For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जब से तूने ..


जब से तूने
मुझे
अपनी दुआओं में
शामिल कर लिया
मैं किसी
खुदा के घर नहीं गया


जब् से तूने
अपने लबों पे
मेरा नाम
रख लिया
मैं
तिश्नगी भूल गया


जब से तूने
मेरी आँखों को
अपने अक्स से
सँवारा हे'
मेरे लबों ने
हर लम्हा
तुझे पुकारा है


जब से तूने
निगाह फेरी है
लम्स-ए-मर्ग का
अहसास होता है
वो शख़्स
जो तुझमें कहीं
सोता था
आज
दहलीज़े दीद को
भिगोता है


(लम्स-ए-मर्ग=मृत्यु का अहसास )


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 491

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 3, 2017 at 12:56pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी भाई साहिब प्रणाम , सृजन को अपने मधुर शब्दों से अलंकृत करने का दिल से आभार। आ. समर कबीर जी का सुझाव सदा मेरा पथ प्रदर्शित करता है। आपका और उनका मैं तहे दिल से आभारी हूँ। सृजन को पुनः प्रेषित कर रहा हूँ।

Comment by Sushil Sarna on September 3, 2017 at 12:56pm


आदरणीय समर कबीर साहिब आदाब , सृजन के भावों की गहनता को आत्मीय मान देने का दिल से शुक्रिया। आपका इशारा मैं समझ गया हूँ और तदनुसार संशोधन कर रहा हूँ। आपकी ये छोटी छोटी बातें मेरे सृजन में नक्काशी का काम करती हैं। तहे दिल से शुक्रिया सर।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 2, 2017 at 6:29pm

आदरनीय सुशील भाई , सुन्दर भाव अपूर्ण कविता के लिये बधाई आपको । आ. समर भाई जी की सलाह पर गौर कीजियेगा ।

Comment by Samar kabeer on September 1, 2017 at 9:43pm
जनाब सुशील सरना साहिब आदाब,बहुत उम्दा कविता है, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'जब से तूने
मेरी दीद् को
अपनी अक्स से
सँवारा है'
'मेरी दीद् को'"दीद्"का अर्थ है देखना,'अक्स'पुल्लिंग है, आपकी पंक्तियां यूँ होना चाहिए :-
'जब से तूने
मेरी आँखों को
अपने अक्स से
सँवारा हे'
Comment by Sushil Sarna on August 31, 2017 at 5:03pm

आदरणीय फूल सिंह जी सृजन की आत्मीय सराहना का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on August 31, 2017 at 5:03pm


आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन के भावों की आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by PHOOL SINGH on August 31, 2017 at 4:03pm

बेहतरीन

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 30, 2017 at 5:08pm

वाह बेहतरीन एहसास | हार्दिक बधाई आदरणीय |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
15 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
20 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
49 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
52 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
52 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
54 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
55 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
55 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service