गज़ल(122-122-122-122)
क़यामत का मंज़र दिखाने लगे हैं
अचानक ही वो मुस्कुराने लगे हैं
ये क्या कम है सुनते न थे जो हमारी
वो अब हाथ हम से मिलाने लगे हैं
बुरा हो जवानी का आयी है जबसे
वो सूरत ही मुझ से छुपाने लगे हैं
दिए जो जलाये उजाले की ख़ातिर
वही आग घर को लगाने लगे हैं
अमीरों के बंगले बचाने की ख़ातिर
वो मुफ़लिस के छप्पर जलाने लगे हैं
सरे बज्म हँस हँस के मत बात कीजिए
सभी लोग तियूरी चढ़ाने लगे हैं
ग़ज़ब है वफा जिनसे मैं कर…
ContinuePosted on November 9, 2019 at 8:59am — 6 Comments
(मफ ऊल_मफाईल_मफाईल_फ ऊलन)
.
तुम चाहे गुज़र जाओ किसी राह गुज़र से
लेकिन नहीं बच पाओगे तुम मेरी नजर से
.
वो खौफ़ ए ज़माना से या रुस्वाई के डर से
देता रहा आवाज मैं निकले न वो घर से
.
तू जुल्म से आ बाज़ अभी वक़्त है ज़ालिम
पानी भी बहुत हो चुका ऊँचा मेरे सर से
.
फँसता है सदा हुस्न के वो जाल में यारो
वाकिफ़ जो नहीं उनके दग़ाबाज़ हुनर से
.
मालूम करें आओ कठिन कितना है रस्ता
कुछ लोग अभी लौट के आए हैं सफ़र…
Posted on September 10, 2019 at 10:00am — 5 Comments
गज़ल(ईद मनाएं)
(मफाईलुन - मफाईलुन - फ ऊलन)
न घर आएं न वो हम को बुलाएं
अकेले ईद हम कैसे मनाएं
यही है ईद का पैग़ाम लोगों
दिलों को आज हम दिल से मिलाएँ
मुबारक बाद मैं दूँ उनको कैसे
कभी वो सामने मेरे न आएं
मनाई साथ ही थी हम ने होली
सिवइयां साथ ही हम आज खाएँ
गिले शिकवे भुला दें आज के दिन
गले मिल कर मुहब्बत को बढ़ाएं
वतन से ख़त्म हो फिरका परस्ती
ख़ुदा से आज ये…
Posted on June 5, 2019 at 9:00pm — 3 Comments
ग़ज़ल
( मफाइलुन_फ इ लातुन_मफाइलुन_फेलुन)
किसी से प्यार किसी से क़रार ख़ैर ख़ुदा
करे वो तीर से दो दो शिकार ख़ैर ख़ुदा
अलम छुपाने की कोशिश तो हँस के की लेकिन
निगाहे नम ने किया आश कार ख़ैर ख़ुदा
नज़र पे पहरा है दीवाना फ़िर भी कूचे में
सनम को अपने रहा है पुकार ख़ैर ख़ुदा
तवक्को उनसे है फैसल की, कर रहे हैं जो
फरेबियों में हमारा शुमार ख़ैर ख़ुदा
लगा ये देख के उनको उदास महफ़िल में
खिज़ा के साथ…
Posted on May 18, 2019 at 12:34pm — 4 Comments
आदरणीय तस्दीक अहमद खान जी,माह के सक्रिय सदस्य के रूप में ओ बी ओ द्वारा चयनित होने पर आपको हार्दिक बधाई।
आदरणीय
तस्दीक अहमद खान जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में विगत माह आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2022 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |