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Nilesh Shevgaonkar
  • Male
  • Indore
  • India
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, नए अंदाज़ की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय नीलेश जी, हार्दिक बधाई.  प्रस्तुत अश’आर के लिए तहेदिल से बधाई.  मैं उस से बच नहीं पाता हूँ गो ख़बर है मुझे   करे है मेरी अना रात दिन शिकार मेरा.  और,हर एक साँस बदलती है ज़र को पीतल मेंन जाने हश्र में क्या दाम दे…"
15 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. गिरिराज जी "
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"आदरणीय नीलेश भाई , हमेशा की तरह आपकी ग़ज़ल बेहतरीन लगी , हर एक शेर  उम्दा हुए हैं  पड़े जो बेंत मुझे उस की, दौड़ पड़ता हूँमैं जैसे हूँ कोई घोड़ा ये मन सवार मेरा.    -- ये शेर मेरे लिए बहुत ख़ास  है  बधाई आपको "
19 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा

1212 1122 1212 112/22 .गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा नशा उतार ख़ुदाया नशा उतार मेरा. . बना हुआ हूँ मैं जैसा मैं वैसा हूँ ही नहीं    मुझे मुझी सा बना दे गुरूर मार मेरा. . ये हिचकियाँ जो मुझे बार बार लगती हैं पुकारता है कोई नाम बार बार मेरा.  …See More
21 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आ. अशोक जी,बहुत सुन्दर छन्द हुआ है ...बधाई स्वीकार करें.एक शंका है...होतीं बेटियाँ की जगह क्या होती बेटियाँ नहीं होना चाहिए?होतीं से काश होतीं वाला बाव आता है.होती definitive लगता है.सादर  "
22 hours ago
Nilesh Shevgaonkar updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. गिरिराज जी समर सर ग़ज़ल पर कह ही चुके हैं. बादल वाले शेर को यूँ कर के देखें... बूँद जो बारिश में टपकी सर पे तेरे     एक पल पहले तलक बादल रही है.. इक समस्या कोशिशों से हल हुई पर  इक समस्या अब भी  पीछे चल रही है.बहुत…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"आ. मयंक जी,आप जैसे युवाओं को ग़ज़ल कहने का प्रयास करते देख कर बहुत अच्छा लगता है.आप को अभी और समय देना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि कैसे परंपरागत शाइरी का लोच उत्पन्न हो सके..हर किसी के लिए माहौल हो अच्छा कैसे वास्ते इसके लिए होता दिखावा कैसे...…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय सौरभ सर,इस मंच पर साहित्यिक विमर्श की परंपरा रही है जिस से मेरे जैसे कई छात्र पिछले १०-११ वर्षों से लाभान्वित होते रहे हैं.मंच पर अपनी बात रखने और अन्य साथियों का मार्गदर्शन करने को भी प्रेरित किया जाता रहा है.यह बात सही (सहीह) है कि आ. समर…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आदरणीय अमित जी,गिरिराज जी मौसीक़ी पर सहमत हो गए है .. इसके बाद इतनी लम्बी और कुण्तठित क़रीर की आवश्यकता नहीं थी. रही बात समर सर के या किसी के भी एहतराम कि तो वो आपके सामने साबित करना आवश्यक नहीं है ... हर दूसरा उर्दू ग़ज़लकार दीपावली को दिवाली कह देता…"
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. गिरिराज जी लम्बे अंतराल के बाद आपकी उपस्थिति मंच को नई उर्जा दे रही है.अमित जी के सुझाव ध्यान देने योग्य हैं.मूसीक़ी एक ग्रीक शब्द है जिस से music शब्द भी बना है... वही ईरान में मौसीक़ी हो गया है लेकिन मात्रा भार २२२ ही है सादर "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. गिरिराज सर,आपको यहाँ देख कर अत्यंत हर्ष हो रहा है. शायद अब OBO के पुराने दिन लौट आएं..बहुत बहुत आभार "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. मयंक जी "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"धन्यवाद आ. अमित जी मुहब्बत को मैं मुहब्बत हो लिखूँगा क्यूँ कि देवनागरी में ऐसे ही लिखा जाता है.कामयाब में ग़लती से नुक्ता लग गया था ..मूल प्रति में सुधार लेता हूँ .सादर "
Saturday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178
"आ. अजय जी,आप के और सभी के सुझावों का हमेशा स्वागत है. इसी मंच की आलोचना से मैं थोडा बहुत कहना सीख पाया हूँ और अब भी सीख रहा हूँ.आपके इस सुझाव में दिक्कत यह है कि आप मर्म तक गए बिना किसी मुहावरे या लोकोक्ति के आधार पर अपनी बात कह रहे हैं.मेरा अनुभव…"
Saturday

Profile Information

Gender
Male
City State
Indore-MP
Native Place
Indore-MP
Profession
Civil Engineer

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Nilesh Shevgaonkar's Blog

ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा

1212 1122 1212 112/22

 .

गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा

नशा उतार ख़ुदाया नशा उतार मेरा.

.

बना हुआ हूँ मैं जैसा मैं वैसा हूँ ही नहीं   

मुझे मुझी सा बना दे गुरूर मार मेरा.

.

ये हिचकियाँ जो मुझे बार बार लगती हैं

पुकारता है कोई नाम बार बार मेरा.  

.

मेरी हयात का रस्ता कटा है उजलत में

मुझे भरम था फ़लक को है इंतज़ार मेरा.

.

पड़े जो बेंत मुझे उस की, दौड़ पड़ता हूँ

मैं जैसे हूँ कोई घोड़ा ये मन सवार मेरा.

.…

Continue

Posted on April 29, 2025 at 3:30pm — 6 Comments

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.

तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो.

.

ये रौशन ज़मीरी अमल एक माँगे

नदामत के अश्कों से दिल का वुज़ू हो.

.

जो तख़लीक़ सब की सभी से जुदा है

भला राह मुक्ति की क्यूँ  हू-ब-हू हो.

.

कभी हो ख़यालात से ज़ह’न ख़ाली

ख़लाओं से भी तो कभी गुफ़्तगू हो.

.

वो मुल्हिद नहीं हो मगर ये है मुमकिन

उसे बस सवालात करने की ख़ू हो.

(मुल्हिद--नास्तिक) (ख़ू -आदत)

.

निलेश "नूर"

मौलिक/…

Continue

Posted on September 18, 2024 at 4:51pm — 4 Comments

ग़ज़ल नूर की -कुछ थे अधूरे काम सो आना पड़ा हमें.

.

कुछ थे अधूरे काम सो आना पड़ा हमें.

फ़ानी बदन में ख़ुद को समाना पड़ा हमें

.

जश्न-ए-जहान था ही नहीं अपने वास्ते

आ ही गए तो जश्न मनाना पड़ा हमें.

.

फिर जब पहेली मौत…

Continue

Posted on January 11, 2024 at 11:53am — 6 Comments

ग़ज़ल नूर की - दफ़्तर में तू पहला दिख

.

दफ़्तर में तू पहला दिख

काम न कर पर करता दिख.

.

ये बाज़ार का मंतर है

सस्ता बिक पर महँगा दिख.

.

कर व्यवहार परायों सा…

Continue

Posted on July 31, 2023 at 11:05am — 8 Comments

Comment Wall (7 comments)

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At 2:21pm on September 16, 2017, Afroz 'sahr' said…
आदरणीय निलेश जी आपने ख़ाकसार की बात की ताईद की बहुत आभार प्रकट करता हूँ !सादर
At 9:50pm on March 3, 2017, Hemant kumar said…
आदरणीय सर प्रणम ! मै ओ बी ओ मे काफीया पढ़ रहा हूं पर पल्ले कुछ भी नही पड़ रहा है ।
सर आपसे विनम्र आग्रह है काफीया निर्धारण पर पुनः प्रकाश डालने की अनुकंपा करें ।सादर..
At 2:37am on June 29, 2014, Adesh Tyagi said…
जनाबे-मोहतरम निलेश शेव्गाँवकर साहब, अल्फ़ाज़े-तहसीन का तहे-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।
At 4:47am on November 11, 2013, Abhinav Arun said…

महीने का सक्रिय सदस्य (Active Member of the Month)चुने जाने पर आ. नीलेश जी आपको दिली मुबारकबाद !

At 1:45pm on November 7, 2013, केवल प्रसाद 'सत्यम' said…

आ0 नीलेश भाई जी, आपको महीने का सकिय सदस्य चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई।  सादर,

At 1:14pm on November 6, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

आदरणीय नीलेश भाई , सक्रिय सदस्य चुने जाने के लिये आपको हार्दिक बधाईयाँ  !!!!!!

At 12:32pm on November 6, 2013,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय Nilesh Shevgaonkar जी
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे | कृपया अपना पता और नाम (जिस नाम से ड्राफ्ट/चेक निर्गत होगा), बैंक खता विवरणी एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |

सादर । 


आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

 
 
 

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