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जबसे तुमने मिलना-जुलना छोड़ दिया
यूँ लगता है जैसे नाता तोड़ दिया
मंदिर-मस्जिद के चक्कर में कितनों ने
पुश्तैनी रिश्तों को यूँ ही तोड़ दिया
मुझ पर है इल्ज़ाम कि मैं चुप रहता हूँ
तुम ने भी तो लड़ना-वड़ना छोड़ दिया
मुझको आगे आते जो देखा उसने
ग़ुप-चुप अपनी राहों का रुख़ मोड़ दिया
मुझको बीच समंदर उसने जाने क्यों
लहरों की बाहों में तन्हा छोड़…
ContinuePosted on June 30, 2022 at 10:44pm — 4 Comments
221 - 2121 - 1221 - 212
मौज आयी..घर को फूंक तमाशा बना दिया
हा.... झोंपड़ा फ़क़ीर ने ख़ुद ही जला दिया
कर के इशारा बज़्म से जिसको उठा दिया
दरवेश ने उसी का मुक़द्दर बना दिया
अपनों के होते ग़ैर भला क्यूँ उठाए ग़म
नादान दोस्तों ने ही रुसवा करा दिया
नफ़रत की फ़स्ल देख के ख़ुश हो रहे थे सब
बोया था जिसने ज़ह्र उसी को चखा दिया
मुझको था ए'तिमाद कि आ जाएगी बहार
रंग-ए-ख़िज़ाँ ने मेरे यक़ीं को…
ContinuePosted on June 20, 2022 at 11:59am — 12 Comments
1212 - 1122 - 1212 - 112
इबादतों में अक़ीदत की सर-कशी न मिला
महब्बतों में मेरे यार दुश्मनी न मिला
हवाओं में न कहीं अब ये ज़ह्र घुल जाए
फ़ज़ा को साफ़ ही रहने दे शोरिशी न मिला
कहीं नहीं है कोई ग़ैर दूर-दूर तलक
मगर क़रीब भी मुझको मेरा कोई न मिला
सिहर उठा हूँ किया याद वक़्त वो जब जब
चिता को आग लगाने को आदमी न मिला
मिले हैं यूँ तो हज़ारों हसीं ज़माने में
जिसे तलाशता रहता हूँ बस वही…
ContinuePosted on May 10, 2022 at 1:57pm — 10 Comments
2122 - 2122 - 2122 - 212
मुझको पहलू में सुला लेना मेरे प्यारे वतन
अपने आँचल की हवा देना मेरे प्यारे वतन
आ रहा हूँ तुझसे मिलने जंग के मैदान से
अपनी बाहों में उठा लेना मेरे प्यारे वतन
आ मिलूंगा जब तुझे मैं बाज़ुओं में लेके तू
मुझको झूला भी झुला देना मेरे प्यारे वतन
प्यार करना माँ के जैसे चूमकर माथा मेरा
मुझको सीने से लगा लेना मेरे प्यारे वतन
ख़ाक अपनी तेरे क़दमों छोड़ जाता हूँ…
ContinuePosted on January 27, 2022 at 4:40pm — 2 Comments
जनाब अमीरुद्दीन साहिब,ओबीओ पर आपका स्वागत है,मैं हर ख़िदमत के लिए हाज़िर हूँ ।
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