2122 2122
खुश हुआ खुद को भुला कर
या कहूँ मै तुझको पा कर
खुद को भी मै ने सताया
दोस्ती को आजमा कर
ज़िंदगी का बोझ सर पे
चल रहा हूँ लड़खड़ा कर…
ContinueAdded by गिरिराज भंडारी on October 16, 2013 at 8:30am — 32 Comments
अरकान : १२२२/ १२२२/ १२२२/ १२२२
गिरें तो फिर सम्हलना ही हमारी कामयाबी है !
सफर में चलते रहना ही हमारी कामयाबी है !
नही ये कामयाबी है कि मंजिल पा लिया हमने…
ContinueAdded by पीयूष द्विवेदी भारत on September 24, 2013 at 8:24am — 26 Comments
2122 1212 22
धूप हमको निचोड़ देती है ,
ठंड घुटने सिकोड़ देती है ।
पत्तियों को बड़ी शिकायत है,
ये जड़ें भूमि छोड़ देती हैं।
चर्चा मुद्दे पे जब भी आती है,
जाने क्यूँ राह मोड़…
ContinueAdded by गिरिराज भंडारी on September 9, 2013 at 7:00am — 19 Comments
गुमशुदा खुशियाँ कहाँ रहने लगी है आज छुप कर
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दर्द कैसे कम हुआ ये आंसुओं पूछ लेना
क्या अन्धेरों से डरे थे, तुम दियों से पूछ लेना
खुद जले थे,और कैसे, वो अन्धेरों से लडे थे
जानना चाहो अगर तो,जुगनुओं से पूछ लेना…
ContinueAdded by गिरिराज भंडारी on August 15, 2013 at 8:00am — 33 Comments
ये माना चाल में धीमा रहा हूँ
मगर जीता वही कछुवा रहा हूँ ||
बुझाई प्यास कंकर डाल मैंने
तेरे बचपन का वो कौवा रहा हूँ ||
कभी बख्शी थी मेरी जान उसने
छुड़ाया शेर को,चूहा रहा हूँ ||
कुँये में शेर को फुसला के लाया
बचाई जान वो खरहा रहा हूँ ||
मेरे बचपन न फिर तू आ सकेगा
तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ ||
आदित्य नगर,दुर्ग (छत्तीसगढ़)
शम्भूश्री अपार्टमेंट,विजय नगर,जबलपुर…
Added by अरुण कुमार निगम on August 1, 2013 at 8:48am — 12 Comments
शैक्षिक व्यस्तताओं तथा गाँव यात्रा के कारण काफी समय तक ओबीओ से दूर रहना पड़ा ! इतने दिनों में काफी याद आया अपना ये ओबीओ परिवार ! लगभग पाँच महीने बाद आज पुनः ओबीओ पर लौटा हूँ ! सर्वप्रथम सभी आदरणीय मित्रों को नमस्कार, तत्पश्चात ये एक छोटी-सी गज़ल नज़र कर रहा हू ! इसके गुणों-दोषों पर प्रकाश डालकर, मुझ अकिंचन को कृतार्थ करें ! सादर आभार !
अरकान : २१२२/२१२२
जिन्दगी की क्या कहानी !
गर नही आँखों में पानी !
भ्रष्टता…
ContinueAdded by पीयूष द्विवेदी भारत on July 20, 2013 at 4:30pm — 24 Comments
तमाम उम्र भी ये बात हो नहीं सकती,
हमारी फिर से मुलाकात हो नहीं सकती।
हर एक ख्वाब की ताबीर मिल सके हमको,
कोई भी ऐसी करामात हो नहीं सकती।
गुरूब हो चुका मेरे नसीब का सूरज,
अब और नूर की बरसात हो नहीं सकती।
मैं रात हूँ मुझे सूरज मिले भला कैसे,
हो शम्स पास तो फिर रात हो नहीं सकती।
बजाय हमको मनाने के कह गये है वो,
के छोडो हमसे इल्तजात हो नहीं सकती।
कोई गुनाह बहुत ही कबीर है मेरा,
कबूल जिसकी मुनाजात हो नहीं…
Added by इमरान खान on December 2, 2012 at 10:30pm — 19 Comments
२१२ २१२
मैं जहाँ भी रहूँ,
तू भी आती है क्यूँ।
मैं अकेला कहाँ,
तेरी यादों में हूँ।
ठोकरें भी लगें,
तो भी चलता रहूँ।
मेरी बर्बादियाँ,
चल रही दू ब दूँ।
कत्ले अरमाँ या जाँ,
बोल दे क्या करूँ।
जिस्म ठंडा हुआ,
रूह जलती है क्यूँ।
है तेरी याद में,
दीद में खूँ ही खूँ।
ज़ख़्मी सारा जिगर,
दर्द कैसे सहूँ।
आशियाना नहीं,
बेठिकाना फिरूँ।
यार भी छल…
Added by इमरान खान on November 20, 2012 at 11:30pm — 9 Comments
२१२ २१२ २१२ २१२ २१२ २१२ २१२ २१२
पुर-शुआ पुर-शुआ था हमारा शहर, रोशनी में नहाया हुआ था समाँ,
आज लेकिन न जाने ये क्या हो गया, हो गया है अँधेरा अँधेरा जवाँ।
हैं तवारीख में दास्तानें सभी, वक्त की मार से खाक में मिल गये,
जो जवाहर सजाते रहे ताज में, और ताबे रहा जिनके सारा जहाँ।
उल्फतों से यही हाय कहता रहा, मैं तुम्हारा बना हूँ सदा के लिये,
पर अचानक उसी ने गज़ब ये किया, चल दिया ठोकरें दे न जाने कहाँ।
बन्द कर के निगाहें भरोसा किया, जानो…
Added by इमरान खान on November 17, 2012 at 2:00pm — 3 Comments
Added by इमरान खान on November 15, 2012 at 11:26am — 8 Comments
Added by Bhasker Agrawal on March 23, 2011 at 10:20am — No Comments
Added by Bhasker Agrawal on February 15, 2011 at 9:30pm — No Comments
कल ऐब की बस्ती में ख्वाबों का घर देखा
अदावत की सोहबत देखी शैदा बेघर देखा
दर्द नहीं मिट पाया यादों को तज़ा करके भी
जहाँ फकत फजीहत देखी माजी उधर देखा
हासिल हुई बेगारी मुझे मंजिल के…
Added by Bhasker Agrawal on February 3, 2011 at 4:55pm — 2 Comments
Added by Bhasker Agrawal on January 13, 2011 at 9:56am — 5 Comments
कभी तो मेरी बेकरारी को देख लो
कहीं वक्त बीत न जाये नज़रें चुराने में
सहन होती है तन्हाई जिन्हें और गम नहीं जुदाई का
ऐसे दिलफेंक आशिक कहाँ मिलते हैं ज़माने में
मेरी नामोजूदगी को मेरी बेवफाई न समझना
नज़र आएगी मेरी चाहत मेरे बहाने में
रो कर लिपट जाती हो तुम…
ContinueAdded by Bhasker Agrawal on January 12, 2011 at 12:11pm — 3 Comments
Added by Abhinav Arun on October 19, 2010 at 1:30pm — 13 Comments
Added by Abhinav Arun on October 16, 2010 at 4:03pm — 5 Comments
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