरह तबसिरा करें, कृपया !"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब संजय शुक्ला जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, बधाई स्वीकार करें । मतले पर…"
1 hour ago
dandpani nahak replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"शोलों में लिपटी बर्फ़ थी झुलसा गई मुझे उस शोख़ की मगर ये अदा भा गई मुझे ऐ ज़ीस्त बोल मुझसे हुई ऐसी…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"ख़ुश रहें ।"
2 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"सुब्ह बख़ैर ।"
2 hours ago

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