For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ छप्पनवाँ आयोजन है.   

 

इस बार के आयोजन के लिए सहभागियों के अनुरोध पर अभी तक आम हो चले चलन से इतर रचना-कर्म हेतु एक विशेष छंद साझा किया जा रहा है। 

इस बार छंद है -  दोहा छंद

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

22 जून’ 24 दिन शनिवार से

23 जून’ 24 दिन रविवार तक

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

दोहा छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -

22 जून’ 24 दिन शनिवार से  23 जून’ 24 दिन रविवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 1178

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ. भाई मिथिलेश जी सादर अभिवादन। दोहोंं पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी

अनुमोदन हेतु आभार। सादर

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, चित्रानुसार सुंदर दोहों के लिए बधाई स्वीकार करें।

आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार। 

वाह आद. लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, चित्र पर अति सुंदर दोहे रचे हैं।

आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। दोहों के अनुमोदन के लिए आभार..

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुत पटल के साथ आपकी आत्मीयता, संलग्नता तथा आपका सातत्य स्तुत्य है। 

प्रस्तुत आयोजन में आपकी उपस्थिति तथा आपका रचनात्मक सहयोग स्वागतयोग्य है।

हालाँकि, प्रस्तुति शीघ्रता में रचित हुई है। किन्तु, कई छंद वस्तुतः रोचक बन पड़े हैं। क्योंकि चित्र का मर्म और रचनाकार की रचनात्मकता दोनों पारस्परिक रूप से संतुष्ट हो रहे हैं।  

देती यह तस्वीर  है, हम को तो संदेश  ..............  हमको यह संदेश 
होता है सहयोग से, उन्नत हर परिवेश 
 
मिले हाथ से हाथ जब, बनती है पहचान
होते हैं सहयोग से, कठिन कर्म आसान .........     कर्म को काम किया जाना अधिक उचित होगा। क्योंकि छंद की मूल भाषा तत्सम शब्द सम्मत नहीं हैं। 

एक बात और, घास के साथ द्वंद्वात्मक शब्द फूस होता है। घास-फूस। पूस तो पौष माह का देसज स्वरूप है। 

आपकी प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद

शुभ-शुभ

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।

कठिन समय सहयोग ही, हरता है हर पीर
मिलजुल खाने  पर  लगे, बासी रोटी खीर।७।// वाह..

आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी चित्र पर बहुत सुन्दर दोहों का सृजन किया है आपने।हार्दिक बधाई 
*

आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और उत्साहवर्धन के लिए आभार। 

दोहावलीः

सभी काम मिल-जुल अभी, होते मेरे गाँव ।
चाहे डालें हम वहाँ, छप्पर हित वो छाँव ।।

बैठेंगे फिर धूप भी, बड़े - युवा सब साथ ।
होगा सलाह-मशविरा, रखे हाथ जो माथ ।।

सामुदायिक केन्द्र कई, बनवाती सरकार
वासी ..सारे ..गाँव के, मनहुँ एक परिवार ।।

आधार ग्राम भारती, खेल - कूद उन्माद ।
नदी किनारे हैं बसे, फसल दूध उत्पाद ।।

आश्रित सारे ही शहर, इन गाँवों पर आज ।
दूध-छाछ मावा मिलें, साथ समस्त अनाज ।।

महिमा ग्राम अनंत है, चलो चलें चौपाल ।
खून हमारा एक है, फँसें.. नहीं संजाल।।

सजे देश - महफ़िल वहीं, लगें हाट मम ग्राम।
प्रशासन हो गाँव-गली, खुशहाली हर शाम ।।

मौलिक व अप्रकाशित

  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, प्रदत्त चित्र पर अच्छे दोहे रचे हैं आपने.किन्तु अधिकाँश दोहों के विषम चरणों में गेयता बाधित हो रही है.सादर 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
1 minute ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
2 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार बहुत खेद है पहली बार ये गलती हुई मुझसे सादर एक कोशिश की है__ सादर चोट पहले…"
4 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सुधार और बेहतरी की पुनः कोशिश करूंगी सादर"
7 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छे मतले के साथ ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
8 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय निलेश जी नमस्कार बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
11 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय जयहिंद जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए  गुनीजनों की टिप्पणी…"
12 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। सुझाव के बाद अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल में गिरह का शेर रह गया। "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई। "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
".कितनी सदियों से चाक पर हूँ मैंमेरी मिट्टी का कुछ बना तो नहीं.हासिल-ए-ग़ज़ल शेर रहा।  टूट कर…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ग़ज़ल अभी समय मॉंगती है। आपने फ़लक को एक से अधिक मानते हुए शेर कहा, बहुत से आकाशों की कल्पना ग़लत…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service