For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा १८-सभी प्रविष्टियाँ एक साथ

Views: 5680

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई राणाप्रतापजी,

सद्यः समाप्त हुए तरही-मुशायरे (अंक - 18) की सभी ग़ज़लों और प्रविष्टियों को संकलित कर दीवान का रूप दे देना मुझे एकदम से भा गया है.  आपको बहुत-बहुत बधाई. 

कहना न होगा कि हम संकलन की साज-सज्जा पर तो मोहित हैं ही, इस संकलन की मूल अंतर्धारा से अभिभूत भी हैं.

 

मुशायरे में सम्मिलित ग़ज़लों का यह संकलन प्रस्तुतियों का इकट्ठा प्रारूप मात्र नहीं है.  बल्कि बाबह्र और बेबह्र मिसरों का एक निर्विकार इंगित भी है  जहाँ  यह मालूम होता है कि प्रस्तुत हुई ग़ज़लों के अश’आर ग़ज़ल के मूल नियमों का कितना अनुपालन करते हुए हैं.  मैं तो समझता हूँ कि यह इंगित नये ग़ज़ल लिखने वालों के लिये समझने और तदुपरांत यथोचित प्रयासरत होने हेतु एक बेहतर और सटीक तरीका भी है.  राणा भाई,  आपका यह प्रयास बहुत ही उदार है. 

अधिक दिन नहीं हुए,  वीनस भाई के इसी तरह के एक तटस्थ प्रयास के कारण मैं बह्र की गंभीरता समझ पाया था और ग़ज़लों के प्रति मेरी समझ ही बदल गयी. 

 

आम लोगों के विशिष्ट शायर अदम गोंडवी साहब की मूल ग़ज़ल, जिससे इस मुशायरे के लिये मिसरा लिया गया है,  आयोजन के सभी शायरों के लिये मानों मानक की तरह प्रखर दीख रही है. 

 

एक अनुरोध : ग़ज़ल संख्या 12 (बारह)  पर गलती से  मेरी ही ग़ज़ल के कुछ अश’आर दुबारा अंकित हो गये हैं.  इसे दुरुस्त कर दिया जाय.

 

कुल मिला कर इस महती कार्य की सम्पन्नता पर आपका हार्दिक धन्यवाद.

 

सभी रचनाएँ [ग़ज़लें] एक तेवर लिए हुए हैं | बधाई !! मंज गए हैं ओ बी ओ के सभी रचनाकार | हम नव सदस्यों के लिहाज से भी संमृद्ध हो रहे हैं |साथी मित्रों सहित सभी सदस्यों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !!

नए साल की हार्दिक शुभकामनाए .....मुशायरे की सभी रचनाओं को एक साथ करने के लिए हार्दिक आभार ....सुधिजनो से निवेदन है की क्या आप मुझको बता सकते है की कुछ रचनाए हरा , लाल व् अन्य रंग लिए हुए है ..इसका कोई मतलब है या फिर आप ने यूँ ही इनको रंग दे दिया है ... कृपया आप मेरी शंका का निवारण करे आपका आभार होगा |

नाजील साहब, आपने बिलकुल सही अंदाजा लगाया है, रंगों का कुछ तो मतलब अवश्य है वरना राणा साहिब ऐसे ही रंग बिरंग करने वालों में से नहीं है, वो तो होली में भी रंग खेलते है तो रंगों का सकारात्मक मायने लगा लगा कर.. .  :-))))))))))))))

लाल रंग में छपे शेर बाबहर है, हरे रंग में छपे शेर बेबहर है व नीले रंग में छपी आदरणीय अदम साहब की मूल ग़ज़ल है जहाँ से राणा जी ने तरही का मिसरा उठाया था |

भाई नज़ील साहब..  अनुरोध है,  प्रविष्टियों के साथ-साथ बेहतर होगा,  आप प्रतिक्रियाओं को भी पढ़ें. बहुत कुछ का निराकरण हुआ दीखेगा. 

प्रिय राणा जी, आपके मेहनत को सलाम, मैं समझ सकता हूँ कि मुशायरे से सभी प्रस्तुतियों को एकत्र करना, बाबहर और बेबहर शेरों को चिन्हित करना और फिर उसे आकर्षक रूप से किताब के शक्ल में प्रस्तुत करना कितना दुरूह कार्य है, जिसे आपने बाखूबी निभाया है और नव वर्ष के उपहार स्वरुप हम लोगो को प्रदान किया है, बहुत बहुत आभार और नव वर्ष की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं स्वीकार करें |

सुंदर संकलन

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 

राणा जी आपने पोस्ट के लिए जो मेहनत की है वह खुद अपनी कहानी कह रही है
इस सुन्दर संकलन के लिए बधाई स्वीकारें

बा-बह्र अशआर को छांट कर आपने सीखने वालों के लिए महती कार्य किया है
इसके लिए अलग से साधुवाद स्वीकारें

यह इस मंच की एक बड़ी ही खूबी और खूबसूरती है की यहाँ इतना कुछ सीखने के लिए है और नित नए प्रयोगों से सीखने का मज़ा भी दो गुना हो जाता है.. आदरणीय राणा साहब ने जिस खुबसूरत साज सज्जा के साथ और बाबह्र और बेबह्र ग़ज़लों को संकलित किया है उनके सद्प्रयास को शत बार नमन .... 

अहहहा! बड़े मनमोहक स्वरुप में सभी ग़ज़लों को एकत्र किया है आदरणीय राणा जी, निश्चित रूप से इसे ऐसा स्वरुप देकर संकलित और प्रकाशित करने में धैर्य और श्रमबल की जो परीक्षा हुई होगी, वह पढ़ते वक़्त भी महसूस हो रही है. और रचनाकारों के लिए निहित सार्थक संकेत....... वाह! यह तो अदम साहब को सच्ची श्रद्धांजली है..... इस अद्बुत श्रमसाध्य कार्य के लिए ह्रदय से सादर बधाई स्वीकारें...

साथ ही सभी सम्माननीय मित्रों को नूतन वर्षागमन की सादर बधाईयाँ. जय ओ बी ओ.

राणा जी इस आयोजन में मैं अनुपस्थित रहा, मगर कोटिशः धन्यवाद आपका सारी रचनाएँ एक जगह पढ़वाने के लिए। ये मुशायरा एक तरह से अदम गोंडवी जी के लिए श्रद्धांजलि भी था। बहुत बहुत धन्यवाद आपको इस कार्य के लिए।

राणा जी,

धन्यवाद, नव वर्ष २०१२ की शुभ कामनाएं, सभी ग़ज़लों को एक साथ पढने का अवसर दिया और इससे भी ज़्यादा परिश्रम करके बा-बाहर और बे-बाहर ग़ज़लों को छांटा, वरना मुझे भी पता नहीं चलता जल्दी जल्दी में कुछ गल्तियाँ हो गयी थी.  - सुरिन्दर रत्ती - मुंबई 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"योग ****    छोटी छोटी बच्चियाँ, हैं भविष्य की आस  शिक्षा लेतीं आधुनिक, करतीं…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय"
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय  निलेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई इस ग़ज़ल के लिए।  "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि शुक्ल भैया,आपका अलग सा लहजा बहुत खूब है, सादर बधाई आपको। अच्छी ग़ज़ल हुई है।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
Tuesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
Monday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service