For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बीत यह भी साल गया

बीत यह  भी साल गया 


जिंदगी की पुस्तक से पृष्ठ कुछ निकाल गया |
करके कंगाल हमे बीत यह भी साल गया ||


भूपेन्द्र हजारिका जगजीत हमे बहुत प्यारे थे |
देवानंद और शम्मी देश के दुलारे थे ||
उनको बड़ी क्रूरता से आज निगल काल गया |
करके कंगाल हमे बीत यह भी साल गया ||


भृष्टाचार ख़त्म हो यह मन में सव विचारे है |
एक अन्ना काफी था यह तो फिर हजारे है ||
करने को पारित बिल देके लोक पाल गया |
देके जिम्मेदारी हमे बीत यह भी साल गया ||


आतंकवाद फ़ैलाने को लादेन काफी था |
एक तानाशाह नाम जिसका गद्दाफी था ||
उनसे मुक्त करके बीत काल यह कराल गया |
करके खुशहॉल हमे बीत यह भी साल गया ||


जिंदगी की झोली में सौगातें डाल गया ||
करके खुशहाल हमे बीत यह भी साल गया ||
धोनी की टीम ने कमाल एक कर डाला |
किर्केट की दुनिया में इतिहास रच डाला ||
विश्व कप दिला के हमे करके मालामाल गया |

करके खुशहॉल हमे बीत यह भी साल गया ||

गलतियों से ले के सबक भूल को न दोहराए |
आने वाले साल में हम हर ख़ुशी को पा जाये ||
देके आशीष हमे बन यह भूत काल गया ||
२०११ का बीत आज साल गया ||

Views: 588

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neelam Upadhyaya on January 3, 2012 at 9:55am

नए साल की हार्दिक बधाई . बहुत ही सुंदर  कविता के लिए भी उतनी ही बधाई .

Comment by AK Rajput on January 2, 2012 at 1:36pm

नव वर्ष की हार्दिक कामनाओं के साथ इस खुबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई

Comment by दुष्यंत सेवक on January 2, 2012 at 11:56am

waah waah mukesh kumar ji... the year that was ka itna badhiya chitrankan apne shabdon dwara kiya hai uske liye hardik badhai sweekaren...


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 1, 2012 at 8:58pm

आदरणीय मुकेश कुमार जी, बीते वर्ष २०११ का लेखा जोखा इस खूबसूरती से प्रस्तुत करने पर आपको बहुत बहुत धन्यवाद, बेहद खुबसूरत रचना बन पड़ी है, आपको नव वर्ष की बहुत बहुत बधाइयाँ |

Comment by Abhinav Arun on January 1, 2012 at 3:51pm
 नव वर्ष की हार्दिक कामनाओं के साथ इस rachna के लिए हार्दिक बधाई !
Comment by satish mapatpuri on January 1, 2012 at 3:39am

खुबसूरत ........... नववर्ष की हार्दिक बधाई सक्सेना साहेब


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 1, 2012 at 12:48am

नव वर्ष मंगलमय हो ....

Comment by vaneetnagpal on December 31, 2011 at 11:19pm
Comment by Shanno Aggarwal on December 31, 2011 at 11:18pm

बहुत सुंदर रचना. नव वर्ष की शुभकामनायें. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Monday
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service