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Sanjay Mishra 'Habib'
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Sanjay Mishra 'Habib''s Blog

धनाक्षरी

भोर को निशा बना दे, अंधकार ही घना दे।
हो सके तो श्वांस ना दे, आदमी को आदमी।

लोभ के गुणों को जापे, हर्ष के लिए विलापे।
स्वार्थ में कठोर शापे, आदमी को आदमी।

भाग में रहा बदा है, जोड़ता यदा कदा है।
बांटता चला  सदा है, आदमी को आदमी।

शर्म ही बचा सकेगा, धर्म ही उठा सकेगा।
कर्म ही बना सकेगा, आदमी को आदमी।

_____मौलिक/अप्रकाशित______

Posted on December 18, 2013 at 6:39pm — 10 Comments

डेवलपमेंट्स

“सर! निगम के सी. ई. ओ. के घोटालों की पूरी रिपोर्ट मैंने फायनल कर दी है। प्रिंट में जाये उससे  पहले आप एक नज़र डाल लीजिए...” एडिटर इन चीफ ने रिपोर्ट पर सरसरी निगाह डाली और लापरवाही से उसे टेबल के किनारे रखे ट्रे पर डालते हुये कहा – “इसे छोड़ो, इस केस में कुछ नए डेवलपमेंट्स पता चले हैं... उन सब को एड करके बाद में देखेंगे... बल्कि तुम ऐसा करो कि नए आर॰ टी॰ ओ॰ से संबन्धित रिपोर्ट को जल्दी से फायनल कर दो, उसे कल के एडिशन में देना है...”



वह अपने चेम्बर में बैठ कर  आर॰ टी॰ ओ॰ से संबन्धित…

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Posted on December 16, 2013 at 10:00am — 8 Comments

चाबी

राजकुमार तोते को दबोच लाया और सबके सामने उसकी गर्दन मरोड़ दी... “तोते के साथ राक्षस भी मर गया” इस विश्वास के साथ प्रजा जय जयकार करती हुई सहर्ष अपने अपने कामों में लग गई।

 

उधर दरबार में ठहाकों का दौर तारीं था... हंसी के बीच एक कद्दावर, आत्मविश्वास भरी गंभीर आवाज़ गूंजी... “युवराज! लोगों को पता ही नहीं चल पाया कि हमने अपनी ‘जान’ तोते में से निकाल कर अन्यत्र छुपा दी है...  प्रजा की प्रतिक्रिया से प्रतीत होता है कि आपकी युक्ति काम आ गई... राक्षस के मारे जाने के उत्साह और उत्सव के बीच…

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Posted on October 4, 2013 at 9:36am — 22 Comments

अध्यादेश

शरीर पर बेदाग पोशाक, स्वच्छ जेकेट, सौम्य पगड़ी एवं चेहरे पर विवशता, झुंझलाहट, उदासी और आक्रोश के मिले जुले भाव लिए वे गाड़ी से उतरे... ससम्मान पुकारती अनेक आवाजों को अनसुना कर वे तेजी से समाधि स्थल की ओर बढ़ गए... फिर शायद कुछ सोच अचानक रुके, मुड़े और चेहरे पर स्थापित विभिन्न भावों की सत्ता के ऊपर मुस्कुराहट का आवरण डालने का लगभग सफल प्रयास करते हुये धीमे से बोले- “मैं जानता हूँ, जो आप पूछना चाहते हैं... देखिये, आप सबको, देश को यह समझना चाहिए... और समझना होगा कि ‘गांधी’ जी के…

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Posted on October 2, 2013 at 9:08am — 25 Comments

Comment Wall (16 comments)

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At 10:09pm on July 14, 2012, UMASHANKER MISHRA said…

ओ.बी.ओ. का चन्द्रमा , हम सभी  का प्यारा

सुर ताल भरी  लेखनी ,  छंदों का सितारा आदरणीय प्रिय भ्राता संजय मिश्र  हबीब जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामना

At 9:55pm on July 14, 2012, Er. Ambarish Srivastava said…

आज आपका जन्म दिन, मन में है आनंद.

जीवन बीते प्यार से, रहें  सुखी  सानंद .. :-)

At 8:56pm on July 14, 2012, CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' said…
संजय सर जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
At 5:09pm on July 14, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 11:43pm on July 13, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

प्रिय मिश्र हबीब भ्राता श्री खुशियाँ आप के गले लगी रहें सारे प्यारे सपने सच हो जाएँ जन्म दिन (अग्रिम) मुबारक हो ....जय श्री राधे 

भ्रमर ५ 
At 2:28pm on April 19, 2012, PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA said…

आदरणीय  संजय जी, इस दुखद घडी में हम आपके साथ हैं. ईश्वर आत्मा को शांति प्रदान  करे . 

At 6:39pm on April 18, 2012, विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी said…
आदरणीय संजय सर जी हम इस दुखद क्षण में मनसा अपके साथ हैं।ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माता जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करें।ॐ शान्ति! ॐ शान्ति!! ॐ शान्ति!!!
At 1:02pm on November 5, 2011, Abhinav Arun said…

संजय मिश्र हबीब जी  हार्दिक बधाई !! हम aapke  नित साहित्यिक सांस्कृतिक उन्नयन की कामना करते हैं aapki ओ बी ओ पर सक्रियता अनुकरणीय  है !! साधुवाद !!!!!

At 5:04pm on November 4, 2011, आशीष यादव said…

आदरणीय श्री संजय ’हबीब’ जी, महीने का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर आपको बहुत बहुत बधाई|

At 1:09pm on November 4, 2011, Rash Bihari Ravi said…

badhai sanjay ji is mahina ke skriye sadasy chune jane ke liye

 
 
 

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