For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

  

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ अंठावनवाँ योजन है।.   

 

छंद का नाम -  सार छंद

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ - 

18 अगस्त’ 24 दिन रविवार से

19 अगस्त’ 24 दिन सोमवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.  

सार छंद के मूलभूत नियमों के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती हैं.

*********************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -

18 अगस्त’ 24 दिन रविवार से 19 अगस्त’ 24 दिन सोमवार तक रचनाएँ तथा टिप्पणियाँ प्रस्तुत की जा सकती हैं। 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करें.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें. 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. 
  8. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  9. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम  

Views: 517

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय अशोक रक्ताले जी, उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया पाकर मुग्ध हूं। मेरे प्रयास को मान देने और अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार। सादर

दीप आरती की थाली में,

जगमग हो उजियारा।

नेह सूत से बंधते जाता,

रिश्तों का चौबारा।।//

वाह..कितनी मधुर पंक्तियाँ हैं. 

अक्षत आकर तब जीवन में

भर देता गुड़धानी।।//वाह.

आदरणीय मिथिलेश जी इस पर्व की आत्मा को छूते हुए बहुत  मधुर और सुन्दर छंद लिखे हैं आपने। हार्दिक बधाई 

आदरणीया प्रतिभा जी, रचना के मर्म तक पहुंचकर अनुमोदित करने और इस प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार आपका।

सादर

सार छंद 
***
चन्दन रोली पीपल पत्ते,
साथ     सजे   थाली में।
सुंदर टीका भाल लगाने,
अक्षत    हैं     प्याली में।।
***
कच्चे धागे पक्के धागे,
फीके    या   चमकीले।
बँधे कलाई पर भाई के,
लगते    बड़े    सजीले।।
***
रक्षाबंधन आया फिर से,
अनगिन खुशियाँ लाया।
दूर हुई तन से बहना को,
भाई     से      मिलवाया।।
***
रिमझिम देखो आशीषों की,
उपहारों         की     गठरी।
प्रीत खुशी सह हँसी ठिठोली,
घर   भर    में    है    बिखरी।।
****
पर भाई बिन सूनापन है,
घर  में  कुछ   बहनों  के।
जीवन उन को लगता जैसे,
तन  हो  बिन   गहनों   के।।
***
जिन की सूनी रही कलाई,
जग    में    बड़े     अभागे।
ऐसा जो भी दिखे उसे ही,
बाँधो       बहनों     धागे।।
***
मौलिक/अप्रकाशित

वाह,वाह,वाह,रक्षाबंधन पर शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय धामी जी।

आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।

चन्दन रोली पीपल पत्ते,
साथ     सजे   थाली में।
सुंदर टीका भाल लगाने,
अक्षत    हैं     प्याली में।।......प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती सार छंद की सुन्दर पंक्तियाँ.

रक्षाबंधन आया फिर से,
अनगिन खुशियाँ लाया।
दूर हुई तन से बहना को,
भाई     से      मिलवाया।।.........सत्य कहा है रक्षा बंधन दूर-दूर रहते भाई बहन के मिलने का निमित्त बन जाता है. दूर हुई तन से बहना को... इस पंक्ति को "दूर गयी घर से बहना को..." कर लेना अधिक सार्थकता देगा. 

आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र पर सुन्दर सार छन्द रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। छंदों पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए आभार।

***
जिन की सूनी रही कलाई,
जग    में    बड़े     अभागे।
ऐसा जो भी दिखे उसे ही,
बाँधो       बहनों     धागे।।// वाह..सच में आज के दिन सूनी कलाई अच्छी नहीं लगती है। हार्दिक बधाई सुन्दर छंद सृजन पर आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी

आ. प्रतिभा बहन सादर अभिवादन। रचनाकर्म के अनुमोदन के लिए आभार.

कच्चे धागे पक्के धागे,

फीके या चमकीले।

बँधे कलाई पर भाई के,

लगते बड़े सजीले।।

वाह वाह वाह 

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर

आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी, आपने छंद में व्यावहारिक भावुकता का श्लाघनीय उपयोग किया है, जहाँ बिन बहन के भाइयों की और बिन भाई के बहनों की आर्त-व्यथा शाब्दिक हुई है। प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते प्रारंभ के कुछ छंद आयोजन की मांग को पूरा करते-से प्रतीत हो रहे हैं। परंतु, जैसे ही भाई-बहन के अनन्य और पवित्र सम्बन्ध का जिक्र आता है, रचना भावमय हो उठती है। हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें, आदरणीय। 

जय-जय

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service