For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ketan Parmar
Share on Facebook MySpace

Ketan Parmar's Friends

  • Lata tejeswar
  • arvind ambar
  • Abhishek Kumar Jha Abhi
  • CHANDRA SHEKHAR PANDEY
  • शिज्जु "शकूर"
  • Priyanka singh
  • Dr Lalit Kumar Singh
  • कल्पना रामानी
  • केवल प्रसाद 'सत्यम'
  • Dr Ashutosh Mishra
  • Vindu Babu
  • बृजेश नीरज
  • Shyam Narain Verma
  • Sarita Bhatia
  • अरुन 'अनन्त'
 

Ketan Parmar's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Mumbai
Native Place
Dhar
Profession
Writter
About me
Love Poems

Ketan Parmar's Blog

ग़ज़ल : याद है तुझको

2122 2122 2122 2122

शेर मेरे  ये  सभी यूं तो ज़माने के लिए हैं।

बेवफा से भी मुहब्बत ही जताने के लिए हैं।।



याद है तुझको कभी तू भी रहा है साथ मेरे।

याद भी तेरी जहां में भूल जाने के लिए हैं।।



चाहता है दर्द उसके सब मिटे दुनिया से कमसिन।

दर्द भी कुछ सीने पर ही तो लगाने के लिए हैं।।



दिल उन्होंने यूं संभाला जैसे कोई आइना हो।

आइना तो यार सब ही टूट जाने के लिए हैं।।



जख्म मेरे जो भी दुनिया से मिले है प्यार में वो।

जख्म ये सब यार उनसे ही…

Continue

Posted on August 31, 2013 at 9:30am — 14 Comments

ग़ज़ल एक कोशिश

1222 1222 1222 1222

तमन्ना है मेरी दिलबर मुझे थोड़ी वफ़ा दे दो।

महक जाऊ मैं गुलशन में मुझे ऐसी फिजा दे दो।।



दिए हैं लाख दुनियां ने मुझे जो ज़ख़्म सीने पर

न हो अब दर्द मुझको यार कुछ ऐसी दवा दे दो
।।



किया है जुर्म हमने क्या मुझे भी तो पता चलता।

अगर माफ़ी न मिल सकती मुझे हमदम सज़ा दे दो।।




हुई है बेवफाई मुझ से भी अब क्या जहां…

Continue

Posted on August 8, 2013 at 4:30pm — 33 Comments

उन्हें ख्वाबो में देखता हूँ

एक कोशिश विरह रस की कविता कहने की आशा है आप सब को पसंद आएगी



फिर से सावन की घटा छाई है

तन्हाई में मुझे तेरी याद आई है

क्यों है दूर मुझसे तू न जानू

क्यों है मजबूर मैं न जानू



है कुछ मेरी भी मज़बूरी 

बिन तेरे मैं भी अधूरी

क्या बताऊ दिल का हाल

करता है मुझे ये बेहाल



तुमसे मैं क्या करू सवाल

मेरा क्या तुम बिन हाल

मैं कहु कैसे मेरी प्रियतम

सहा है कितना मैंने सितम



मैं समझती हूँ तेरे दिल का हाल

तेरे…

Continue

Posted on July 23, 2013 at 11:30am — 8 Comments

llमुहब्बत लिख देंगेll

मात्रा बह्र 

2 2 /  22 / 22 / 22 / 22 / 2

सोचा हमने तुमको इक ख़त लिख देंगे।

और तुम्हारी एक शिकायत लिख देंगे।।



ये जंग न हो दुनियाँ में मेरे मौला ।

दुनिया भर के नाम इबारत लिख देंगे।।



कर सकते हो हर एक खता दुनिया में। 

हम ये तेरे नाम इजाजत लिख देंगे।।



मिलते मिलते बिछड़ा है वो भी मुझसे।

करता मेरा यार सियासत लिख देंगे।।



इक दिन मिट जायेगा पूरा ये ज़माना।

होगी जो मातम की सूरत लिख देंगे।।



दिल…

Continue

Posted on July 18, 2013 at 9:00pm — 17 Comments

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service