For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धार्मिक साहित्य

Information

धार्मिक साहित्य

इस ग्रुप मे धार्मिक साहित्य और धर्म से सम्बंधित बाते लिखी जा सकती है,

Location: All world
Members: 120
Latest Activity: Feb 17

Discussion Forum

नगर सभ्यता के परित्यागी (शिवरात्रि विशेष)

नगर सभ्यता के परित्यागी।भोले  शंकर   शिव  बैरागी।।*जग जीवित हो कष्ट उठाया।कालकूट  को  कंठ समाया।।अजब अनौखी औघड़ माया।भक्त अभक्त हर कोई भाया।।इन के पूजक हम बड़भागी।भोले  शंकर   शिव  बैरागी।।*मुकुट न ही वैजयंती माला।अम्बर तज पहनें मृगछाला।।अपना जीवन ढंग…Continue

Started by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' Feb 17.

रास छंद "कृष्णावतार" 2 Replies

(रास छंद)हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके ताले, था पहरा।।यमुना मैया, भी ऐसे में, उफन पड़ी। विपदाओं की, एक साथ में, घोर घड़ी। मास भाद्रपद, कृष्ण पक्ष की, तिथि…Continue

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'. Last reply by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' Jun 3, 2021.

#लावणी_छन्द, निधिवन 2 Replies

लता,फूल,रज के हर कण में,नभ से झाँक रहे घन में,राधे-कृष्णा की छवि दिखती,वृन्दावन के निधिवन में।प्रेम अलौकिक व्याप्त पवन में,प्रणय गीत से बजते हैं,राधा-माधव युगल सलोने,निशदिन वहाँ विचरते हैं।छन-छन पायल की ध्वनि गूँजे, मानो राधा चलती हों,या बाँहों में…Continue

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप". Last reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" May 26, 2021.

#सरसी_छन्द, उपहार 2 Replies

स्वार्थहीन अनुराग सदा ही,देते हो भगवान।निज सुख-सुविधा के सब साधन,दिया सदा ही मान।अपनी सूझ-बूझ से समझी,प्रतिपल मेरी चाह,इस कठोर जीवन की तुमने,सरल बनायी राह।कभी कहाँ संतुष्ट हुई मैं,सदा देखती दोष।सहज प्राप्त सब होता रहता,फिर भी उठता रोष।किया नहीं आभार…Continue

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप". Last reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" May 26, 2021.

रक्ता छंद "शारदा वंदन" 2 Replies

(रक्ता छंद)ब्रह्म लोक वासिनी।दिव्य आभ भासिनी।।वेद वीण धारिणी।हंस पे विहारिणी।।शुभ्र वस्त्र आवृता।पद्म पे विराजिता।।दीप्त माँ सरस्वती।नित्य तू प्रभावती।।छंद ताल हीन मैं।भ्रांति के अधीन मैं।।मन्द बुद्धि को हरो।काव्य की प्रभा भरो।।छंद-बद्ध साधना।काव्य…Continue

Tags: रक्ता_छंद

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'. Last reply by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' May 23, 2021.

मकरन्द छंद "कन्हैया वंदना"

(मकरन्द छंद)किशन कन्हैया, ब्रज रखवैया,     भव-भय दुख हर, घट घट वासी।ब्रज वनचारी, गउ हितकारी,     अजर अमर अज, सत अविनासी।।अतिसय मैला, अघ जब फैला,    धरत कमलमुख, तब अवतारा।यदुकुल माँही, तव परछाँही,    पड़त जनम तुम, धरतत कारा।।पय दधि पाना, मृदु…Continue

Tags: मकरन्द_छंद

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' May 14, 2021.

चामर छन्द "मुरलीधर छवि"

चामर छन्द "मुरलीधर छवि"गोप-नार संग नन्दलालजू बिराजते।मोर पंख माथ पीत वस्त्र गात साजते।रास के सुरम्य गीत गौ रँभा रँभा कहे।कोकिला मयूर कीर कूक गान गा रहे।।श्याम पैर गूँथ के कदंब के तले खड़े।नील आभ रत्न बाहु-बंद में कई जड़े।।काछनी मृगेन्द्र लंक में लगे…Continue

Tags: छंद, चामर

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' May 9, 2021.

लावणी छन्द (ईश गरिमा) 1 Reply

लावणी छन्द (ईश गरिमा)तेरी ईश सृष्टि की महिमा, अद्भुत बड़ी निराली है;कहीं शीत है कहीं ग्रीष्म है, या बसन्त की लाली है।जग के जड़ चेतन जितने भी, सब तेरे ही तो कृत हैं;जो तेरी छाया से वंचित, वे अस्तित्व रहित मृत हैं।।धैर्य धरे नित भ्रमणशील रह, धार रखे…Continue

Tags: छंद, लावणी

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'. Last reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" May 3, 2021.

पञ्चचामर छन्द, श्री हनुमान वंदना 2 Replies

उपासना करें सभी,महाबली कपीश की,विराट दिव्य रूप की,दयानिधान ईश की।कराल काल जाल से, प्रभो उबार लीजिये,अपार भक्ति दान की,कृपा सदैव कीजिये।प्रदीप्त बाल सूर्य को,मुखारविंद में लिया,पराक्रमी अबोध ने,डरा सुरेन्द्र को दिया।किया प्रहार इंद्र ने,अचेत केशरी…Continue

Tags: पर।, 8+8, चार, चरण, समतुकांत।)

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप". Last reply by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप" May 3, 2021.

मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत"

मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत"धरती जब व्याकुल, हरि भी आकुल, हो कर लें अवतार।कर कृपा भक्त पर, दुख जग के हर, दूर करें भू भार।।द्वापर युग में जब, घोर असुर सब, देन लगे संताप।हरि भक्त सेवकी, मात देवकी, सुत बन प्रगटे आप।।यमुना जल तारन, कालिय कारन, जो विष से…Continue

Tags: मरहठा

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' Apr 26, 2021.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया कल्पना भट्ट जी।"
7 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"रचना पटल पर त्वरित समय देकर प्रोत्साहक प्रतिक्रिया हेतु शुक्रिया आदरणीय अजय गुप्त 'अजेय'…"
8 minutes ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"अच्छी रचना हुई है जनाब शहज़ाद उस्मानी जी। बधाई स्वीकारें"
49 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"संक्षिप्त और गूढ़। बहुत अच्छी रचना हुई है आदरणीय । सार सबका एक है पर मैं ने गड़बड़ कर दी । वाह"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"आरंभ है प्रचंड ========= कस्बे के रेलवे पार्क में रोज घूमने आने वाले समूह के सदस्यों के मध्य…"
2 hours ago
Samar kabeer left a comment for Rahul Solanki
"ओबीओ पटल पर स्वागत है आपका डॉ. राहुल सोलंकी जी ।"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"'मतलब' और 'मतलबी'! (लघुकथा):  "ज़रा ग़ौर फ़रमाइयेगा जनाब, शब्द…"
5 hours ago
Rahul Solanki is now a member of Open Books Online
9 hours ago
Sushil Sarna commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post डर के आगे (लघुकथा)
"वाह बहुत सुंदर और सार्थक प्रस्तुति आदरणीया जी । लघु कथा की लम्बाई कुछ अधिक लगी । सादर नमन"
10 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-102 (विषय: आरंभ)
"स्वागतम"
23 hours ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
""ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-159 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक…"
23 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"शुक्रिया अमित जी।"
yesterday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service