For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल एक कोशिश

1222 1222 1222 1222

तमन्ना है मेरी दिलबर मुझे थोड़ी वफ़ा दे दो।
महक जाऊ मैं गुलशन में मुझे ऐसी फिजा दे दो।।

दिए हैं लाख दुनियां ने मुझे जो ज़ख़्म सीने पर
न हो अब दर्द मुझको यार कुछ ऐसी दवा दे दो
।।

किया है जुर्म हमने क्या मुझे भी तो पता चलता।
अगर माफ़ी न मिल सकती मुझे हमदम सज़ा दे दो।।


हुई है बेवफाई मुझ से भी अब क्या जहां वालो।
अगर लगता तुम्हे ऐसा मुझे उसकी सज़ा दे दो।।


जुदा होकर मुझे जीना नहीं उनके बिना हरगिज़। 
मिले मेरा सनम मुझको , मुझे ऐसी दुआ दे दो।।

केतन परमार (अनजान )

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 942

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ketan Parmar on August 14, 2013 at 11:26am

sUKRIYAA SABHI GUNIJANO KAA

Comment by vandana on August 14, 2013 at 7:30am


किया है जुर्म हमने क्या मुझे भी तो पता चलता। 
अगर माफ़ी न मिल सकती मुझे हमदम सज़ा दे दो।।

बढ़िया ग़ज़ल 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 14, 2013 at 12:21am

बहुत ही गंभीर प्रयास किया है आपने.ढेर सारी बधाइयाँ.

सुधी पाठकों के कहे पर ध्यान दें और तदनुरूप अनुसरण करें

शुभम्

Comment by Ketan Parmar on August 13, 2013 at 3:58pm

Shijju ji apki umido pe khara utarne ki puri koshish hogi sukriya


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on August 12, 2013 at 11:26am

केतन जी आपकी कोशिश तो बहुत अच्छी है, आपसे उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं 

Comment by Ketan Parmar on August 11, 2013 at 3:26pm
sukriya bhai
Comment by अरुन 'अनन्त' on August 11, 2013 at 3:22pm

आदरणीय केतन भाई जी प्रयास बहुत ही सुन्दर बन पड़ा है करते रहिये मेरी ओर से हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Ketan Parmar on August 10, 2013 at 3:53pm
kewal ji sukriyaa
Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 10, 2013 at 3:12pm

आ0केतन परमार भाई जी,  सुन्दर गजल।  तहेदिल से बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by Ketan Parmar on August 10, 2013 at 3:03pm
sukriya sabhi adarniya jano ka

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
6 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service