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Nilesh Shevgaonkar
  • Male
  • Indore
  • India
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Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मोल रोटी का उसी को - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। मतले के ऊला को यूं कर लें अब न काली रातों में ही...... दूसरे शेर के ऊला में एक मात्रा बढ़ रही है। भी को था से बदल दें, काम हो जाएगा सादर"
May 29
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. रचना जी"
May 29
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी"
May 29
Rachna Bhatia commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आदरणीय नीलेश नूर जी नमस्कार। बेहतरीन ग़ज़ल हुई है।बधाई स्वीकार करें।"
May 29
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। लाजवाब गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
May 28
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ. अनीस जी,मैं आपकी कॉपी पेस्ट टिप्पणियाँ ट्रैक कर रहा हूँ.. 1 मिनिट में दो के हिसाब से चल रही हैं ..इस्तना ही भारी पड़ता है एनी साथियों की रचना पढ़ कर टिप्पणी करना तो बेहतर है टिप्पणी की ही न जाए .सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ. रचना जी,ग़ज़ल पर प्रयास के लिए बधाई. ग़ज़ल अभी थोडा समय और चाहती है.सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ. रचना जी "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"// आदरणीय नीलेश जी जिन अल्फ़ाज़ का ज़िक्र यहाँ किया गया उनके लिए ज़रूरी है उर्दू अरूज़ पढ़ा जाए । उर्दू बहुत शब्द 2 या 3 तरीके लिखे और पढ़े जाते हैं ।//यही बात मैं भी कह रहा हूँ... // नीलेश भाई आप अन्यथा न लें ।"दीया " अगर लिखा जाएगा तो पढ़ा भी…"
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ. जयनीत जी "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ. अशोक सर..थोडा समय अभी मिल गया तो सोचा कि कुछ शब्द लिख दूँ जिन में शुरुआत में या मध्य में मात्रा पतन धड़ल्ले से होता आया है .दीवाना-दिवाना सूराख़ -सुराख़ दूकान- दुकान आईना - पढने में आइना भी कोई-कुई तेरे -तिरे मेरे-…"
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ. अशोक सर,आज ज़रा व्यस्त हूँ,,, कल आपको व्हाट्स एप्प पर पूरी फ़ेहरिस्त भेजता हूँ जिस में अव्वल हर्फ़ की मात्रा गिराकर पढ़ा जाता रहा है ..सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ. अशोक सर ,मेरा आग्रह सिर्फ देवनागरी में लिखते समय दीया लिखने को लेकर है .. 12 पर पढने पर मैं कतई दुराग्रही नहीं हूँ .सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"क्या सर?? मात्रा गिरा कर पढ़ने का रिवाज़ है न??फिर यह सवाल क्यूँ?? दीया पढ़ा जाएगा तो २२ और दिया पढ़ा जाएगा तो 12 ..ऐसा ही कर के दीवाली का दिवाला निकाल दिया है ..शायद आप समझ पाएं ..सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
" आ. समर सर,दिया लिखने से लिया दिया एक बराबर हो जाने का डर है. दीया लिख कर दिया पढने में कोई हर्ज़ नहीं.वैसे भी दीया, दीप से उत्पन्न है अत: देवनागरी में लिखते समय दीया ही उचित है .. सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आ. दिनेश भाई बहुत उम्दा अशआर से सजी इस ग़ज़ल के लिए बधाई ..दिए को दीये लिखा करें (बड़ी मात्रा में )मतला बहुत शानदार हुआ है .. ढेरों दाद स्वीकार करें सादर "
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ zaif जी"
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"धन्यवाद आ अमित जी"
May 27
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"शुक्रिया आ समर कबीर सर"
May 27

Profile Information

Gender
Male
City State
Indore-MP
Native Place
Indore-MP
Profession
Civil Engineer

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ग़ज़ल नूर की



बारहा साहिल की जानिब लह’र क्यूँ आती रही


सर पटकती पाँव पड़ती रोती चिल्लाती रही.

.

ओस में भीगे हुए इक गुल को नज़ला हो गया

देर तक तितली लिपटकर उस को गर्माती रही.

.

इक नदी की चाह में रोया समुन्दर ज़ार…

Continue

Posted on May 22, 2023 at 1:08pm — 4 Comments

ग़ज़ल 'नूर' की - कोई हुस्न-परस्त जो अपने रब की बातें करता है

कोई हुस्न-परस्त जो अपने रब की बातें करता है

तिल की बातें करता है या लब की बातें करता है.

