For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

PHOOL SINGH
  • Male
  • India
Share on Facebook MySpace

PHOOL SINGH's Friends

  • Yogi Saraswat
  • Rekha Joshi
  • Dr.Prachi Singh
  • Ashok Kumar Raktale
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • rajesh kumari
  • Naval Kishor Soni
  • Shubhranshu Pandey
  • DR SHRI KRISHAN NARANG
  • वीनस केसरी
  • Deepak Sharma Kuluvi
 

PHOOL SINGH's Page

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on PHOOL SINGH's blog post सम्राट अशोक महान
"आद0 फूल सिंह जी सादर अभिवादन। बहुत बेहतरीन सृजन सम्राट अशोक महान पर। आपकी यह एक कालजयी सृजन ह्। हृदयतल से बधाई निवेदित करता हूँ। अगर सम्भव हो तो मुझे 9532855181 पर जुड़ सकते हैं।"
Apr 4
PHOOL SINGH posted a blog post

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र थाबौद्ध धर्म का बना अनुयायीजो धर्म-सहिष्णु सम्राट हुआ|| माता जिसकी धर्मा कहलाती, सुशीम नाम का भाई थाइष्ट देव शिव-शंकर पहलेज्ञान-विज्ञान का बड़ा जिज्ञासु हुआ|| परोपकार की भावना जिसमें, उत्सुक जो अभिलाषी थामहेंद्र-संघमित्रा का पिता न्यारासदा पुत्र-पुत्री का साथ मिला|| बेहतरीन अर्थव्यवस्था ग़ज़ब सुशासन, जिसका कल्याणकारी द्रष्टिकोण थादेवताओं का प्रिय प्रजा का रक्षकजिसका देवानांप्रिय भी नाम हुआ|| प्रजावत्सल वह कर्तव्यपरायण, भू-भाग का बड़े सम्राट थाधर्मग्रंथो…See More
Mar 28
नाथ सोनांचली commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आद0 फूल सिंह जी सादर अभिवादन। बढ़िया है"
Mar 22
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आ. भाई फूल सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Mar 17
PHOOL SINGH commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"बहुत बहुत आभार आपका ..."
Mar 14
Rachna Bhatia commented on PHOOL SINGH's blog post सब खैरियत
"आदरणीय फूल सिंह जी सकरात्मकता लिए हुए अच्छी रचना हुई। बधाई स्वीकारें।"
Mar 9
PHOOL SINGH posted a blog post

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहतेउनसे न होती अपनी बातवैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।। खैरियत भी वो नहीं पूछतेक्या प्रेमभाव की करूँ मैं बातअच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।। हसी-मजाक, टिटौली चलतीहमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बातकल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।। आना-जाना लगा रहता थामिलजुल कर पहले रहते साथसही सलामत है कि नही वें, अब मिलता नहीं है कोई समाचार।। जीवन है चलता रहेगाघबराने की न इसमे बातसुख-दुख होते वक़्त के पहिये, आज तेरे कल उसके साथ|| समस्या है तो…See More
Feb 21
PHOOL SINGH commented on PHOOL SINGH's blog post शांति दूत श्री कृष्ण
"लक्ष्मण भाई को सादर प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद की आपने मेरी रचना को अपना कीमती वक़्त दिया"
Feb 20
PHOOL SINGH posted a blog post

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये क्यूं जज़्बात से किसी के खेले एक ओर है पुलवामा की घटना उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।कितनों के सुहाग उजड़ गए दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े भाई बिन कितनी बहनें रोती कितने, पिता की याद में रोते।।कोई खुश है प्रेम को पाकर कोई इंतजार में इत-उत डोले रात-दिन है कोई जागता कुछ प्रेमी की याद में रोते।।बड़ा है दिन ये दोनों का ही क्यूं अहमियत न इसकी समझें श्रृद्धा-सुमन तू अर्पित करके शहीदों को नमन तू कर लें।।बिछडे न कोई दिल का टुकड़ा दुआ खुदा से कर लें प्रेम की कर बरसात जहां…See More
Feb 15
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on PHOOL SINGH's blog post शांति दूत श्री कृष्ण
"आ. भाई फूल सिंह जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Feb 15
PHOOL SINGH posted blog posts
Feb 12
PHOOL SINGH posted a blog post

अंगराज कर्ण

सूर्य कहलाएं पिता थे जिसकेमाता सती कुमारीजननी का क्षीर चखा न जिसनेवो वीर अद्भुत धनुर्धारी।। निज समाधि में निरत रहा जोस्वयं विकास किया था भारीपालना बनी थी आब की धाराबिछौना बनी पिटारी।। ज्ञानी-ध्यानी, प्रतापी-तपस्वीजिसका पौरुष था अभिमानीकोलाहल से दूर नगर केजो सम्यक अभ्यास का था पुजारी।। नतमस्त्क करता प्रतिबल कोलगाता घात विजय की खूब दिखाप्रचंडतम धूमकेतु-सा आताचाहे कुंज्ज-कानन में कहीं दूर पला।। वन्यकुसुम सा खिला कर्णछटा सूर्य के तेज की सुनहरीअस्त्र-शस्त्र विद्या में जो परांगतउसका सच जानने को;…See More
Feb 10
PHOOL SINGH posted blog posts
Feb 8
PHOOL SINGH posted blog posts
Feb 2
PHOOL SINGH commented on Chetan Prakash's blog post गीत.... असल कामयाबी जीवन की
"बहुत बहुत सुंदर गीत सर बधाई स्वीकारें "
Jan 27
PHOOL SINGH commented on AMAN SINHA's blog post वक़्त को भी चाहिए वक़्त
"बहुत बढ़िया महोदय "
Jan 27

