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नया साल है चलकर आया देखो नंगे पांव

आने वाले कल में आगे देखेगा क्या गाँव

 

धधक रही भठ्ठी में

महुवा महक रहा है

धनिया की हंसुली पर

सुनरा लहक रहा है  

कारतूस की गंध

अभी तक नथुनों में है

रोजगार गारंटी अब तक

सपनों में है

हो लखीमपुर खीरी, बस्ती

या, फिर हो डुमरांव

कब तक पानी पर तैरायें

काग़ज़ वाली नांव !

 

माहू से सरसों, गेहूं को

चलो बचाएं जी

नील गाय अरहर की बाली

क्यों चर जाएं जी

ठंडी रात में बूढ़ा-माई

बडबड नहीं करें

हम अपने हिस्से का सूरज

खुद ही चलो गढ़ें

धूप कड़ी हो तो दे जाएं

थोड़ी थोड़ी छाँव

ठंडी ठंडी पुरवाई से

बेहतर है पछियांव.. .

****

मौलिक एवं अप्राकाशित 

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Comment by कल्पना रामानी on December 30, 2013 at 6:34pm

हम अपने हिस्से का सूरज

खुद ही चलो गढ़ें

धूप कड़ी हो तो दे जाएं

थोड़ी थोड़ी छाँव

ठंडी ठंडी पुरवाई से

बेहतर है पछियांव..

नव वर्ष पर बहुत बढ़िया नवगीत...

Comment by अजीत शर्मा 'आकाश' on December 30, 2013 at 2:59pm

नव वर्ष पर बहुत ही शानदार गीत .... क्या कहने !!!

Comment by CHANDRA SHEKHAR PANDEY on December 30, 2013 at 1:43pm

ateev sundar mananiy, Jay ho.

Comment by S. C. Brahmachari on December 29, 2013 at 9:19pm
नया साल है चलकर आया देखो नंगे पाँव
कबतक पानी पर तैराएं कागज़ वाली नाव ? ........... ???????? क्या कहूँ ? उत्तम भावाभिव्यक्ति !
Comment by coontee mukerji on December 29, 2013 at 6:38pm

बहुत सुंदर रचन....कवि की सुंदर कल्पना भी लेखनी की यथार्थ भी, आशा भी आश्वासन भी.....

हम अपने हिस्से का सूरज

खुद ही चलो गढ़ें

धूप कड़ी हो तो दे जाएं

थोड़ी थोड़ी छाँव

ठंडी ठंडी पुरवाई से

बेहतर है पछियांव......बहुत खूब जितनी  तारीफ करें कम लगता है.सादर

कुंती

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 29, 2013 at 12:38pm

आपका यह सुंदर गीत मन को छू गया आदरनीय राणा साहब, आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

Comment by ajay sharma on December 28, 2013 at 10:51pm

हो लखीमपुर खीरी, बस्ती या

फिर हो डुमरांव

कब तक पानी पर तैरायें

काग़ज़ वाली नांव    .,........sumpurna geet bejod hai par ye band ....jisme mere district  ka nam aaya hai ....ativishesh ho gaya hai .........dhanyavad ..................hardik dhanyabad 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 28, 2013 at 10:41pm

गाँव का सुंदर दृश्य परिलक्षित है इस गीत में बधाई राणाप्रताप भाई। और नव वर्ष की शुभकामना ।

Comment by Shyam Narain Verma on December 28, 2013 at 5:40pm
सुन्दर गीत के लिए आपको बधाई i
Comment by vandana on December 28, 2013 at 3:09pm

बहुत सुन्दर भावों से सजी रचना बहुत 2 बधाई आदरणीय 

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