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ओबीओ के रचनाकारों की लघुकथाओं का पंजाबी में अनुवाद

प्रतिष्ठित पंजाबी मासिक "गुसईआँ" ने अपने अगस्त-२०१४ के अंक में ओबीओ के तीन वरिष्ठ सदस्यों सर्वश्री गणेश बागी जी, डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी एवं रवि प्रभाकर की लघुकथाओं (त्रिया चरित्र, मिन्नत और सम्मान)  को पंजाबी में अनूदित कर पत्रिका में स्थान दिया है. इस सम्मान और उपलब्धि हेतु तीनो कथाकारों को कोटिश: बधाई। :  

        


 

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आदरणीय योगराज जी

आपका स्नेह और मांगल्य  मुझे आपसे हुयी  प्रातः वार्ता में ही मिला  i वास्तविकता यह है कि 'लघु  कथा ' के मामले में मै अनाडी हूँ  i पर इधर आप्से मुझे जो टिप्स मिले उनसे मुझे बड़ी सहायता मिली है  i आगे माँ  की ईच्छा i आपका स्नेह इसी तरह वांछित I

तीनो सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक बधाई 

आभार आदरणीय लडिवाला जी।

आदरणीय गोपाल नारायनजी, भाई गणेशजी तथा अनुज रवि की रचनाओं को पंजाबी भाषा की पत्रिका "गुसईआँ" में मिले स्थान के लिए मैं हार्दिक तौर पर बधाई तथा शुभकामनाएँ देता हूँ. प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका द्वारा इन लघुकथाओं का प्रकाशन ओबीओ के मंच पर स्तरीय रचनाओं के लिए बने वातावरण का भी परिचायक है. 

शुभ-शुभ

आदरणीय सौरभ जी

आपका शत-शत आभार  i  पर आपकी हामिद-कथा मील का पत्थर है i मेरे लिय वह आल टाइम फेवरिट  है i

अपनी किसी रचना से मैं आपके पाठक को संतुष्ट कर पाया यह मेरे रचनाकर्म का सौभाग्य है, आदरणीय गोपाल नारायनजी. सच में आपने मुझे निरुत्तर कर दिया है.

मेरी अदा पे जान दे ये चाहता हूँ मैं
तू वाकई न देदे जां ये सोचता हूँ मैं

सादर

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ भईया ।

आदरणीय गणेश जी, आदरणीय डा.गोपाल नारायण जी व् आदरणीय रवि जी को उनकी श्रेष्ठ लघुकथा क्रमशः त्रिया-चरित्र, मिन्नत व् सम्मान के पंजाबी भाषा पत्रिका "गुसईआँ" में स्थान व् प्रकाशन हेतु हृदयतल से बधाइयाँ

सादर!

धन्यवाद आदरणीय जीतेन्द्र गीत जी।

हार्दिक बधाई स्वीकार करें, श्री रवि, गोपाल, गणेश।

यह मंच भी गौरवान्वित है, सम्मान मिला है विशेष॥ 

आदरणीय गोपाल नारायण भाई , आदरणीय गणेश बागी जी और आदरणीय रवि प्रभाकर जी की लघुकथा रचना को पंजाबी में अनुवाद कर पंजाबी  पत्रिका में स्थान दिए जाने के लिए तीनो आदरनियोँ  को दिली बधाइयाँ , एवं शुभ कामनायें  ||

सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक बधाई

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