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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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OBO

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आपको मिले इस सम्मान से हम भी गौरवान्वित हुए है..ईश्वर आपको आगे भी ऐसे अनेकों सम्मान से नवाजे  ...ढेरों बधाई आपको आदरणीय समर कबीर जी 

भाई समर जी, आपके सम्मान के इस सुखद समाचार से बहुत ही खुशी हुई। सच, मुझको उचित शब्द नहीं मिल रहे इस खुशी को व्यक्त करने के लिए। आप हम सभी के लिए काव्य में ऊँचा उठने के लिए मिसाल हैं, और रोशनी की मशाल हैं। बहुत, बहुत बधाई, भाई समर जी।

जनाब विजय निकोरे जी आदाब,आपकी मुहब्बतों के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आद० समर भाई जी आपकी उपलब्धियों के लिए दिल से मुबारकबाद देती हूँ आप इसी तरह कामयाबी की सीढियां चढ़ते रहें ये हमारे लिए भी गर्व का विषय है ओबिओ शादाब है आपकी मौजूदगी से ये भी हम सबका सौभाग्य है .

बहना राजेश कुमारी जी आदाब,11 दिसम्बर 2016 उज्जैन नगर निगम की जानिब से एक अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन किया गया था उस में भी नगर निगम उज्जैन ने मुझे सम्मानित किया था लेकिन तबीअत ख़राब होने की वजह से मैं उस सम्मान को लेने नहीं जा सका, इसलिये मेरा वो सम्मान मेरे एक शागिर्द ने मेरी तरफ़ से क़ुबूल किया,उसके 6 दिन बाद ही ये दूसरा सम्मान मुझे मिला । आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
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आदरणीय समर सर आपके मार्गदर्शन में हम सब गजल की बारीकियों जे साथ साथ उर्दू की नजाकत से रूबरू हो रहे हैं आपको सम्मान से हम सभी परिवारी जन सुखानुभूति कर रहे हैं आपके स्वस्थ और यशस्वी जीवन की कामना और सादर प्रणाम के साथ
जनाब डॉ आशुतोष मिश्रा जी आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय समर कबीर साहब सादर अभिवादन, आपके मार्गदर्शन में हम सब गजल की बारीकियों से रूबरू हो रहे हैं ।आपको सम्मान से हम सभी परिवारी जन सुखानुभूति कर रहे हैं आपके स्वस्थ और यशस्वी जीवन की कामना करते है। सादर
जनाब सुरेन्द्र नाथ जी आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनायें , सादर।
आली जनाब डॉ विजय शंकर जी आदाब,आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
प्रतिष्ठित समिति द्वारा प्रतिष्ठित साहित्यिक वेबसाइट ओबीओ के सम्मानित सक्रिय रचनाकार, मार्गदर्शक मोहतरम जनाब समर कबीर साहब को दिये गये इस एज़ाज़नामे/ सम्मान के लिए तहे दिल से बहुत बहुत मुबारक़बाद

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