For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रंगों से सराबोर गीली साड़ियों से लिपटी कुछ ग्रामीण मज़दूर महिलायें टोली में गली से गुजरीं।


"उधर देखो और बताओ कि उनके अंग-अंग रंगीन हैं या वस्त्र?" एक रंगीन मिज़ाज पुरुष ने अपने साथी से कहा।


"वस्त्र गीले और रंगीन हैं और अंग सूखे और रंगहीन! समझ में नहीं आता तुम्हें?" साथी ने उसकी आंखों के सामने चुटकी बजाते हुए कहा।


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1326

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 24, 2018 at 7:48am

अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहिब और जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब।

Comment by नाथ सोनांचली on February 22, 2018 at 6:25pm

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। कम शब्दों में अर्थपूर्ण लघुकथा लिखी आपने। बहुत बहुत बधाई। सादर

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 22, 2018 at 1:56pm

जनाब शेख़ शहज़ाद साहिब , छोटी मगर असरदार लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 22, 2018 at 6:34am

मेरी इस ब्लॉग- पोस्ट पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर साहिब।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 22, 2018 at 6:26am

 रचना आपको पसंद आई। रचना के संदेश सम्प्रेषित हो सके। आपके अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब श्याम नारायण वर्मा साहिब, जनाब समर कबीर साहिब और आदरणीया कल्पना भट्ट जी।

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 22, 2018 at 6:25am

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी , बधाई, सादर।

Comment by Samar kabeer on February 21, 2018 at 10:13pm

जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,कम शब्दों में सशक्त प्रस्तुति,इस लघुकथा पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on February 21, 2018 at 8:02pm

गहन कटाक्ष| हार्दिक बधाई इस रचना के लिए| 

Comment by Shyam Narain Verma on February 21, 2018 at 7:23pm
बहूत उम्दा लघुकथा आदरणीय, हार्दिक बधाई l सादर
Comment by Nita Kasar on February 21, 2018 at 4:29pm

नजर अपनी अपनी नज़रिया अपना अपना ।जाकी रही भावना जैसी ,गहन कटाक्ष करती कथा के लिये बधाई आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service