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शब्द भावों के गले मिलने लगें |
ह्रदय हर किसी के.. मथने लगें |
गुदगुदाते ...लताड़ते से...कभी...
सहलाते से जीवन संवारने लगें ||

राह अभिव्यक्ति की चलने लगें |
शब्द घेरे में जब ..सिमटने लगें |
शब्द मात्रा..रस..छंद..अलंकार में ..
स्मृतियाँ महाकाव्य सी रचने लगें ||

प्रताड़ना से घिरे शब्द भर्त्सना पाने लगें |
लड़ें शब्द-शब्द अंतर-कपट उभरने लगें |
दुत्कारते शब्द ...लानत से लगें जब...
विचलित मन..एकाकी ..घबराने से लगें || 

झिड़कियाँ भी माँ की थपककर सुलाने लगें |
स्नेह सिंचित शब्द माँ के लोरियाँ सी लगें |
वात्सल्य पगे शब्द...शब्द ना रहें .. माँ की.. 
डांटके शब्द संस्कार से ..वजूद में समाने लगें ||

------------------अलका गुप्ता ------------------------

नोट ;-मौलिक व अप्रकाशित 

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Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on January 4, 2014 at 8:16pm
सुन्दर कविता अलका जी!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 3, 2014 at 2:34am

आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ. आप सतत सार्थक प्रयास करें.

सादर

Comment by vijay nikore on December 31, 2013 at 1:18pm

अति सुंदर भाव पिरोए हैं। बधाई, आदरणीया अलका जी।

 

 

 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 28, 2013 at 8:53am

सुंदर भावपूर्ण रचना पर बधाई स्वीकारें आदरणीया अलका जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 27, 2013 at 8:27pm

आदरणीया , सुन्दर रचना के लिये आपको बधाई ॥

Comment by MAHIMA SHREE on December 27, 2013 at 7:43pm

सुंदर भावाभिव्यक्ति है बधाई आपको आदरणीया

Comment by Shyam Narain Verma on December 27, 2013 at 4:20pm
बढ़िया रचना पर हार्दिक बधाइयाँ ......
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 27, 2013 at 3:22pm

अलका जी

हम लोग तो कुछ मुरव्वत  करते भी है, पर ब्रिजेश नीरज जी खरी खरी कहते है i उनके मशवरे पर अमल कीजिये i आपको लाभ मिलेगा i रचना में जल्दबाजी न करे और कई कई बार पढ़े i रख दे , चार दिन बाद पढ़े तब आपकी ही कलम रचना का संपादन करेगी i  शुभ आशीर्वाद i

Comment by बृजेश नीरज on December 27, 2013 at 1:06pm

शब्द ही हैं जो रस भी घोलते हैं और पीड़ा भी देते हैं! शब्दों को संजोकर प्रस्तुत किया जाए तो कविता का रूप ले लेते हैं!

आपका प्रयास अच्छा है! रचना के शिल्प पर कार्य करने की आवश्यकता है!

इस अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई!

Comment by coontee mukerji on December 27, 2013 at 12:32pm

अति सुंदर. शब्दों का परिचय.शब्द क्या नहीं करते.कबीर जीने कहा है-

''शब्द शब्द सब कोई कहे,शब्द के हाथ न पाँव

एक शब्द औषध करे,एक शब्द करे घाव.''

सादर.

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