For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आया अगर शबाब तकब्बुर भी आयेगा'(ग़ज़ल 'राज')

221   2121   1221   212

गर बीज है जमीन में अंकुर भी आयेगा

,जागेगी ये अवाम तग़य्युर भी आयेगा

'ज़ह्नों में लाज़मी है तहय्युर भी आयेगा
बदलाव आयेगा तो तफ़क्कुर भी आयेगा

इंसानियत का आज कोई गीत गा रहा

 ,जब साज है नया तो नया सुर भी आयेगा

आना न मेरी जिन्दगी में तुम कभी सनम

,आए तो फुर्कतों का तसव्वुर भी आयेगा

'कमसिन रहे वो नाज़नीं यारो दुआ करो
आया अगर शबाब तकब्बुर भी आयेगा'

लिखदी ग़ज़ल समाज पे शाइर ने इक नई

 ,लाज़िम है कुछ दिलों में तनफ्फुर भी आयेगा

लो प्यार लिख दिया है समन्दर में डूब कर

 ,अब गालिबन कलम में तदब्बुर भी आयेगा
---------------------------------------------------

तग़य्युर= बदलाव /चेंज , तहय्युर=आश्चर्य , तफ़क्कुर=चिंता

तसव्वुर=ख़याल , तकब्बुर=घमंड , तनफ्फुर=घ्रणा, तदब्बुर=बुद्धिमानी /गंभीरता दूरदर्शिता/संयम  

 मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 872

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on February 9, 2018 at 5:58pm

वाह बहुतखूब ग़ज़ल कही आदरणीया

Comment by narendrasinh chauhan on February 7, 2018 at 12:14pm
हार्दिक बधाई आदरणीय. खुब सुन्दर गज़ल।
Comment by TEJ VEER SINGH on February 7, 2018 at 10:41am

हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश कुमारी जी। लाज़वाब गज़ल।

आना न मेरी जिन्दगी में तुम कभी सनम

,आए तो फुर्कतों का तसव्वुर भी आयेगा

'कमसिन रहे वो नाज़नीं यारो दुआ करो
आया अगर शबाब तकब्बुर भी आयेगा'

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 7, 2018 at 10:19am

मुहतर्मा राजेश कुमारी साहिबा, मुश्किल नए काफियों की उम्दा ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें।

शेर3 में ऐब तकाबुले रदीफैंन हो गया ,उला मिसरा यूँ कर सकते हैं " इंसानियत का गीत कोई ला ज़बान पर "  

शेर4 उला में लय बाधित हो रही है ,वो मिसरा यूँ करसकते हैं " आना न ज़िन्दगी में मेरी तुम कभी सनम"  शेर5 में आपने क़ाफ़िया तकब्बुर लिया है जब कि सही शब्द " तकब्बर" है  ,देखियेगा 

Comment by Mohammed Arif on February 7, 2018 at 8:18am

आदरणीया राजेश कुमारी जी आदाब,

                              बहुत भी उम्दा ग़ज़ल । हर शे'र लाजवाब ।  नये काफिये से संवाद करके बहुत ही अच्छा लगा । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।

Comment by नाथ सोनांचली on February 7, 2018 at 4:58am

आद0 बहन राजेश कुमारी जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। 

'कमसिन रहे वो नाज़नीं यारो दुआ करो

आया अगर शबाब तकब्बुर भी आयेगा'

वाहवाह.... 

टाइप करते समय कामा सब गड़बड़ लग गए है, आप देख लीजिएगा। शैर दर शैर बधाई और मुबारकवाद कुबूल करें।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
17 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service