For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुला ह्रदय का द्वार नहीं है

मापनी २२ २२ २२ २२ 

यदि करना इनकार नहीं है,

क्यों करता इकरार नहीं है

 

सच से रहता उसका झगड़ा,

झूठ  मुझे स्वीकार नहीं  है

 

शूल नहीं है प्रेम अगर, तो,

फूलों का भी हार नहीं है

 

दिल से कभी न कह पाओगे,

तुमको मुझसे प्यार नहीं है

 

क्यों जलता है तन मन इतना,

प्रेम अगर अंगार नहीं  है

 

लोकतंत्र है कहने को तो,

जनता की सरकार नहीं है.

 

प्रेम बयार बहेगी कैसे,

खुला ह्रदय का द्वार नहीं है.

मौलिक एवं अप्रकाशित 

 

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on June 3, 2017 at 3:13pm

अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 3, 2017 at 1:21pm

आदरणीया KALPANA BHATT जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 3, 2017 at 7:18am

बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है आदरणीय बसंत कुमार जी | हार्दिक बधाई |

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 2, 2017 at 10:24am

आदरणीय Manan Kumar singh जी आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार 

Comment by Manan Kumar singh on June 2, 2017 at 10:08am
बहुत बढ़िया आदरणीय,बधाइयाँ
Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 2, 2017 at 10:00am

आदरणीय Gurpreet singh जी आपकी हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Gurpreet Singh jammu on June 1, 2017 at 9:48am

बहुत बढ़िया आदरणीय बसंत कुमार जी ,,, आपकी ये पूरी ग़ज़ल बहुत पसंद आई 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 31, 2017 at 9:07am

आदरणीय Mohammed Arif जी आपकी हौसला अफजाई  का बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Mohammed Arif on May 30, 2017 at 9:06pm
आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,छोटी बह्र की ब हुत बढ़िया ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 30, 2017 at 6:47pm

आदरणीय Shyam Narain Verma जी आपका ह्रदय से आभार 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service