For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Shanno Aggarwal
  • Female
  • London
  • United Kingdom
Share on Facebook MySpace

Shanno Aggarwal's Friends

  • savitamishra
  • vinay tiwari
  • Vasundhara pandey
  • Kusum Thakur
  • Vindu Babu
  • Neelima Sharma Nivia
  • वेदिका
  • आशीष नैथानी 'सलिल'
  • Sarita Bhatia
  • राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी
  • rajesh kumari
  • Kiran Arya
  • Arun Sri
 

Shanno Aggarwal's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
London
Native Place
India
Profession
Housewife
About me
I like travelling, walking in peaceful places close to nature and writing something in my free time.

Shanno Aggarwal's Blog

''चच्चा बोले''

मूँगफली खा चच्चा बोले 

बहू आज कुछ चने भिगोले 

कल को रोटी संग बनाना 

जरा चटपटे आलू-छोले l

 

सारा दिन तू काम में पिस्से …

Continue

Posted on March 7, 2013 at 1:30am — 17 Comments

''बर्फीला मौसम''

शीत के मौसम से मच रही गदर है

इक्का-दुक्का ही कोई आता नजर है l

जमी बर्फ जमीं पे खामोश सा शहर है

पंछी ना चहका कोई ठूँठ हर शजर है l

होता बहुत मुश्किल निकलना घरों से

हाथ में दस्ताने और गले में मफलर है l

कांपती सी दिखती हर दूर तक डगर है

लोग बुत से चलते फिसलने का डर है l

बिन फूल-पात दिखते हैं पेड़ नंगे सारे

बस बर्फ के फूलों से ढका हुआ सर है l

दूब पर सफेदी चमकती है रजत जैसी

झुक रहे हैं तरु और धुंधली सी सहर है l

-शन्नो…

Continue

Posted on January 20, 2013 at 6:00pm — 10 Comments

''बर्फ के फूल''

पथराया सा आसमां
इंतज़ार कर रहा है.....

तूफानी हवाओं में
सफेद बर्फ के फूल
नंगी निर्जीव टहनियों पर
कफ़न से रहे हैं झूल l

तूफान के रुकने पर
सूरज के निकलते ही
ये मोम से पिघलकर
बन जायेंगे धूल l

पथराया सा आसमां
इंतज़ार कर रहा है.....

-शन्नो अग्रवाल

Posted on January 16, 2013 at 6:30am — 9 Comments

''जोर नहीं है''

इन जुगनू सी यादों पे जोर नहीं है  

गर्म अश्कों के बहने में शोर नहीं है l

 

किसी काफ़िर का होता नहीं ठिकाना

आज यहाँ है तो कल ठौर कहीं है l

 

दो बूँदे पीकर कभी प्यास ना बुझती             

प्यासे सहरे का दिखता छोर नहीं है l

 

मालों ने गाँव की है बदल दी दुनिया

अब छोटा सा दिखता स्टोर नहीं है l

 

हर बात में नुक्स निकालना है सहज  

करने को कुछ कहो तो जोर नहीं है l

-शन्नो अग्रवाल 

Posted on December 6, 2012 at 1:57am — 10 Comments

Comment Wall (22 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 3:22pm on January 19, 2013, Dr Dilip Mittal said…

शुक्रिया ,

At 9:00pm on January 2, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

मै आपका बहुत ही आभारी हूँ की आपने मेरी कविता की सराहना करके मेरा उत्साह वर्धन किया

At 10:35pm on December 25, 2011, Shanno Aggarwal said…

आप सभी की आभारी हूँ...सबको मेरा हार्दिक धन्यबाद. और ओ बी ओ के सभी सदस्यों को आने वाले नव बर्ष की अनेकों शुभकामनायें. 

At 2:25pm on August 8, 2011, mohinichordia said…

धन्यवाद शन्नोजी |.महीने के  सक्रीय सदस्य चुने जाने पर मेरी और से  हार्दिक बधाई |

At 2:24pm on August 8, 2011, Deepak Sharma Kuluvi said…

CONGRATULATION JI 

 

DEEPAK KULUVI

At 8:16pm on August 2, 2011, आशीष यादव said…

महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर आप को हार्दिक बधाई| हमें पूर्ण विश्वास है कि आप कि लेखनी से चमत्कारिक रचनाएं निकलती रहेंगी, और पूरा ओबो परिवार रोशन होता रहेगा.

At 3:44pm on August 1, 2011, Abhinav Arun said…
आदरणीय शन्नो जी माह का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक बधाई | आपकी साहित्यिक सक्रियता से हम सब लाभान्वित होते रहे यही कामना है | 
At 2:34pm on August 1, 2011, Atendra Kumar Singh "Ravi" said…

  इस महीने के सक्रिय सदस्य चुने जाने पर ,अतेन्द्र कुमार सिंह'रवि' की तरफ से हार्दिक बधाई .........

At 12:33pm on August 1, 2011, Rash Bihari Ravi said…

आदरणीया शन्नोजी, आपको  सक्रिय-सदस्य के रूप में चयनित होने पर हार्दिक शुभकामनाएँ. 

At 10:59am on August 1, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

आदरणीया शन्नोजी,

आपको इस पावन माह सावन में सक्रिय-सदस्य के रूप में चयनित होने पर हार्दिक शुभकामनाएँ.

आपकी ऊर्जस्वी संलग्नता तथा आपका अनुकरणीय उत्साह समस्त सदस्यों एवं शुभचिंतकों के होने का अर्थ बने.. ..

धन्यवाद.

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Friday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Thursday
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Wednesday

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service