For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (बह्र -फेलुन) यह ग़ज़ल दुनिया की सबसे छोटी ग़ज़ल है। इसे "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स" में शामिल किया गया है ।

*जीवन
उलझन ।

* सूने
आँगन ।

* घर-घर
अनबन ।

* उजड़े
गुलशन ।

* खोया
बचपन ।

*भटका
यौवन ।

* झूठे
अनशन ।

* ख़ाली
बरतन ।

* सहमी
धड़कन ।

.
मौलिक और अप्रकाशित ।

Views: 2126

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on September 26, 2017 at 6:00pm

वाह बहुत खूब आदरणीय ,  मोहम्मद आरिफ जी , ढेरों  बधाइयाँ आपको इस उपलब्धि पर I आगे भी आप ऐसी  कई बुलंदियाँ छूएँ, ईश्वर  से कामना करती हूँ    

Comment by Mohammed Arif on September 26, 2017 at 5:09pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय आशतोष जी ।
Comment by Mohammed Arif on September 26, 2017 at 5:08pm
आदरणीय सौरभ पांंडे जी आदाब,आपकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 26, 2017 at 3:21pm

आदरणीय आरिफ जी इस समाचार को सुनकर बेहद खुशी हुयी आपकी इस सफलता पर ढेरों बधाई सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on September 26, 2017 at 2:15pm

भाई मो. आरिफ़ जी, यह अत्यंत ही प्रसन्नता का विषय है, कि ऐसा रचनात्मक कार्य न केवल सराहा गया, बल्कि स्वीकारा भी गया है. आपका सहयोगात्मक व्यवहार और आपकी प्रयास-प्रक्रिया इस अभिनव पटल पर अनवरत बनी रहे. ओबीओ के लिए यह सूचना वस्तुतः हर्षातिरेक के क्षण ले कर आयी है. 

हार्दिक शुभकामनाएँ और अशेष बधाइयाँ .. 

शुभ-शुभ

Comment by Mohammed Arif on September 26, 2017 at 1:15pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय निलेश जी ।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 26, 2017 at 11:31am

बहुत बहुत बधाई ..खूब ग़ज़ल हुई है 

Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 10:29pm
आदरणीय दिनेश कुमार जी आदाब, आपकी उत्सासजनक प्रतिक्रिया पाकर धन्य हो गया ।आपका बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 10:27pm
आदरणीय महेंद्र कुमार जी आदाब, आपकी उत्साहजनक टिप्पणी से अभिभूत हूँ । यह सब के पकी दुआओं से संभव हो पाया है । बहुत-बहुत आभार आपका ।
Comment by दिनेश कुमार on September 25, 2017 at 7:54pm
बहुत उम्दा। वाह वाह आरिफ साहब। ग़ज़ल और इस शानदार उपलब्धि पर मेरी तऱफ से भी हार्दिक बधाई। वाह वाह वाह

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
20 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
23 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
23 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
23 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service