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2122 1212 22/112

हो किसी बात पर यकीं यारो

हौसला दिल में अब नहीं यारो

 

इक दफ़ा शोरे इन्क़िलाब उठा

दब गई फिर सदा वहीं यारो

 

काफिले रौशनी के दूर हुए

छुप गया चाँद भी कहीं यारो

 

दिल सुलगता है मेरा रह-रह के

बैठे चुपचाप हमनशीं यारो

 

आबले पड़ गये हैं पैरों में

गर्म होने लगी ज़मीं यारो

 

आइने का बिगड़ता क्या लेकिन

तर हुई खूँ से ये ज़बीं यारो

 

मेरा महबूब बनके इस ग़म ने

हैं भिगोए ये आस्तीं यारो

 

आबले = छाले

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

 

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Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2014 at 9:33pm

आदरणीय जितेन्द्र भाई आपका हार्दिक आभार


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Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2014 at 9:33pm

आदरणीय सुशील सरना सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


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Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2014 at 9:32pm

आदरणीय गिरिराज सर आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 17, 2014 at 9:32pm

आदरणीय नरेन्द्र सिंह जी आपका हार्दिक आभार

Comment by gumnaam pithoragarhi on July 17, 2014 at 9:10pm

हो किसी बात पर यकीं यारो

हौसला दिल में अब नहीं यारो

मेरा महबूब बनके इस ग़म ने

हैं भिगोए ये आस्तीं यारो

बहुत खूब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Comment by mrs manjari pandey on July 17, 2014 at 7:50pm
आदरणीय शिज्जू शकूर जी आप जैसे लोगों की ग़ज़ल पढ़ कर अच्छा लगता है.
हो किसी बात पर यकीं यारो
हौसला दिल में अब नहीं यारो

इक दफ़ा शोरे इन्क़िलाब उठा
दब गई फिर सदा वहीं यारो
Comment by Zaif on July 17, 2014 at 6:15pm
उम्दा सर जी। बधाइयाँ !!
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 17, 2014 at 3:30pm

हो किसी बात पर यकीं यारो

हौसला दिल में अब नहीं यारो

 

इक दफ़ा शोरे इन्क़िलाब उठा

दब गई फिर सदा वहीं यारो

 सुभान अल्लाह i शिज्जू भाई  i आप उन चंद  शायरों  में से  है जिनका नाम ही गजल पढने पर आमादा करता है i

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on July 16, 2014 at 9:23pm

आबले पड़ गये हैं पैरों में

गर्म होने लगी ज़मीं यारो..............बहुत ही खुबसूरत शेर, दिल को छू गया. दिली बधाइयाँ लीजिये आदरणीय शिज्जू जी

Comment by Sushil Sarna on July 16, 2014 at 7:27pm

हो किसी बात पर यकीं यारो
हौसला दिल में अब नहीं यारो

इक दफ़ा शोरे इन्क़िलाब उठा
दब गई फिर सदा वहीं यारो

वाह वाह वाह क्या बात है आदरणीय शिज्जु शकूर भाई .... मजा आ गया .... इस दिलकश अहसासों की ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई

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