बह्र-221/2121/1221/212
वो शह्र-ए-दिल सदा के लिए छोड़ क्या गया
आँखों से मेरी प्यार का मौसम चला गया [1]
उस को ख़बर थी ख़ौफ़ मुझे तीरगी से है
जलते हुए चराग़ तभी तो बुझा गया [2]
आँखों में था मलाल वो रुख़सत हुआ था जब
मुड़ मुड़ के दूर तक वो मुझे देखता गया [3]
अपने बदन से उस को रिहा करने के लिए
खंज़र से हाथों की नसों को चीरता गया [4]
हम रो रहे हैं और उन्हें कोई ग़म नहीं
अल्लाह हमारे प्यार में क्या मोड़ आ गया [5]
पैदा किया था प्यार से मैं ने जो फूल को
सींचा नहीं जो वक़्त पे तो सूखता गया [6]
आँखों में जिसकी 'मीत' मैं रहता था रात दिन
मुझ को वो आज अपनी नज़र से गिरा गया [7]
रूपम कुमार 'मीत'
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आदरणीय अमरुद्दीन 'अमीर' साहब जी, आपकी मौजूदगी देख कर बहुत ख़ुशी हुई,,, बहुत दिन के बाद जवाब लिख रहा हूँ इस के लिए माज़रत, क्यों कि मैं यहाँ गाँव में हूँ और यहाँ नेटवर्क का मअसला है, कुछ दिन पहले से ठीक है अब।। आपका बहुत शुक्रिया आपने मेरे हौसला बढ़ाया। मैं आदरणीय रवि साहब के इस्लाह पर जरूर अलम करूँगा।। आपका दिन शुभ हो।।
आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह साहब, आदाब, बहुत दिन के बाद जवाब लिख रहा हूँ इस के लिए माज़रत, क्यों कि मैं यहाँ गाँव में हूँ और यहाँ नेटवर्क का मअसला है, कुछ दिन पहले से ठीक है अब।। आपका बहुत शुक्रिया आपने मेरे हौसला बढ़ाया। मैं आदरणीय रवि साहब के इस्लाह पर जरूर अलम करूँगा।। आपका दिन शुभ हो।।
आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब, आदाब, बहुत दिन के बाद जवाब लिख रहा हूँ इस के लिए माज़रत, क्यों कि मैं यहाँ गाँव में हूँ और यहाँ नेटवर्क का मअसला है, आपका बहुत शुक्रिया आपने मेरे हौसला बढ़ाया। मैं आदरणीय रवि साहब के इस्लाह पर कायम हूँ।। आपका दिन शुभ हो।।
जनाब रूपम कुमार 'मीत' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें।
जनाब रवि भसीन जी की बातों का संज्ञान लें।
आद0 रूपम कुमार जी सादर अभिवादन
ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार कीजिये। आद0 रवि भसीन साहिब की बातों का संज्ञान लीजिएगा।
हार्दिक बधाई आदरणीय रूपम कुमार 'मीत' जी।बेहतरीन गज़ल।
लगता है उसकी आंख में थोड़ा मलाल है
जब जा रहा था दूर मुझे देखता गया[5]
प्रिय रूपम
आदाब
अच्छी ग़ज़ल हुई है, और बेहतरी के लिए गुणीजनों की इस्लाह पर अमल करो.सस्नेह.
आ. भाई रुपम कुमार जी, गजल का प्रयास अच्छा है । हार्दिक बधाई स्वीकारे । आ. भाई रवि जी के मसविरे से गजल और बेहतर होगी । सादर...
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