.

दिल तो फिर भी धड़कन धड़कन सब की बातें करता है

ज़ह’न है साहूकार फ़क़त मतलब की बातें करता है.

.

लड़ते लड़ते दुश्मन से भी हो जाता है इश्क़ अजब

जुगनू भी अक्सर दीये से शब् की बातें करता है.

.

इक मुद्दत से यार! चलन से बाहर है ये लफ़्ज़-ए-वफ़ा  

दिल नादान मुअर्रिख़ जैसा; कब की बातें करता है.                         मुअर्रिख़- इतिहास-कार…

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Posted on April 13, 2023 at 4:00pm — 6 Comments

ग़ज़ल नूर की- नहीं जो था होना वो सब हो रहा है

नहीं जो था होना वो सब हो रहा है

निज़ाम-ए-ख़ुदा में ग़ज़ब हो रहा है.

.

इबादत में कैसा शग़ब हो रहा है                  शग़ब- कोलाहल 

धड़क-कर ये दिल बे-अदब हो रहा है.

.

ज़रूरी नहीं कोई मक़सद हो अपना…

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Posted on March 2, 2023 at 5:44pm — 12 Comments

ग़ज़ल नूर की- दर्द है तो कभी दवा है ये



दर्द है तो कभी दवा है ये,

इश्क़ है या कि मोजज़ा है ये.

.

जो बिख़रने का सिलसिला है ये

ख़ुशबू होने ही की सज़ा है ये.

.

हम जो रोते हैं कुफ़्र होता है

मज़हब-ए-इश्क़ में मना है ये.

.

अपनी ताक़त को वो समझता है  

हुस्न के साथ मसअला है ये.

.

ख़त भला तेरा मैं जलाऊँगा?

आँसुओं से भभक गया  है ये.

.

हम तो फिरऔन इसको कहते हैं

ये समझता रहे ख़ुदा है ये. 

.

ग़म यहीं है यहीं कहीं होगा

तेरे देखे से छुप…

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Posted on September 29, 2022 at 11:30am — 17 Comments

Comment Wall (12 comments)

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At 7:53pm on September 27, 2019, dandpani nahak said…
परम आदरणीय नीलेश जी आदाब बहुत बहुत शुक्रिया मैं बता नहीं सकता मैं कितना खुश हूँ आपने मेरी ग़ज़ल को सराहा मेरा तो आज का दिन बन गया ! ह्रदय से शुक्रिया
At 8:17pm on July 27, 2019, dandpani nahak said…
मुआफ़ी चाहता हूँ ! बढ़ाने का
At 8:16pm on July 27, 2019, dandpani nahak said…
हौसला बढ़ने का
At 8:15pm on July 27, 2019, dandpani nahak said…
आदरणीय नीलेश जी आदाब . बहुत शुक्रिया हौसला बढ़ने का
At 8:49pm on March 22, 2018, dandpani nahak said…
आदरणीय नीलेश सर प्रणाम
बहुत शुक्रिया
At 2:21pm on September 16, 2017, Afroz 'sahr' said…
आदरणीय निलेश जी आपने ख़ाकसार की बात की ताईद की बहुत आभार प्रकट करता हूँ !सादर
At 9:50pm on March 3, 2017, Hemant kumar said…
आदरणीय सर प्रणम ! मै ओ बी ओ मे काफीया पढ़ रहा हूं पर पल्ले कुछ भी नही पड़ रहा है ।
सर आपसे विनम्र आग्रह है काफीया निर्धारण पर पुनः प्रकाश डालने की अनुकंपा करें ।सादर..
At 2:37am on June 29, 2014, Adesh Tyagi said…
जनाबे-मोहतरम निलेश शेव्गाँवकर साहब, अल्फ़ाज़े-तहसीन का तहे-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ।
At 4:47am on November 11, 2013, Abhinav Arun said…

महीने का सक्रिय सदस्य (Active Member of the Month)चुने जाने पर आ. नीलेश जी आपको दिली मुबारकबाद !

At 1:45pm on November 7, 2013, केवल प्रसाद 'सत्यम' said…

आ0 नीलेश भाई जी, आपको महीने का सकिय सदस्य चुने जाने पर आपको हार्दिक बधाई।  सादर,

 
 
 

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