For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिंदी सभ्यता मूल पुरातन भाषा है
संस्कृति के जीवित रहने की आशा है
एक चिरंतन अभिव्यक्ति का साधन है
भारत माता का अविरल आराधन है

हिंदी पावनता का एक उदाहरण है
मातृभूमि की अखंडता का कारण है
उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक
सारी बोलीं हिंदी माता की चारण हैं

हिंदी सरस्वती, दुर्गा माँ काली है
संस्कृति की पोषक माँ एक निराली है
पूरब में उगते सूरज की आभा है
पश्चिम में छिपते सूरज की लाली है

जन मन की अभिव्यक्ति की परिभाषा है
मनीषियों की आतुर ज्ञान पिपाशा है
जिज्ञासु मानवता की जिज्ञासा है
हिंदी भाषण ही मेरी अभिलाषा है

मौलिक एवम अप्रकाशित
- आदित्य राणा

Views: 854

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on September 18, 2016 at 11:29pm

हिंदी सरस्वती, दुर्गा माँ काली है
संस्कृति की पोषक माँ एक निराली है
पूरब में उगते सूरज की आभा है
पश्चिम में छिपते सूरज की लाली है........वाह ! बहुत सुंदर भावपूर्ण.

आदरणीय आदित्य कुमार जी सादर, सुंदर रचना हुई है. बहुत-बहुत बधाई. सादर.

Comment by Aditya Kumar on September 16, 2016 at 3:02pm

बहुत बहुत धन्यवाद् आदरणीया   KALPANA BHATT  जी 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 15, 2016 at 9:33pm

बहुत सुंदर रचना | हार्दिक बधाई |

Comment by Aditya Kumar on September 15, 2016 at 5:46pm

बहुत बहुत धन्यवाद् आदरणीया  Alka Changa  जी 

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on September 15, 2016 at 5:19pm

बहुत सुन्दर ....बधाई 

Comment by Aditya Kumar on September 15, 2016 at 3:37pm

हार्दिक धन्यवाद् आदरणीय  Samar kabeer जी 

Comment by Aditya Kumar on September 15, 2016 at 3:36pm

हार्दिक धन्यवाद् आदरणीया   Meena Pathak जी 

Comment by Samar kabeer on September 15, 2016 at 3:30pm
जनाब आदित्य राणा जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति के लिये बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Meena Pathak on September 15, 2016 at 3:18pm

बहुत बहुत सुन्दर ....बधाई 

Comment by Aditya Kumar on September 15, 2016 at 12:42pm

धन्यवाद् आदरणीय ram shiromani pathak जी  !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service