For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक गीत -सब कुछ पाना हमें यहाँ है

जीवन की राहें अनजानी,

मंजिल का भी पता कहाँ है.

चले जा रहे अपनी धुन में,

सब कुछ पाना हमें यहाँ है.

 

कहीं बबूलों के जंगल हैं,

कहीं महकती है अमराई.

फूल शूल के साथ विहँसकर,

फुलवारी में ले अँगड़ाई.

स्वप्न आस का मन आँगन में,

रोज टहलता यहाँ-वहाँ है.

 

आकर बाढ़ कहीं नफरत की,

तहस-नहस जीवन कर देती.

मगर प्रेम की रिमझिम बारिश,

खाली हर आँचल भर देती.

पुष्प पल्लवित हैं खुशियों के,

त्याग और विश्वास जहाँ है.

 

सता रहा एकांत कभी तो,

भीड़-भाड़ में भी दम घुटता.

कभी यहाँ पर मान किसी का,

दो रोटी की खातिर लुटता.

सुख का भी सामान बहुत है,

लेकिन सिमटा जहाँ-तहाँ है

 

बिस्तर पर होते हैं लेकिन,

कहाँ चैन से हम सोते हैं.

रात और दिन खटते रहते,

काम न खत्म कभी होते हैं.

जाना निश्चित, पार जगत के,

पर मन करता कभी न हाँ है.

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 587

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 7, 2018 at 3:37pm

आदरणीय Samar kabeerजी हृदय से आभार आपका, सादर नमन 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on August 7, 2018 at 3:36pm

आदरणीय Sushil Sarna जी दिल से शुक्रिया आपका 

Comment by Samar kabeer on July 31, 2018 at 6:16pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,बहुत उम्दा गीत लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sushil Sarna on July 31, 2018 at 3:33pm

आदरणीय बसंत जी बहुत ही भावपूर्ण सृजन हुआ है। इस सरस सृजन के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 30, 2018 at 5:38pm

हृदय से आभार आदरणीया babitagupta जी आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 30, 2018 at 5:37pm

हृदय से आभार आदरणीया Neelam Upadhyaya जी आपका 

Comment by babitagupta on July 30, 2018 at 3:33pm

बेहतरीन रचना जीवन को परिभाषित करती ,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी।

Comment by Neelam Upadhyaya on July 30, 2018 at 2:04pm

आदरणीय बसंत कुमार जी, सुन्दर गीत की प्रस्तुति।  बधाई स्वीकार करें। 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 30, 2018 at 11:17am

हृदय से आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी आपका 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 29, 2018 at 2:34pm

आदरणीय शर्मा जी अच्छा गीत हुआ..सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
5 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service