For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 71687

Reply to This

Replies to This Discussion

ओ बी ओ परिवार के सक्रीय सदस्य आ. संजय जी के निधन का दुखद समाचार सुनकर मन आहत हुआ है. कुछ कहते नहीं बनता ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे ।

ओ बी ओ परिवार के सक्रीय सदस्य और सशक्त रचनाकार भाई संजय मिश्रा 'हबीब' का यूँ चले जाना हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है ....परम पिता उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे .साथ ही उनके परिवार को इस संकट से उबरने की शक्ति भी .

कुछ समझ नहीं आ रहा है, क्या हो रहा है | कंप्यूटर पर बैठते ही पहली खबर ने मस्तिष्क सुन्न कर दिया | प्रभु संजय मिश्रा

"हबीब" जी की आत्मा को शान्ति प्रदान करे और परिवार जन को इस ह्रदय विदारक असामयिक दुःख को सहने के शक्ति परदान

करे | ॐ शान्ति शांति 

आखिर ऐसा क्यूँ होता है यह सवाल मन में बार बार आता है की असमय ही इश्वर हमारे किसी अजीज को अपने पास बुला लेते हैं .....ओ बी ओ के कर्मठ सदस्य संजय भाई को जैसे आज ईश्वर ने हमारे बीच से उठा लिया जो कि बहुत ही दुखद है .....खैर हम सभी का प्रकृति पे कोई जोर भी नहीं है भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें .....

स्तब्ध कर देने वाली इस घटना पर अभी तक विशवास नहीं हो पा रहा है| यह ओ बी ओ के लिए एक अपूरणीय क्षति है| इश्वर दिवंगत आत्मा के परिवार को इस कष्ट को सहने की क्षमता प्रदान करे| 

अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि

संजय हबीब की आकस्मिक मौत के बारे में जानकर बेहद दुख हुआ l ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें व परिवार जनों को इस दुख को सहने की क्षमता l 

ओह अत्यंत दुखद .... ईश्वर आदरणीय हबीब जी और अलबेला जी की आत्मा को शांति प्रदान करे 

सितारे नित टूट रहे जाने है क्या राज
दिखाए राह कौन अब बने कैसे समाज

एक सड़क दुर्घटना में हबीब साहेब के असामयिक निधन की खबर बागी जी के फेसबुक के पोस्ट से मिली . यह खबर सुनकर लगा कि   किसी ने कलेजे को मुट्ठी में भींच लिया हो . ईश्वर को भी अच्छे ही लोगों की  क्यों जरुरत होती है ? उनकी रचनाएं . उनके विचार , उनके आदर्श अमर रहेंगे . हम ओपन बुक्स ऑन लाइन ( साहित्यिक वेबसाइट ) के कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं . आपकी सादगी , सोच की गहराई , आपकी साफगोई आपकी हर पंक्तियों में झलकती थी . मिलना तो नहीं हुआ पर भूलना तो कभी न होगा . बहुत याद आओगे मित्र हबीब साहेब . इस मनहूस घडी में सिर्फ यही कह सकता हूँ .........
        " हम जिसे गुनगुना नहीं सकते ,
           वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया .
          ज़िन्दगी धुप तू घना साया .
  ज़न्नत नसीब हो , ईश्वर से यही मांग करता हूँ .......... अलविदा ......................

(शादी की सेंतीस्वीं सालगिरह पर) 

कौन कहता है 
नदी के दो छोर मिल नहीं सकते 
मिले तो थे उस रोज,
आज ही के दिन 
जब थामा था हमने इक दूजे का हाथ 
गंगा के उस पार की लहर तुम्हारी 
इस पार की मेरी 
ले आई हम दोनों को कितने करीब 
तुम्हारे विश्वास और मेरे समर्पण 
से बनी एक छोटी सी किश्ती
में ,धारा संग बह चले... 
कितना पूर्ण हुआ 
कितना बाकी ,किसे है परवाह गिनने की 
बस चले जा रहे हैं इक दूजे का संबल बने
जीवन सफ़र में.

आदरणीया राजेश जी विवाह की 37 वीं वर्षगाँठ पर  बहुत बहुत बधाई आपको 

हार्दिक धन्यवाद शिज्जू शकूर भैय्या .

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
46 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
51 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service