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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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जनाब अजय साहिब, ग़ज़ल मेंआपकी शिर्कत  और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया I 

मोहतरम तस्दीक अहमद साहिब अच्छी ग़ज़ल हुई है, मुबारकबाद कुबूल फरमाएँ

आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब बहुत अच्छी गजल हुई दिली मुबारकबाद कुबूल कीजिए

बहुत ख़ूब। उम्दा ग़ज़ल हुई आदरणीय tasdiq ahmad khan जी

उम्दा ग़ज़ल हुई है आदरणीय तस्दीक़ अहमद खान साहब। दिली मुबारक़बाद क़ुबूल कीजिए। सादर।

आदरणीय तस्दीक अहमद जी आदाब,

                    बहुत ही लाजवाब ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

आ. भाई तस्दीक अहमद जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

वाह वाह, बहुत ही बाकमाल आ० तस्दीक़ अहमद  साहिब. शेअर दर शेअर दाद और मुबारकबाद हाज़िर है। 

आदरणीय़ तस्दीक अहमद साहब,  इस ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर मुबारक़बाद कह रहा हूँ. बहुत-बहुत बधाइयाँ. 

आदरणीय तस्दीक अहमद साहब,
बेहतरीन ग़ज़ल, बहुत खूब. दिल से बधाई स्वीकार करें,

आदरणीय तस्दीक साहब, उम्दा गजल के लिए बधाइयाँ। 

(फैसले दिल) सुना गया है मुझे, इस पंक्ति में कुछ अधूरापन सा लगा। 

आदरणीय तस्दीक जी बहुत अच्छी ग़ज़ल कहने के लिए दिल से बधाइयां

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