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Akhand Gahmari
  • 44, Male
  • Gahmar ghaziipur Uttar pradesh
  • India
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akhand gahmari

Profile Information

Gender
Male
City State
UTTAR PRADESH
Native Place
GAHMAR
Profession
PREES REPOTER

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At 6:49pm on March 30, 2014, लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' said…

आदरणीय श्री अखंड गहमरी जी,महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर हार्दिक बधाई स्वीकारें .

At 8:15pm on March 7, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीया श्री अखंड गहमरी जी,

सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें |प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
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सादर ।

आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

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Akhand Gahmari's Blog

बेवफाई

प्‍यार की बात फिर वो सुनाने लगे।
जख्‍़म दिल पर नये वो लगाने लगे।।

मैं न पीता कभी,जाम फिर से मगर।
वो कसम दे मुझे खुद पिलाने लगे।।

छोड़ उन की गली, मैं चला तो वही।
बेवफा बेवफा कह बुलाने लगे।।

जो कसम थे दिये तुम न रोना कभी।
रोज सपनो में आ खुद रूलाने लगे।।

प्‍यार पाने के काबिल न है गहमरी।
ये हकीकत जहॉ को बताने लगे।।

अखंड गहमरी
मौलिक व अप्रकाशित

Posted on February 28, 2019 at 5:19pm — 2 Comments

अब

न जाने याद क्यों आती, मुझे बीती दिनो की अब।

बता दो बेवफा इतना, तड़प मेरी मिटेगी कब।

निकलता अासमा में चॉंद, धरती पे नही निकले

तुम्‍हारी याद ऐसी है कि ये दिल से नहीं निकले

हजारो है यहॉं लेकिन न कोई मीत तुम जैसा

मगर सब पूछता खुद से, बता वो मीत था कैसा

पुकारू मैं किसे बोलो, रहूँ तन्‍हा परेशा जब

न जाने याद क्यों आती, मुझे बीती दिनो की अब।

बता दो बेवफा इतना, तड़प मेरी मिटेगी कब।

मुझे है चॉंद से नफरत, हवा उसको उडा ले…

Continue

Posted on June 5, 2016 at 11:05am — 2 Comments

पगली लड़की

मैले-कुचले कपड़ो में सड़के के किनारे प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी,उसे तो समझ में भी नहीं आ रहा था कि उसके शरीर में परिर्वतन क्‍यों आया, क्‍यों हो रही है ये पीड़ा उसे,क्‍यों बढ़ा है उसके उदर आकार, मगर प्रकृति ने जो मानव जीवन के नियम बना दिये जो क्रिया बना दिया वह होगा जाने या अंजाने, अमीर या गरीब, मानसिक परिपक्‍त या अर्ध विक्षिप्‍त , तभी एक जीव उसके शरीर से बाहर आया एक उसी के तरह के उस छोटे जीव को देख कर आश्‍चर्य चकित रह गयी। उसे क्या पता था कि समाज में कुछ ऐसे…

Continue

Posted on May 22, 2016 at 9:41pm — 2 Comments

महा पर्व छठ



बिहार प्रान्त एवं उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र से चल कर पूरे भारत में प्रसिद्ध होने वाले इस पर्व को महापर्व का क्यों  जाता है, इसका पता आपको इस व्रत की पूजा पद्वति से पता चल जायेगा। छठ पर्व छठ, षष्टी का अपभ्रंश है। कार्तिक मास की अमावस्या को दीवाली मनाने के तुरत बाद मनाए जाने वाले इस चार दिवसीय  व्रत की सबसे कठिन और महत्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्ठी की होती है। इसी कारण इस व्रत का नामकरण छठ व्रत हो गया।

लोक-परंपरा के अनुसार सूर्य देव और छठी…

Continue

Posted on November 12, 2015 at 5:00pm — 3 Comments

 
 
 

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