For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नाथ सोनांचली
  • Male
  • वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • India
Share on Facebook MySpace

नाथ सोनांचली's Friends

  • Ajay Tiwari
  • santosh khirwadkar
  • MANINDER SINGH
  • रोहिताश्व मिश्रा
  • बृजेश कुमार 'ब्रज'
  • amod shrivastav (bindouri)
  • Sushil Sarna
  • शिज्जु "शकूर"
  • vijay nikore
  • Er. Ganesh Jee "Bagi"

नाथ सोनांचली's Groups

 

नाथ सोनांचली's Page

Latest Activity

नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 शिज्जु शकूर साहब सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 जैफ जी सादर अभिवादन। तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही आपने । बधाई स्वीकार कीजिये"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 जयनित जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने।बधाई देता हूँ"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"हड़प गजेंद्र जी सादर अभिवादन। कुछ शेर अच्छे हुए हैं। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 रवि शुक्ल जी सादर अभिवादन बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने।  अब न होगी ग़ज़ल तुम्हारे बाद हम भी इस बज़्म से निकलते हैं क्या उम्दा ग़ज़ल हुई है। बधाई"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 अजय जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 दिनेश जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल कही है आपने। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 27, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 संजय शुक्ल जी सादर अभिवादन। बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 चेतन प्रकाश जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल और प्रतिभागिता के लिए आभार आपका"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 अजय जी सादर अभिवादन। बात वक़्त की हो रही है तो मेरे समझ से सही है। आभार आपका"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 ऋचा यादव जी सादर अभिवादन। आभार आपका इस प्रतिक्रिया के लिए"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 रवि शुक्ल जी सादर अभिवादन। हृदयतल से आभार आपका।"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 ऋचा जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने। शेष गुणीजनों के हवाले। बधाई स्वीकार कीजिये"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 गजेंद्र श्रोत्रिय जी सादर अभिवादन। आभार हृदयतल से आभार"
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 शिज्जु शकूर जी सादर अभिवादन। आभार आपका। "
May 26, 2023
नाथ सोनांचली replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-155
"आद0 अमित जी सादर अभिवादन। आपकी प्रतिक्रिया पढ़ी। इसके अनुसार पुनः देखूँगा। आभार आपका।"
May 26, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
Varanasi
Native Place
Varanasi
Profession
Teacher
About me
I am a simple leaving man, having hobby to write poems

नाथ सोनांचली's Blog

ग़ज़ल( यहाँ की बात वहाँ ला के जोड़ देते हैं)

1212 1122 1212 22

ये न्यूज़ वाले कहानी को मोड़ देते हैं

यहाँ की बात वहाँ ला के जोड़ देते हैं

ख़राब आज को करते नहीं हैं उसके लिए

जो कल की बात है कल पे ही छोड़ देते हैं

बड़े ही प्यार से माँ बाप पालते जिनको

उमीद उनकी वो  बच्चे  ही  तोड़ देते हैं

दिखाते फिरते नहीं ज़ख़्म अपने दुनिया को

हम  अपना  दर्द  ग़ज़ल  में  निचोड़  देते  हैं

जो आइना तुझे घूरे अधिक समय तक तो

उस आइने की  भी आँखों को फोड़ देते हैं

उठा के …

Continue

Posted on April 4, 2023 at 1:56pm — 4 Comments

ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)

माना  नज़र  है  तेरी  ख़रीदार  की तरह

लेकिन न लूट तू  मुझे  बाज़ार  की तरह

रिश्ते  बिगड़ते  देर  तनिक भी नहीं लगे

गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह

वो तो चुनाव  जीत के  परधान  बन  गया

जो  घूमता  था  गाँव  में  बेकार  की तरह

वादा तो कीजिये नहीं और कर दिए अगर

वादा  खिलाफी हो  नहीं सरकार की तरह

देते  हैं  भाव  नेता  चुनावों  के  वक़्त  पर

और  फेंक  देते  बाद में अख़बार की तरह

शाइर …

Continue

Posted on March 21, 2023 at 7:49pm — 6 Comments

राष्ट्र (कविता)

भाल जिसका है हिमालय औ तिरंगा शान है

देश  प्यारा  वह  हमारा   नाम   हिन्दुस्तान है

हर सुबह जिसकी सुहानी सुरमई औ' शाम है

स्वर्ग सा यह देश अपना मोक्ष का यह धाम है

खेत  गिरि मैदान जंगल लहकतीं हरियालियाँ

भोर  की आहट मिले  तो स्वर्ग सी हो वादियाँ।

पूर्व  में आसाम  मेघालय  मिजोरम  ख़ास  है

साथ में बंगाल सिक्किम का अमर इतिहास है

गन्ध  फूलों  की  बिखरती  है  हवाओं  में वहाँ

गीत गाते खग  ख़ुशी  के …

Continue

Posted on January 2, 2023 at 7:42am

गीत : कोई चाहे कुछ भी कह ले, जीवन पथ आसान नहीं है

कोशिश  है जीवन  पाने की

सबकी चाह  प्रथम आने की

कई  करोड़ों  लड़ते   लेकिन

कोई - कोई  विजयी  निकले

शेष  कहाँ जा खो जाते हैं, इसका  कुछ अनुमान नहीं है

कोई  चाहे कुछ भी  कह ले, जीवन पथ  आसान नहीं है

शाम  सुबह  या  जेठ  दुपहरी, भूख  मिटाते  जीवन  बीते

कल जैसा ही कल होगा क्या, इस असमंजस में हम जीते

रेत  सरीखे  अपने  सपने,  कब   ढह  जाए  नहीं  भरोसा

जीने  की  उम्मीद  लिए  सब, बूँद  जहर  का  चेतन  पीते

दो  रोटी  पाने  की …

Continue

Posted on June 17, 2022 at 9:59pm — 2 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:03pm on April 11, 2019, Vivek Pandey Dwij said…
आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी आभार आप को इस उत्साह वर्धन के लिए।
At 7:39pm on November 20, 2016,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी.
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी ग़ज़ल "हाथ से सारे फिसल गए" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" सम्मान के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे |

आपको प्रसस्ति पत्र यथा शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा, इस निमित कृपया आप अपना पत्राचार का पता व फ़ोन नंबर admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध कराना चाहेंगे | मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई हो |
शुभकामनाओं सहित
आपका
गणेश जी "बागी
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक 
ओपन बुक्स ऑनलाइन

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
yesterday
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Apr 13

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service