बह्र-1222/1222/122
समंदर आज तक ठहरा हुआ है
किनारों ने इसे बाँधा हुआ है[1]
जुदा आँचल से मत करना अभी तो
परिंदा छाँव में बैठा हुआ है[2]
मियाँ तक़दीर में बस मुफ़लिसों की
ज़मीन-ओ-आसमाँ लिक्खा हुआ है[3]
हमारे जिस्म की क़ीमत वही जो
हमारे इल्म में ख़र्चा हुआ है[4]
उसे तोहफे में देना आइना जो
ग़ुरूर-ए-हुस्न में डूबा हुआ है[5]
हमें लगता था तारे हम-क़दम हैं
निगाहों को बड़ा धोखा हुआ है[6]
कहाँ बुनियाद हम रिश्तों की डालें
यहाँ हर एक घर टूटा हुआ है[7]
हवाएँ शहर की लगने लगी हैं
दुप्पटा फूल का सरका हुआ है[8]
नहीं खाऊँगा उस बस्ती की रोटी
अमीरों से मेरा झगड़ा हुआ है[9]
सदा रूमाल में रखना वो मोती
जो चश्म-ए-मीत से टपका हुआ है[10]
-रूपम कुमार 'मीत'
"मौलिक व अप्रकाशित"
Comment
आ. भाई रूपम कुमार जी, ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ है। बधाई स्वीकार करें । शेष आ. भाई रवि जी के सुझावों पर गौर करेंगे तो और निखार आ जायेगा।
आद0 रूपम कुमार जी सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार कीजिये। रवि भसीन साहब की बातों का संज्ञान लीजिये
जनाब रूपम कुमार 'मीत' जी आदाब, बड़ी अच्छी ग़ज़ल कही है आपने दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। जनाब रवि भसीन 'शाहिद' जी की बातों का संज्ञान लें। सादर।
आदरणीय रूपम कुमार 'मीत' भाई, ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ है, बधाई स्वीकार करें। कुछ अशआर बहुत अच्छे लगे, विशेष तौर पर मक़्ता। कुछ सुझाव आपकी ख़िदमत में पेश कर रहा हूँ:
/किनारों ने जिन्हें बाँधा हुआ है
वो दरिया आज तक ठहरा हुआ है[1]/
मतले के ऊला में 'जिन्हें' को 'जिसे' कर लीजिये, क्यूँकि 'दरिया' एकवचन है।
/सुकूँ मिलता है माँ आँचल में जैसे
परिंदा छाँव में बैठा हुआ है[2]/
ऊला में 'के' की कमी महसूस हो रही है (माँ के आँचल में)। अगर उचित लगे तो ऊला यूँ कर लीजिये:
मिला हो जैसे उसको माँ का आँचल
/हमें लगता था तारें हम-क़दम हैं
निगाहों को बड़ा धोखा हुआ है[6]/
ऊला में 'तारें' को 'तारे' कर लीजिये।
/कहाँ बुनियाद हम रिश्तों की डाले
यहाँ हर एक घर टूटा हुआ है[7]/
ऊला में 'डाले' को 'डालें' कर लीजिये।
/हवा, जल, आग, धरती और बादल/
हमारे जिस्म में फैला हुआ है[8]
इस शे'र के सानी में 'फैले हुए हैं' आना चाहिए, क्यूँकि ऊला में पाँच चीजें गिनवाई गई हैं, लेकिन उससे रदीफ़ निभ नहीं पाएगी। इस शे'र का ऊला बदलने का प्रयास करें।
/हवाए शहर की लगने लगी है
दुप्पटा फूल का सरका हुआ है[9]/
ऊला में 'हवाए' को 'हवाएँ' और 'है' को 'हैं' कर लीजिये।
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