For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - बहाने पे बहाना हो रहा है

१२२२    १२२२     १२२

जमाना अब दीवाना हो रहा है

खुदी से ही बेगाना हो रहा है

 

जला डाला था जिसने घर हमारा

वही अब आशियाना हो रहा है

 

जो हमने पूछ ली उनसे हकीकत

बहाने पे बहाना हो रहा है

 

हमारे पास इक गैरत बची थी

उसी पर अब निशाना हो रहा है

 

हमें मजहब में अब वो बांट देगा

सुनो वो कातिलाना हो रहा है

 

मुहब्बत हम भी कर लेते मगर अब

सनम भी शातिराना हो रहा है

 

कहीं पर हो रहा है खेल खूनी

कहीं पर गीत गाना हो रहा है

 

अमित कुमार दुबे मौलिक व अप्रकाशित

Views: 707

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 14, 2014 at 1:52pm

मुहब्बत हम भी कर लेते मगर अब

सनम भी शातिराना हो रहा है  आदरणीय अमित जी हर शेर उम्दा है ,,इस शेर के लिए बिशेष रूप से बधाई स्वीकार करें सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 14, 2014 at 10:18am

आदरणीय अमित भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है , सभी अशाअर सुन्दर हैं !! दिली बधाइयाँ ।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on May 12, 2014 at 5:39pm

अच्छे अश’आर हुए हैं अमित जी, दाद कुबूल करें

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 12, 2014 at 2:07pm

अमित भाई बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने सभी अशआर बहुत पसंद आये बढ़िया स्वीकारें खासकर इन दो अशआरों पर विशेष तौर से दाद कुबूल फरमाएं.

हमारे पास इक गैरत बची थी

उसी पर अब निशाना हो रहा है.. लाजवाब

 

हमें मजहब में अब वो बांट देगा

सुनो वो कातिलाना हो रहा है... वाह

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 12, 2014 at 8:50am

बहुत खुबसूरत गजल आदरणीय अमित जी

हमारे पास इक गैरत बची थी

उसी पर अब निशाना हो रहा है............लाजवाब शेर हुआ

 

मुहब्बत हम भी कर लेते मगर अब

सनम भी शातिराना हो रहा है...........यह तो खूब कहा, दिली बधाई आपको

 

Comment by Krishnasingh Pela on May 11, 2014 at 12:30am

हमें मजहब में अब वो बांट देगा

सुनो वो कातिलाना हो रहा है

शानदार अशअार हैं । हार्दिक बधाइ स्वीकार करें । 

कहीं पर हो रहा है खेल खूनी

कहीं पर गीत गाना हो रहा है  

यह भी लाजबाब है परंतु "हाे रहा है" की पुनरावृति के कारण थाेडा सा कम प्रीतिकर सुनाइ देगा सायद । यदि इसकाे एेसे कहें ताे ...

कहीं उत्कर्ष में है खेल खूनी 

कहीं गाना बजाना हाे रहा है । 

बेहतरीन ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाइ स्वीकार करें । 

Comment by ram shiromani pathak on May 10, 2014 at 7:49pm

वाह खूब सुन्दर ग़ज़ल आदरणीय। ………।  हार्दिक बधाई आपको 

Comment by gumnaam pithoragarhi on May 10, 2014 at 6:42pm

बहुत खूब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बधाई

Comment by MAHIMA SHREE on May 8, 2014 at 9:06pm

आदरणीय अमित जी बहुत -२ बधाई लाजवाब ग़ज़ल कही है .. हर शेर उम्दा है .सादर

Comment by नादिर ख़ान on May 8, 2014 at 12:28pm

जो हमने पूछ ली उनसे हकीकत

बहाने पे बहाना हो रहा है

हमारे पास इक गैरत बची थी

उसी पर अब निशाना हो रहा है

आदरणीय अमित जी शानदार गज़ल के लिए मुबारकबाद ..

सुंदर अभिव्यक्ति  सभी शेर उम्दा हैं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय बागी सर, आपकी मुक्तकंठ प्रशंसा पाकर मुग्ध हूं। हार्दिक आभार आपका। सादर"
1 minute ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश जी, आपकी सहजता के प्रति विशेष आभार।"
57 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//झील झरने नद सरोवर सब हैं सूखे आपको अपनी सुराही दिख रही है।// क्या कहने भाई मिथिलेश जी, बहुत ही…"
59 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सातों दोहे एक से बढ़कर एक, आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय तिलक राज जी शब्दों के अर्थ ये रहे। ये शब्द आम ही हैं।"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी, आपने बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है, इसपर रचनाकार को अवश्य ध्यान…"
1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अच्छी ग़ज़ल हुई। वाह"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, प्रदत्त विषय आधारित अच्छी अतुकांत रचना प्रस्तुत हुई है, बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस…"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"//दोष गर्मी का सूरज पे मत डालिए// आहा ! आपकी प्रस्तुत रचना मैं गुनगुनाते हुए पढ़ लिया, सच में आनंद आ…"
1 hour ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"रूख - पेड़ पटभेड़ - किवाड़/दरवाजा बंद रहना पिलखन - एक पेड़ का नाम"
1 hour ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"बहुत सही सुझाव आदरणीया  डॉ प्राची जी। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service