Profile Information

Gender
Male
City State
DELHI
Native Place
DELHI
Profession
KALSHANIA CONSULTANCY
About me
NOTHING MUCH

जीवन संगिनी

हार हार का टूट चुका जब

तुमसे ही आश बाँधी है

मैं नहीं तो तुम सही

समर्थ जीवन की ठानी है||

 

मजबूर नहीं मगरूर नहीं मैं 

मोह माया में चूर नहीं मैं

साथ तुम्हारा मिल जाए तो

लक्ष्य से भी दूर नहीं मैं ||

 

सुख दुःख की घटना तो

जीवन में घटती रहती है

छोटी छोटी नोक झोंक भी

हर रिश्ते में होती है 

छोड़ न देना साथ निभाना

तुमसे, प्रेम की डोर जो बाँधी है||

 

गलत किये थे कुछ निर्णय

ये बात भी स्वीकारी है

मैं  गलत और तुम सही

गलती मैंने मानी है

मझधार में फसीं जिंदगी की

नैया पार लगानी है||

 

जीवन संगिनी बनकर,

मेरी जिंदगी, सँवारी है

घर नहीं मेरे दिल में रहना

बस ख़्वाहिश ये हमारी है

मैं नहीं तो तुम सही

समर्थ जीवन की ठानी है||

 

PHOOL SINGH's Blog

सम्राट अशोक महान

चन्द्रगुप्त का पौत्र, जो बिन्दुसार का पुत्र था

बौद्ध धर्म का बना अनुयायी

जो धर्म-सहिष्णु सम्राट हुआ||

 

माता जिसकी धर्मा कहलाती, सुशीम नाम का भाई था

इष्ट देव शिव-शंकर पहले

ज्ञान-विज्ञान का बड़ा जिज्ञासु हुआ||

 

परोपकार की भावना जिसमें, उत्सुक जो अभिलाषी था

महेंद्र-संघमित्रा का पिता न्यारा

सदा पुत्र-पुत्री का साथ मिला||

 

बेहतरीन अर्थव्यवस्था ग़ज़ब सुशासन, जिसका…

Continue

Posted on March 28, 2023 at 4:27pm — 1 Comment

सब खैरियत

कहाँ रहते वो कैसे रहते

उनसे न होती अपनी बात

वैर भाव की बात नही ये, अब उनसे न कोई दुआ-सलाम।।

 

खैरियत भी वो नहीं पूछते

क्या प्रेमभाव की करूँ मैं बात

अच्छे-खासे रिश्ते उनसे, न जानें क्यूँ वो रहते नाराज।।

 

हसी-मजाक, टिटौली चलती

हमारी कौन सी लगी उन्हें बुरी बात

कल तक थे जो अपनों से बढ़कर, है आज उसने दूरी खास।।

 

आना-जाना लगा रहता था

मिलजुल कर पहले रहते…

Continue

Posted on February 21, 2023 at 9:38am — 4 Comments

14 फरवरी

प्यार-शहादत का दिन ये

क्यूं जज़्बात से किसी के खेले

एक ओर है पुलवामा की घटना

उधर, ले प्रेमियों के दिल हिचकोले।।

कितनों के सुहाग उजड़ गए

दुनियाँ, कितनों के लाल थे छोड़े

भाई बिन कितनी बहनें रोती

कितने, पिता की याद में रोते।।

कोई खुश है प्रेम को पाकर

कोई इंतजार में इत-उत डोले

रात-दिन है कोई जागता

कुछ प्रेमी की याद में रोते।।

बड़ा है दिन ये दोनों का ही

क्यूं अहमियत न इसकी समझें

श्रृद्धा-सुमन तू…

Continue

Posted on February 14, 2023 at 9:30am

शांति दूत श्री कृष्ण

अज्ञातवास जब समाप्त हुआ

पांडवों में साहस भरा

कनक सदृश तप कर आए

उनमें प्रखर उत्साह का तेज बड़ा।।

कायर दहलता विपत्ति में अक्सर

शूरमा विचलित न कभी हुआ

गले लगाकर हर दुःख-विध्न को

धीरज से उसका तेज हरा।।

कांटो भरी राह पर चलकर

उफ्फ तक न वो कभी किया

धूल के गहने पहन चरण में

साहस के सहारे बढ़ता गया।।

उद्योग निरत नित करता रहता

उसने सब सुख-सुविधाओ का त्याग किया

शूलों के सदा समूल विनाश को

राह स्वयं के विकास की…

Continue

Posted on February 12, 2023 at 8:29am — 2 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
23 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Friday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service