For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

    बहरे हज़ज मुसम्मन सालिम

मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन

    1222 1222 1222 1222

            ग़ज़ल

सड़क पर बजबजाते चीखते नारों से क्या होगा

हवा में फुस्स हो जायें जो, गुब्बारों से क्या होगा ?

 

लडाई है बहुत बाकी बहुत कुछ कर गुजरना है

नही है हौसला दिल में तो नक्कारों से क्या होगा ?

 

जिन्हें हमने अता की है,  हकूमत देश की यारों

उन्ही में बदगुमानी है तो उद्गारों से क्या होगा ?

 

पड़े है एक कोने में,  जिन्हें परचम उठाना है

चलो उनको जगाओ सिर्फ धिक्कारों से क्या होगा?

 

हमें मिलकर उगानी है,  जवानों की नयी फसलें

पुराने बुझ चुके बदहाल मक्कारों से क्या होगा ?

 

करो कुछ तो गजब ऐसा कि जज्बा हो नया पैदा

थिरकते पाँव की पायल की झंकारों से क्या होगा ?

 

अगर होना है अपने आप होगा आँख का जादू

यहाँ ‘गोपाल’ केवल मन्त्र अभिचारों से क्या होगा ?

(मौलिक  व् अप्रकाशित )

 

Views: 743

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 16, 2016 at 6:35pm
जोश और जागरूकता का संदेश देती बेहतरीन अनुपम कृति के लिए तहे दिल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 15, 2016 at 10:50pm

 वाह बहुत ही खूबसूरत भावपूर्ण ग़ज़ल 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 15, 2016 at 8:42pm

मोहतरम जनाब गोपाल नारायण  साहिब  ,सन्देश देती अच्छी ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 15, 2016 at 6:09pm
आदरणीय डॉo गोपाल नारायण जी , बहुत ही सारगर्भित ग़ज़ल , उपदेशों, बाजों, नारों से तब तक कुछ नहीं होता जब तक खुद में नियत न हो। बधाई , इस प्रस्तुति के लिए , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 15, 2016 at 5:57pm

क्या बात है !  आदरणीय बड़े भाई गोपाल जी , गज़ल लाजवाब हुई है , दिल से बधाइयाँ आपको ।
हमें मिलकर उगानी है,  जवानों की नयी फसलें

पुराने बुझ चुके बदहाल मक्कारों से क्या होगा ?    ---- बहुत खूब !

Comment by maharshi tripathi on June 15, 2016 at 4:09pm
आ.गोपाल नारायण जी,आपकी पहली गज़ल पढ़ रहा हूँ शायद,आप काफी बेहतर लग रहे हैं,

हमें मिलकर उगानी है, जवानों कीनयी फसलें
पुराने बुझ चुके बदहाल मक्कारों से क्या होगा
!
पुराने और मक्कार लोगों को बदलना होगा,तभी नये को मौका मिलेगा और काम भी अच्छा होगा !!!!
Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 15, 2016 at 12:42pm

आदरणीय गोपाल सर ..फर्ज के प्रति आगाह करती , पुराणी व्यबस्थाओं के बदलने की बात करती , और बर्तमान परिदृश्य से साक्षात्कार करती इस शानदार रचना के लिए ह्रदय से बधाई स्वीकार करें सादर प्रणाम के साथ 

Comment by Shyam Narain Verma on June 15, 2016 at 10:23am
क्या बात है .... बहुत उम्दा | बधाई आप को आदरणीय ,  सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service