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बहर 1222 1222 1222 1222

करें स्वागत सभी मिल के, नये इस वर्ष सतरह का;
नये सपने नये अवसर, नया ये वर्ष लाएगा।
करें सम्मान इसका हम, नई आशा बसा मन में;
नई उम्मीद ले कर के, नया ये साल आएगा।

मिला के हाथ सब से ही, सभी को दें बधाई हम;
जहाँ हम बाँटते खुशियाँ, वहीं बाँटें सभी के ग़म।
करें संकल्प सब मिल के, उठाएँगे गिरें हैं जो;
तभी कुछ कर गुजरने का, नया इक जोश छाए गा।

दिलों में मैल है बाकी, पुराने साल का कुछ गर;
मिटाएँ उसको पहले हम, नये रिश्तों से सब जुड़ कर।
कसक मन की मिटा करके, दिखावे को परे रख के;
दिलों की गाँठ को खोलें, तभी नव वर्ष भाएगा।

गरीबी ओ अमीरी के, मिटाएँ भेद भावों को;
अशिक्षित ना रहे कोई, करें खुशहाल गाँवों को।
'नमन' नव वर्ष में जागें, ये' सपने सब सजा दिल में;
तभी ये देश खुशियों के, सुहाने गीत गाएगा।

मौलिक व अप्राकाशित

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Comment

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Comment by जयनित कुमार मेहता on January 3, 2017 at 8:47pm
आदरणीय वासुदेव जी, नववर्ष पर मंच को इस सुन्दर गीत से नवाज़ने के लिए हार्दिक बधाई आपको।
Comment by Samar kabeer on January 3, 2017 at 8:41pm
जी,हो जाता है ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 3, 2017 at 5:44pm

गीत का मुखड़ा ऐसे भी किया जा सकता है जिससे प्रस्तुति के मुक्तक होने का भ्रम नहीं होता और टेक का चयन भी पाठक स्वयं कर लेता है-

करें स्वागत सभी मिल के,

नये इस वर्ष सतरह का;

नई आशा लिए मन में नया ये साल आएगा।
नये सपने नये अवसर, नया पैगाम लाएगा।

सादर 

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 3, 2017 at 4:40pm
आ0 मिथिलेश साहिब आपसे नववर्ष गीत को सराहना मिली में धन्य हुआ। हार्दिक आभार।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 3, 2017 at 4:38pm
आ0 समर साहिब आपका बहुत आभार। शीर्षक में मैं गीतिका की जगह गीत कर दूंगा। समर साहिब मतले में
लाएगा और आएगा तथा बाकी के शेरों में छाएगा भाएगा गाएगा हो तो रदीफ़ और काफ़िया का निर्वहन हो जाता है क्या।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 3, 2017 at 4:34pm
आ0 गोपाल नारायणजी आपने अपनी अमूल्य राय दी में हृदय से आभारी हूँ। गीतिका से मेरा मतलब यहाँ बहर बद्ध गीत से था। अब शीर्षक में गीतिका लिख देने की भूल समझ में आ रही है।
Comment by नाथ सोनांचली on January 3, 2017 at 12:38pm
आदरणीय बासुदेव अग्रवाल की सादर अभिवादन, नव वर्ष पर खुबसूरत गीत के लिए सादर बधाई निवेदित है
Comment by vijay nikore on January 3, 2017 at 11:11am

नव वर्ष के लिए अच्छा संदेश दिया है। बधाई, आदरणीय बासुदेव जी।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2017 at 10:00am

आदरणीय वासुदेव भाई , नये साल पर अच्छी , प्रेरक रचना हुई है , हार्दिक बधाइयाँ । मुझे भी ये रचना गीत ही लग रही है , आदरनीय ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 2, 2017 at 11:40pm

आदरणीय बासुदेव जी, नव वर्ष पर बढ़िया गीत लिखा है आपने. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।

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