For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Shayar Raj Bajpai
Share on Facebook MySpace

Shayar Raj Bajpai's Friends

  • Rekha Joshi
  • SANDEEP KUMAR PATEL
  • Nilansh
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"
  • Bhawesh Rajpal
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • MAHIMA SHREE
  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'
  • rajesh kumari
  • वीनस केसरी
  • AjAy Kumar Bohat
  • Abhinav Arun
  • आशीष यादव
  • योगराज प्रभाकर
 

Shayar Raj Bajpai's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Madhya Pradesh
Native Place
Itarsi
Profession
Software Developer
About me
My rules: 1. I am always right. 2. If u found me wrong anywhere see rule number 1.

Shayar Raj Bajpai's Blog

माज़रा क्या है? (कुछ सवालो कि दुनिया में चला जाए)

सदा हिजाब में रहते हो माज़रा क्या है?

बड़े रुबाब में रहते हो माज़रा क्या है?





बना दिया आखिर मुझे गुलशन पसंद....

हरेक गुलाब में रहते हो माज़रा क्या है?



हुदूद कोई बना लो हुस्न-ए-शबनम की....

खुले शबाब में रहते हो माज़रा क्या है?



कभी दुआ कभी मुराद में महसूस किया....

कभी अज़ाब में रहते हो माज़रा क्या है?



शकाफत भरा है तुम्हारा कोहिनूर बदन....

हया-ओ-आब में रहते हो माज़रा क्या है?



जबसे दीदार…

Continue

Posted on July 3, 2012 at 12:48pm — 7 Comments

एक नया कलाम : भलाई के नाम....

कर भला कर भला गर भला कर सके....

नफरतो को मिटा गर भला कर सके....



नाउम्मीदी भरा कोई जब भी मिले....

आस उसको बंधा गर भला कर सके....



जब कभी कोई अंधा दिखे राह में....

पार उसको लगा गर भला कर सके....



हाथ फैलाए जब कोई भूखा दिखे....

भूख उसकी मिटा गर भला कर सके....



तन किसी का खुला देख ले गर कभी....

पेरहन कर अता गर भला कर…

Continue

Posted on May 15, 2012 at 7:30pm — 19 Comments

ज़माने को रुला जाते

तुम्हारे दिल में बस जाते, अगर तुम रास्ता देते....
तबाह-ए-ख़ाक हो जाते, अगर तुम वास्ता देते ....
दिल को एहसास ही रहा, मगर तेरे ना हुए हम....
ज़माने को रुला जाते, अगर हम दास्ताँ कहते ....


Posted on May 11, 2012 at 8:00pm — 5 Comments

Comment Wall (5 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:19am on May 9, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें !

At 8:29pm on May 18, 2012, SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR said…

प्रिय राज जी हार्दिक स्वागत है आप का और मित्र बनने हेतु -आभार ....आइये मानवता की सेवा में तत्पर  बढ़ते चलें ---भ्रमर ५ 

At 9:34am on May 17, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

आपका स्वागत है श्रीमान
सादर वन्दे

At 7:26pm on May 16, 2012, Rekha Joshi said…

Hi How are you ?

At 8:33pm on May 11, 2012, वीनस केसरी said…

स्वागत है :)))

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
18 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
5 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service