कमरे में घुसकर उसने रूम हीटर ऑन किया। तभी उसे दोबारा कुतिया के कराहने की आवाज़ सुनाई दी। वह हॉस्पिटल की भागमभाग से बहुत अधिक थका हुआ था जिसके कारण उसकी इच्छा तुरन्त सोने की हो रही थी लेकिन कुतिया की लगातार दर्द औऱ कराहती आवाज उसकी इच्छा पर भारी पड़ी।
सोहन बाहर आकर इधर-उधर देखा। बाहर घना कुहरा था जिसकी वजह से बहुत दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था। स्ट्रीट लाइट का प्रकाश भी कुहरे के प्रभाव से अपना ही मुँह देख रहीं थी। बर्फीली हवा सर्दी की तीव्रता को और बढ़ा रही थी जिससे ठंडी बदन…
ContinueAdded by नाथ सोनांचली on January 2, 2018 at 2:30pm — 10 Comments
नव वर्ष २०१८ के लिए हार्दिक शुभकामनाओं सहित |
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काफिया : अर ;रदीफ़ : लगता है
बहर: २२ २२ २२ २२ २२ २२ २२ २
सुन्दर फूलों की खुशबू मोहक मंजर लगता है |
फागुन आने के पहले ही, होली अवसर लगता है |
मधुमास में’ टेसू चम्पा, और चमेली का है जलवा
श्रृंगार से धरती दुल्हन लगती, गुल जेवर लगता है |
काले बादल बरसे गांवों में, मन का आपा खोकर
जहां भी देखो नीर नीर…
ContinueAdded by Kalipad Prasad Mandal on January 2, 2018 at 9:00am — 8 Comments
2122 2122 2122 212
आज अपना सारा ईगो ही जला देता हूँ मैं
बर्फ़ रिश्तों पर जमी उसको हटा देता हूँ मैं
मेरे होने की घुटन तुमको न हो महसूस अब
ज़िन्दगी खोने का खुद को हौसला देता हूँ मैं
नाम दूँ बदनामियाँ दूँ, मेरे वश में है नहीं
सो मेरे होठों को चुप रहना सिखा देता हूँ मैं
तेरे चहरे पर शिकन संकोच अब आए नहीं
इसलिए सौगात में अब फ़ासला देता हूँ मैं
कुछ नहीं बस हार इक ला कर चढ़ा…
ContinueAdded by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on January 2, 2018 at 9:00am — 22 Comments
बह्र-फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन
अँधेरे से निकलें उजाले में आयें।
नये साल में कुछ नया कर दिखायें।
गमों का लबादा जो ओढ़े हुये हैं,
उसे फेंक कर हम हँसें मुस्करायें।
जो चारो दिशाओं में खुशबू बिखेरे,
बगीचे में ऐसे ही पौधे लगायें।
न झगडें कभी धर्म के नाम पर हम,
किसी का कभी भी लहू ना बहायें।
न नंगा न भूखा न बेघर हो कोई,
चलो हम सभी ऐसी दुनिया बसायें।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Ram Awadh VIshwakarma on January 2, 2018 at 6:48am — 15 Comments
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
रवैया हाकिमों का देश को बीमार कर देगा
यहाँ मिलजुल के रहना और भी दुश्वार कर देगा।१।
फँसाया जा रहा है यूँ अविश्वासों में हमको अब
न जाने कब सखा ही झट पलटके वार कर देगा।२।
सियासत तेल छिड़केगी हमारी बस्तियों में फिर
जलाने का बचा जो काम वो अखबार कर देगा।3।
परोसे झूठ सच जैसा बनाकर मीडिया जो नित
किसी दिन ये हमारी सोच को लाचार कर देगा ।४।
अबोला शक बढ़ाता है रखो सम्वाद भाई से…
Added by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 1, 2018 at 8:30pm — 18 Comments
जाड़ा है, हहराती ठंढी रात
साल आय गा फिर से बन नवजात
सोहर गावौ बहिनी जन्मा लाल
जग के आँगन जगमग उतरा साल
अब तो बजै बधइया नाचैं नारि
नए साल पर डारैं दुनियाँ वारि
अँगनइया माँ थरिया मधुर बजाव
पानी भरी गगरिया भौजी लाव
नाउन है बिरझानी माँगे नेग
पायल मातु धरित्री देहु सवेग
वारिन बोलै मैया जाइ न देब
नया साल है जन्मा बिछिया लेब
तुम काहे…
ContinueAdded by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 1, 2018 at 8:21pm — 4 Comments
Added by नाथ सोनांचली on January 1, 2018 at 2:31pm — 11 Comments
ख़ुशियों से हो ये भरा,नया हमारा साल ।
मेल जोल सबसे बढ़े, बदले सबकी चाल ।।
घर आँगन में हो ख़ुशी,चले हास-परिहास ।
पीड़ाओं की आँधियाँ, फटकें कभी न पास ।।
साल नया ख़ुश हाल हो,सब हों माला माल ।
जीवन में दुख का कभी,आये नहीं सवाल ।।
नये साल में हम करें,कोई अच्छा काम ।
युग -युग तक जपते रहें,लोग हमारा नाम ।।
माँगूँ रब से ये दुआ,रहें सभी आबाद ।
बीते दिन कोई यहाँ, करे न'आरिफ़' याद ।।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।।
Added by Mohammed Arif on January 1, 2018 at 12:27am — 25 Comments
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