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कुण्डलिया छंद -- (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष)

1-
उत्पादन को चाहिए, पाँच प्रमुख जो तत्व।
उनमें श्रम का मानिए, सबसे अधिक महत्व।।
सबसे अधिक महत्व, भूमि श्रम साहस पूँजी।
और संगठन खास, बात मैं खरी कहूँ जी।।
श्रमिक दिवस पर आज, करें उनका अभिनंदन।
करता देश विकास, तभी जब हो उत्पादन।।
2-
रोटी की खातिर खटे, श्रम साधक मजदूर।
सुख सुविधाओं से परे, रहता जो मजबूर।।
रहता जो मजबूर, और भूखा सो जाता।
उसके श्रम का मोल,नहीं उसको मिल पाता।।
श्रम के भी कानून, मगर नीयत है खोटी।
इस कारण भरपेट, न उसको मिलती रोटी।।
(मौलिक व अप्रकाशित)
***हरिओम श्रीवास्तव***

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Comment by रामबली गुप्ता on May 4, 2017 at 5:25am
दोनों ही कुंडलिया बहुत सुंदर और शिल्पबद्ध हुई हैं आद0 भाई हरिओम जी। दिल से बधाई लीजिये।
Comment by Hariom Shrivastava on May 2, 2017 at 4:11pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु तहेदिल से शुक्रिया।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 2, 2017 at 12:25pm

आदरनीय हरि ओम भाई , बहुत अच्छी कुँडलिया रचना हुई है ..  रचनाओं के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Hariom Shrivastava on May 1, 2017 at 11:33pm
आदरणीय समर कबीर जी, आपकी उपस्थिति व सराहनीय प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ। इस हौसलाअफजाई हेतु हार्दिक आभार।
Comment by Hariom Shrivastava on May 1, 2017 at 11:30pm
आदरणीय सुशील सारना जी आपकी उपस्थिति व सराहनीय प्रतिक्रिया से हौसलाअफजाई हुई। तहेदिल से आपका शुक्रिया।
Comment by Sushil Sarna on May 1, 2017 at 7:01pm

आदरणीय हरिओम जी मज़दूर दिवस पर बहुत ही सुंदर और सार्थक कुण्डलिया का सृजन हुआ है।  हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर। 

Comment by Samar kabeer on May 1, 2017 at 6:36pm
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,मज़दूर दिवस पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on May 1, 2017 at 6:36pm
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,मज़दूर दिवस पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

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