For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

manoj shukla
Share on Facebook MySpace

Manoj shukla's Friends

  • अशोक कत्याल   "अश्क"
 

manoj shukla's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
basti
Native Place
basti
Profession
engineering

manoj shukla's Photos

  • Add Photos
  • View All

Manoj shukla's Blog

कुछ खरी खोटी....कुण्डलिया

कुणडलिया

----



लाख दवायें कर रहे, कम ना होता रोग

लिखा शास्त्र मे है यही, सबसे उत्तम योग

सबसे उत्तम योग, रोग यह दूर भगाता

ह्रदयों मे उत्साह , बदन मे फुर्ती लाता

स्वस्थ वही हैं आज, योग जो करते जायें

काम करे जो योग, करे नहि लाख दवायें

----

बात बनाना है कला, बात सही यह जान

भागदौड की जिंदगी, आता हरदम काम

आता हरदम काम, मुसीबत दूर भगाता

मुश्किल जो हैं काम, उसे यह सहज बनाता

कहते हैं कविराय, पडा उसको पछताना

सीख सका नहि आज, अभी तक… Continue

Posted on May 8, 2013 at 10:30am — 14 Comments

कौन कहे क्या..... हास्य

प्रथम प्रयास .....वीर छंद

----

सास बहू से कहे प्रेम से देर भयी सो जाओ 'प्लीज़'

बहू सास से यह कहती है फौरन लाओ आँटा पीस

रणभूमी मे कागा कहता बोटी आज मिली बखशीस

बोटी कहती बच गये शत्रू बस इतनी है मन मे कीस



चोर कहे किसका मुहँ देखा खाली बटुआ लिया चुराय

मूँछ ऐंठ कर कहे सिपाही चुपके हफ्ता दो सरकाय

नेता कहता कसम आपकी सब डारेंगे काम बनाय

वोटर कहता क्षमा कीजिये बहकावे मे आँवै नाय

चापलूस अतिथी ये कहता बच्चे कितने हैं मासूम

गुनगुन…

Continue

Posted on May 5, 2013 at 6:30am — 12 Comments

पहले की तरह .....हास्य व्यंग

आजकल सुबह सुबह

मुर्गे की जगह

लाउडस्पीकर

बाँग दे रहा है

क्योकि

चुनाव आ रहा है.

पहले की तरह

इस बार भी

स्वामी जी

वोट माँगने आयेंगे

पुल्हिया बनवाने

वजीफा दिलवाने

की शपथ खायेंगे

और पहले की तरह

चालिस वोटों से

हार जायेंगे.

पहले की तरह ही

श्रीमती देवी जी

भी आयेंगी

अपने सम्बोधन से

जनता को लुभायेंगी

कुछ नये कुछ पुराने

सवाल उठायेंगी

सत्तापक्ष पर

ताने कसेंगी

और

पहले की तरह… Continue

Posted on May 2, 2013 at 7:00am — 12 Comments

सुनो युवाओं....कुण्डलिया

नौटंकी का खेल है, दरबारों का आज

सत्ता चोर छिछोर की, डाँकू का है राज

डाँकू का है राज, झपट यह माल बनाते

पावन धरती खोद, उसे पाताल बनाते

कहते है कविराय, शुरू है उलटी गिनती

युवा आज के समझ रहे सारी नौटंकी

-------

नवपीढी के हाँथ मे, रहे धर्म की डोर

आकर्षित कुछ हो रहे, जो पश्चिम की ओर

जो पश्चिम की ओर, सभ्यता अपनी भूले

कैसे तुम हो पुत्र, प्रिय ! जो जननी भूले

कहते हैं कविराय, चुनो अब ऐसी सीढी

करो राष्ट्र निर्माण, धर्म से हे… Continue

Posted on April 28, 2013 at 8:30pm — 12 Comments

Comment Wall (3 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 4:07pm on June 1, 2013, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

जन्म दिन की हार्दिक मंगलमयी शुभ कामनाए भाई श्री मनोज शुक्ला जी, प्रभु आपको

चहुँ ओर प्रगति कर्रे हुए परिवार समाज और देश के प्रगति में योगदान का अवसर प्रदान

करे | आपकी और हमारी स्नेहिल द्रष्टि बनी रहे | शुभ शुभ 

At 3:44pm on April 13, 2013,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 2:01pm on April 10, 2013, विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी said…
भाई मनोज शुक्ला जी! ओ. बी. ओ. परिवार में आपका हार्दिक स्वागत है। हम आशा करते हैं कि आप अपने उन्नत रचना कर्म, सहयोग एवं कर्मठता से मंच पर सक्रिय व संलग्न रहते हुये मंच की सीखने सिखाने की परम्परा को आगे बढ़ायेंगे।
सादर
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
20 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"मौजूदा जीवन के यथार्थ को कुण्डलिया छ्ंद में बाँधने के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. "
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  ढीली मन की गाँठ को, कुछ तो रखना सीख।जब  चाहो  तब …"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"भाई शिज्जू जी, क्या ही कमाल के अश’आर निकाले हैं आपने. वाह वाह ...  किस एक की बात करूँ…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपके अभ्यास और इस हेतु लगन चकित करता है.  अच्छी गजल हुई है. इसे…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service