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आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार छिहत्तरवाँ आयोजन है.  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

18 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार से 19 अगस्त 2017 दिन शनिवार तक

इस बार के छंद हैं -

सरसी छंद और सार छंद

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं. साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

सार छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

सरसी छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

[प्रस्तुत चित्र अंतर्जाल से]

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 18 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार से 19 अगस्त 2017 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

'हिंदुस्तान में जन्म लिया हूँ',इसमें 17 मात्रा हो रही हैं,इसे यूँ कर सकते हैं :-
"भारत में ही जन्मा हूँ मैं"
बाक़ी बहुत ख़ूब लिखा ।
आपको मेरे सरसी छन्द पढ़कर,लिखने की प्रेरणा मिली ये मेरे लिये ख़ुशी की बात है,प्रयास करते रहें ।शुभकामनाएं।

आदरणीय सुरेंदर इंसान जी सादर, प्रदत्त चित्र को मात्र दो ही सरसी छंदों से परिभाषित करने का सुंदर प्रयास हुआ है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर.

आदरणीय अशोक जी प्रयास आपको पसंद आया इसके लिए बेहद शुक्रिया जी। आदरणीय छंद में यह पहला प्रयास है।सादर जी।
अशोक जी,ये दो नहीं एक छन्द है, आपने ही तो बताया था हा हा हा....
आदरणीय सुरेंदर सर बहुत सुंदर लिखा सादर ।दिल से बधाई स्वीकार करें सादर ।
आदरणीया सुनंदा झा जी सादर नमन जी। प्रयास आपको पसंद आया इसके लिए बेहद शुक्रिया जी।
सादर जी।
जनाब सुरेन्द्र इंसान साहिब ,सरसी छन्द का अच्छा प्रयास हुआ है,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
आदरणीय तस्दीक अहमद जी आदाब। प्रयास आपको पसंद आया इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।

बहुत सुन्दर प्रयास आद० सुरेन्द्र इंसान भैया बहुत बहुत बधाई 

जी दी बेहद शुक्रिया आपका। सादर नमन सँग आभार दी।

आदरणीय सुरेन्द्र इन्सान जी, आपने आयोजन में भाग लिया हार्दिक धन्यवाद 

शुभेच्छाएँ 

जी आदरणीय इसी आयोजन से और पिछले आयोजन में आद.समर कबीर साहब जी के सरसी छंद पढ़ कर मैंने भी कोशिश की जी। अभी आपकी छंद मञ्जरी बुक देखी अमेजोन पर है जी मंगऊँगा जी मैं। सादर नमन जी।

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