For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मित्रता दिवस को समर्पित छह दोहे

सारे रिश्ते देह के, मन का केवल यार
यारी जब से हो गई , जीवन है गुलज़ार

मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता  स्नेहसिक्त सम्बन्ध

मित्र सरीखा कौन है, इस दुनिया में मर्द
बाँट सके जो दर्द को बन कर के हमदर्द

मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम

मेरी हर शुभकामना, फले तुझे ऐ यार
यश धन बल आरोग्य से, दमके घर संसार

चाहे दुःख का रुदन हो, चाहे सुख के गीत
रहना मेरे साथ में,  हर दम मेरे मीत

-अलबेला खत्री







Views: 29604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hariom Shrivastava on April 1, 2019 at 11:40pm

मित्रता के ऊपर शानदार दोहे आदरणीय खत्री जी। चतुर्थ दोहे का द्वितीय चरण-"जैसे शिव और राम"..मुझे लगता है कि इसमें 12 मात्राएँ हो गईं हैं।

Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 7:27pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी,
आपको पसन्द आये मेरे  जज़्बात..........मेरे लिए ख़ुशी की है ये बात
धन्यवाद

सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 16, 2012 at 6:42pm

मित्रता विषय पर बहुत सुन्दर दोहे रचे हैं कोई साफ़ संवेदन शील ह्रदय वाला ही ये सब लिख सकता है बहुत सुन्दर भावनाएं हैं हार्दिक आभार एवं मित्रता दिवस की बधाई 

Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 4:14pm

आदरणीय प्राची सिंह जी
बहुत बहुत धन्यवाद
आपकी सराहना  ने मेरे शब्दों को मजबूती दी है

सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 16, 2012 at 3:45pm
मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता  स्नेहसिक्त सम्बन्ध 
 
...............बहुत सुन्दर दोहावली आदरणीय अलबेला जी,
 
प्रभु ही आते हैं स्वयं, मित्र रूप में द्वार.
हास्य गुरु हों दार्शनिक, लिखें  मित्रता सार.
हार्दिक साधुवाद इस अनुपम कृति के लिए.सादर.
Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 3:39pm

ये अच्छा हुआ कि दोनों का लाभ हुआ ..........यही तो गुणधर्म है साहित्य का कि  वह अपनी रौ में  सबको बहाता है,  सभी को बराबर हँसाता है और सभी को बराबर रुलाता है

आपको बधाई कि  आप इस रौ में बहे.........वरना आपा धापी के इस दौर में  लोग नहीं बहते  लोगों की आँखों से हालात बहते हैं

सादर


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 16, 2012 at 3:29pm

इस से ज्यादा खून तो मेरा बढ़ा था इतनी सुन्दर दोहावली पढ़ कर अलबेला भाई जी.

Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 3:24pm

धन्यवाद आदरणीय योगराज जी,
आपने  सराहा यह दोहा........
मेरा खून बढ़ गया

सादर


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on August 16, 2012 at 1:17pm

//मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम///

साधु साधु भाई अलबेला जी. वाह.

Comment by Albela Khatri on August 9, 2012 at 9:06am

कृतज्ञ हूँ  आद. सौरभ जी.......
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Prem Chand Gupta जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है। कृपया नुक़्तों का विशेष ध्यान रखें…"
7 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"कू-ब-कू है ख़बर, हुआ क्या हैपर ये अख़बार ने लिखा क्या है । 1 जो परिंदे क़फ़स में जीते हैंउनको मालूम है…"
10 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी आदाब, "मौन है बीच में हम दोनों के"... मिसरा बह्र में नहीं…"
27 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। बेवफ़ाई ये मसअला…"
33 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय अमित…"
40 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 - 1212 - 22/112 देखता हूँ कि अब नया क्या है  सोचता हूँ कि मुद्द्'आ क्या…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है, मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाइये।…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service