For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रोगी मन का शब्दों से उपचार नहीं होने वाला

चाहे जितने लेख लिखें हम
और लिखें कितनी कविता
नहीं समझ आती कामी को
अब कोई भी मर्यादा

रोगी मन का शब्दों से
उपचार नहीं होने वाला
सद्गुण , संस्कार के बिन
उद्धार नहीं होने वाला

सुकृति , लोक , परलोक सभी
लोगों को तो लगते झूठे
इन्द्रिय जन्य भोग सांसारिक
को ही सत्य समझ बैठे

भूल गए सब थर्म - कर्म
है बिसर गई सारी शुचिता
सत्कर्मों की उड़ीं धज्जियाँ
नहीं बची कोई शुभता

अभिभावक भी नहीं देखते
उनके बच्चे क्या करते ?
धन ऐश्वर्य कमाने की धुन में
दिन - रात लगे रहते

बना रहे कामुक लोगों को
फिल्म , सीरियल , विज्ञापन
सीमा में यदि रह न सके
भारी क्षति होगी , नहीं सहन

यदि सत्पथ पर चल न सके
तो काम नहीं बनने वाला
निन्दनीय घटनाओं पर
विराम नहीं लगने वाला

उषा अवस्थी
5/405 ,विराम खण्ड ,गोमती नगर ,
लखनऊ ,(उ0 ,प्र0)

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 668

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Usha Awasthi on May 6, 2018 at 8:45pm

नीलेश शिवगांवकर जी, हर्ष महाजन जी, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, समर कबीर जी, मोहम्मद आरिफ़ जी, बबिता गुप्ता जी एवं लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, आप सभी का हार्दिक आभार ।

Comment by Usha Awasthi on May 6, 2018 at 8:43pm

नीलेश शिवगांवकर जी, हर्ष महाजन जी, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, समर कबीर जी, मोहम्मद आरिफ़ जी, बबिता गुप्ता जी एवं लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, आप सभी का हार्दिक आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 2, 2018 at 11:19am

आ. ऊषा जी, सुंदर कविता हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by babitagupta on May 1, 2018 at 2:20pm

उषा दी,समाज की घोर समस्याओं का,समाधान के शाथ विवरण प्रस्तुत करना,अवर्णनीय,आभार 

Comment by Mohammed Arif on May 1, 2018 at 7:54am

आदरणीया उषा जी आदाब,

                      गहरी चिंता और साथ ही समाधान भी सुझाती बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Samar kabeer on April 29, 2018 at 9:30pm

मोहतरमा उषा जी आदाब,बहुत अच्छी रचना है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 29, 2018 at 7:50pm

उत्तम सार्थक सन्देश देती हुई रचना आदरणीया..बधाई

Comment by Harash Mahajan on April 29, 2018 at 2:14pm

आ.उषा जी एक अच्छी रचना के लिए

बधाई ।

सादर ।

Comment by Nilesh Shevgaonkar on April 29, 2018 at 9:10am

बहुत ख़ूब छंद बद्ध कविता हुई है आ. उषा जी. 
कविता एक सन्देश भी दे रही है जो बहुत महत्वपूर्ण है ..
लय को थोडा और कसा जा सकता है कहीं कहीं ..
इस रचना के लिए  बहुत बहुत बधाई 
सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
yesterday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service