For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Aditya Kumar
  • Male
  • Gurgaon
  • India
Share on Facebook MySpace

Aditya Kumar's Friends

  • डॉ.लक्ष्मी कान्त शर्मा
  • Samar kabeer
  • Hari Prakash Dubey
  • गिरिराज भंडारी
  • vinod kumar bhavuk
  • Sulabh Agnihotri
  • Lata tejeswar
  • D P Mathur
  • Neeraj Nishchal
  • Vindu Babu
  • बृजेश नीरज
  • वेदिका
  • Meena Pathak
  • विजय मिश्र
  • aman kumar
 

Aditya Kumar's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Gurgaon , haryana
Native Place
Bijnor
Profession
Consultant ( Recruitment, Manpower Planing, internet marketing)



Aditya Kumar's Blog

हिंदी

हिंदी सभ्यता मूल पुरातन भाषा है

संस्कृति के जीवित रहने की आशा है

एक चिरंतन अभिव्यक्ति का साधन है

भारत माता का अविरल आराधन है

हिंदी पावनता का एक उदाहरण है

मातृभूमि की अखंडता का कारण है

उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक

सारी बोलीं हिंदी माता की चारण हैं

हिंदी सरस्वती, दुर्गा माँ काली है

संस्कृति की पोषक माँ एक निराली है

पूरब में उगते सूरज की आभा है

पश्चिम में छिपते सूरज की लाली है

जन मन की अभिव्यक्ति की…

Continue

Posted on September 14, 2016 at 8:51pm — 11 Comments

योग दिवस की शुभ प्राची में

विश्व पटल पर अगणित होकर

कोटि कोटि नव योगी बनकर

वसुधैव कुटुंबकम रूपम

स्वप्न हमारा योग दिवस की

शुभ प्राची में सच सा ही प्रतीत होता है ।

भारत स्वयं ही जनक योग का

करे निवारण रोग रोग का

निज संस्कृति घोतक स्वरुप

आरोग्य प्रदायक विश्व शांति के हित

अर्पण करने का श्रेय लेने को मनोनीत होता है

विश्व गुरु वाली वह संज्ञा

केवल संज्ञा भर न रह कर

ज्ञान ज्योति जवाजल्यमान हो

पुनः विश्व तम को हरने का दम भरकर

भारत अपना परचम…

Continue

Posted on June 22, 2015 at 12:50pm — 9 Comments

पुलक तरंग जान्हवी

पुलक तरंग जान्हवी,

हरित ललित वसुंधरा,

गगन पवन उडा रहा है

मेघ केश भारती।

श्वेत वस्त्र सज्जितः

पवित्र शीतलम् भवः

गर्व पर्व उत्तरः

हिमगिरि मना रहा।

विराट भाल भारती

सुसज्जितम् चहुँ दिशि

हरष हरष विशालतम

सिंधु पग पखारता।

कोटि कोटि कोटिशः

नग प्रफ़्फ़ुलितम् भवः

नभ नग चन्द्र दिवाकरः

उतारते है आरती।

ओम के उद्घोष से

हो चहुँदिश शांति

हो पवित्रं मनुज मन सब।

और मिटे सब…

Continue

Posted on June 12, 2015 at 12:48pm — 19 Comments

आओ मिल कर दिए जलाएं

आओ मिल कर दिए जलाएं,

आओ मिल कर दिए जलाएं।

भारत को तमलीन जगत में,

ज्योतिर्मय पुनः बनायें।।

 

आओ मिल कर करें सभी प्रण,

भारत के हित हों अर्पण।

अपने जीवन के कुछ क्षण,

भारत को स्वच्छ बनायें।।

 

आओ मिल कर दिए जलाएं,

आओ मिल कर दिए जलाएं।।

 

आओ मिल कर लड़ें एक रण,

अपने भीतर का रावण।

कभी स्वांस नहीं ले पाये,

हम भ्रष्टाचार मिटायें।।

 

आओ मिल कर दिए जलाएं,

आओ मिल कर दिए…

Continue

Posted on October 22, 2014 at 1:48pm — 3 Comments

Comment Wall (11 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 2:03pm on June 15, 2015, kanta roy said…
स्वागत आपका मेरी मित्र सूची में आदरणीय आदित्य जी
At 12:58am on May 26, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें.... 

At 9:12pm on September 4, 2013, Vindu Babu said…
आपका बहुत स्वागत है आदरणीय!
सादर
At 6:03pm on August 22, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

आदित्य भाई , बहुत वहुत स्वागत है आपका !

At 6:56pm on August 13, 2013, विजय मिश्र said…

आदित्यजी ,शुभसंध्या ,

दोस्ती के न्योते केलिए हार्दिक आभार , शुभकामना कि जीवन के हर क्षेत्र में उत्कर्ष प्राप्त होता रहे ,यशस्वी रहें . अभिनंदन .

At 12:58pm on August 5, 2013, बृजेश नीरज said…

आदरणीय मित्रता योग्य समझने हेतु आपका आभार!

At 10:48am on May 26, 2011, raj jalan said…
happy birth day
At 10:28am on May 26, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 10:15pm on October 6, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 9:14am on October 6, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , पूरी ग़ज़ल बहुत खूबसूरत हुई है , हार्दिक बधाई स्वीकार करें मतले के उला में मुझे भी…"
33 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आदरणीय भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और विस्तार से सुझाव के लिए आभार। इंगित…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आ. बृजेश ब्रज जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है. बधाई स्वीकार करें.मतले के ऊला में ये सर्द रात, हवाएं…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'

बह्र-ए-मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफमुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन1212  1122  1212  112/22ये सर्द…See More
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपके सकारात्मक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई  आपकी इस प्रस्तुति पर कुछेक…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
19 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"बूढ़े न होने दें, बुजुर्ग भले ही हो जाएं। 😂"
19 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ सर,अजय जी ने उर्दू शब्दों की बात की थी इसीलिए मैंने उर्दू की बात कही.मैं जितना आग्रही उर्दू…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय, धन्यवाद.  अन्यान्य बिन्दुओं पर फिर कभी. किन्तु निम्नलिखित कथ्य के प्रति अवश्य आपज्का…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश जी,    ऐसी कोई विवशता उर्दू शब्दों को लेकर हिंदी के साथ ही क्यों है ? उर्दू…"
21 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मेरा सोचना है कि एक सामान्य शायर साहित्य में शामिल होने के लिए ग़ज़ल नहीं कहता है। जब उसके लिए कुछ…"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश  ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका बहुत शुक्रिया "
22 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service