For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

घूंघट की ओट में .....

घूंघट की ओट में .....

खो गयी
एक गुड़िया
घूंघट की ओट में


बन गयी
वो एक दुल्हन
घूंघट की ओट में


ख़्वाबों का
शृंगार हुआ
घूंघट की ओट में


थम थम के
छुअन बढ़ी
घूंघट की ओट में


सब कुछ
मिला उसे
घूंघट की ओट में


बस
मिल न पाया
उसे एक दिल
घूंघट की ओट में

सुशील सरना

मौलिक एवम अप्रकाशित 

Views: 736

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on December 6, 2016 at 4:03pm
आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी प्रस्तुति आपके आत्मीय आशीर्वाद से उपकृत हुई। हार्दिक हार्दिक आभार। पिछले ६-७ दिनों से नेट काम नहीं कर रहा था सो आभार व्यक्त करने में विलम्ब हुआ। इस हेतु क्षमा प्रार्थी हूँ।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 1, 2016 at 4:29pm

सब कुछ 
मिला उसे 
घूंघट की ओट में


बस 
मिल न पाया 
उसे एक दिल 
घूंघट की ओट में | - बहुत सुंदर कह दिया आपने घूँघट की ओट में | हार्दिक बधाई श्री सुशील सरना जी 

Comment by Sushil Sarna on November 28, 2016 at 8:09pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी  जी प्रस्तुति में निहित भावों को अपनी मधुर प्रशंसा से मान देने का  हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on November 28, 2016 at 8:08pm

आदरणीय विजय निकोर जी प्रस्तुति में निहित भावों को अपनी मधुर प्रशंसा से अलंकृत करने का हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on November 28, 2016 at 8:07pm

आदरणीय डॉ. गोपाल जी भाई साहिब प्रस्तुति को अपनी आत्मीय प्रशंसा से अलंकृत  करने का हार्दिक हार्दिक आभार। 

Comment by Sushil Sarna on November 28, 2016 at 8:06pm

आदरणीय समर कबीर साहिब प्रस्तुति को अपनी आत्मीय प्रशंसा से पुरस्कृत करने का हार्दिक हार्दिक आभार। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 28, 2016 at 7:34pm

आदरणीय सुशील भाई , बहुत सुन्दर ! अच्छी लगी आपकी कविता , हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by vijay nikore on November 28, 2016 at 8:08am

बहुत ही सुन्दर भाव हैं। हार्दिक बधाई।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 26, 2016 at 5:14pm

कह गये

क्या बात  आप   

घूँघट की ओट  में

Comment by Samar kabeer on November 26, 2016 at 10:12am
जनाब सुशील सरना जी आदाब,'बस एक दिल न मिल पाया उसे घूँघट की ओट में'वाह बहुत ख़ूब बहुत सुंदर कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
5 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
33 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
36 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
37 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
38 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
39 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
40 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service